सड़क और बिजली नहीं तो वोट भी नहीं, ग्रामीणों ने किया मतदान बहिष्कार

Update: 2017-01-09 15:41 GMT
उन्नाव के हरसिंहपुर गाँव में मतदान बहिष्कार करते ग्रामीण।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट- मोहित अस्थाना

बीघापुर(उन्नाव)। आजादी के 70 वर्ष बाद भी यदि लोग आधारभूत सुविधाएं सड़क, बिजली, पानी आदि से वंचित हैं तो यह देश की उस व्यवस्था का आइना है जिसमें सरकारें दावा करती हैं कि हमने गांवों तक हर सुविधा उपलब्ध करा दी है।

विकास खण्ड सिकन्दरपुरकरन की ग्राम सभा पंसरिया के मजरा हरसिंहपुर के ग्रामीणों ने इस बार मतदान न करने का फैसला लिया है। गांव में बड़े-बड़े मतदान विरोधी बैनर लगा दिए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि सड़क और बिजली नहीं, तो वोट नहीं। पूरे गांव में कहीं घरों का गंदा पानी तक निकालने की व्यवस्था नहीं है, गांव की गलियां कच्ची हैं। उन्हीं गलियों में नालियों का गंदा पानी भरा हुआ है, जो बीमारियों को न्यौता दे रहा है। गांव में विकास के नाम पर कहीं एक ईंट लगी नहीं दिखाई दे रही है । आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क, बिजली, शुद्ध पेय जल, सुविधाएं पूरी तरह से नदारद हैं। यह आजाद भारत में केंद्र सरकार स्वच्छ भारत के लिए उन दावों की असली तस्वीर है।

वहीं ग्रामीणों का आरोप यह है कि ग्राम सभा के प्रधान लगातार तीन पंचवर्षीय से वही परोक्ष या अपरोक्ष रूप से ग्रामप्रधानी चला रहे हैं। ग्राम प्रधान मोहिनी सिंह हैं। जबकि मजरा हरसिंहपुर में केवल पिछड़े व दलित वर्ग के लोग रहते हैं।

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