तस्वीरों में देखिए गोण्डा का पसका मेला

Update: 2017-01-12 19:46 GMT
गोंडा मुख्यालय से करीब 36 किमी दूर स्थित सूकरखेत में हर साल पूस के महीने में पसका मेला लगता है।

हरि शुक्ला (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)

गोंडा मुख्यालय से करीब 36 किमी दूर स्थित सूकरखेत में हर साल पूस के महीने में पसका मेला लगता है। कृष्ण पक्ष से शुरू होकर पूरे माह तक चलता है। 11 जनवरी को यह मेला शुरू हुआ। गुरुवार को मुख्य स्नान शुरू हुआ जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह मेला कई वजहों से विशेष महत्व रखता है।

यह गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरहरिदास की तपोस्थली व तुलसीदास की जन्मस्थली मानी जाती है। तुलसीदास ने अपने एक सोरठे में अपने गुरु का नाम भी लिया है।
इस बार मेले की तरफ लोगों का ज्यादा ध्यान आकर्षित करने के लिए सर्कस, काला जादू, कठपुतली शो, मौत का कुंआ, झूला, बेबी शो, ट्वाय ट्रेन, एनीमल झूला, वाटर पार्क, मिक्की माउस व फैशन शो शोभा बढ़ा रहे हैं।
यह भगवान विष्णु के वाराह अवतार का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान विष्णु ने वाराह का रूप धारण कर हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध किया था इसलिए इस स्थल को सूकरखेत के नाम से जाना जाता है।

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