#स्वयंफेस्टिवल: शाहजहांपुर के एक छोटे गाँव की महिलाओं के चेहरे पर योगा से आई खुशी  

Update: 2016-12-20 17:00 GMT
शाहजहांपुर से 20 किलोमीटर दूर अर्कारा रसूलपुर गाँव में योग करते बच्चे, बूढ़े और जवान।

शाहजहांपुर। शाहजहांपुर से 20 किलोमीटर दूर अर्कारा रसूलपुर गाँव के निवासियों के लिए आज की सुबह एक आम सुबह नहीं थी। साँसों के उतार-चढ़ाव में सेहत के गुर सीखती 40 से ज़्यादा महिलाओं की सुबह आज योग के अभ्यास से शुरू हुई। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन के स्वयं फ़ेस्टिवल में शामिल हुई, ये महिलाएं अपने इस छोटे से गाँव में हुए योग शिविर में शामिल होकर बहुत उत्साहित थी। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन के साथ मनीषि ताइक्वांडो वेलफेयर असोसिएशन इस कार्यक्रम में पार्टनर की भूमिका में शामिल हुआ।

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गाँव की निवासी रजनी वर्मा (26), अपने गाँव में हुए अपनी तरह के इस पहले योग शिविर में शामिल होने सुबह-सुबह शिविर स्थल पर मौजूद थी। “मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है, मैं तो कल भी यहां आना चाहूंगी।” ये कहते हुए उनका उत्साह देखते ही बन रहा था।

अर्कारा गाँव के प्रधान रतीराम वर्मा ने इस पहल के लिए खुशी ज़ाहिर करते हुए कहते हैं-“हमारे यहां पहली बार इस तरह का कोई कार्यक्रम हुआ है, इसके लिए हम गाँव कनेक्शन का धन्यवाद करना चाहते हैं। योग से कई रोग दूर होते हैं इसलिए यह हमारे गाँव के लिए एक अच्छी शुरुआत है।”

शाहजहांपुर से 20 किलोमीटर दूर अर्कारा रसूलपुर गाँव में योग करते बच्चे।

अर्कारा रसूलपुर के निवासियों के लिए ये इस तरह का पहला मौक़ा था जब इतनी सारी महिलाएं मिलकर एक साथ योग के कार्यक्रम में शामिल हुई। आमतौर पर ग्रामीण महिलाओं को इस तरह के मौके नहीं मिल पाते जब वो सामूहिक रूप से योगाभ्यास करना सीख पाएं। इस कार्यक्रम में न केवल महिलाओं ने योग के अलग-अलग आसन सीखे बल्कि उन्हें उनका महत्त्व भी बताया गया।

शाहजहांपुर से 20 किलोमीटर दूर अर्कारा रसूलपुर गाँव में योग करते बच्चे, बूढ़े और जवान।

गाँव प्रधानाचार्य मुदित ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा “प्रधानमंत्री जी ने योग को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है पर गाँव के सुदूरवर्ती लोगों तक योग का कार्यक्रम अब भी नहीं पहुंच पाया है। आज हमारे गाँव के कई बुजुर्गों, महिलाओं और विद्यार्थियों ने पहली बार योग किया। गाँव कनेक्शन का यह प्रयास इसलिए भी सराहनीय है क्यूंकि योग लोगों को मानसिक आज़ादी की तरफ़ ले जाता है।”

शहरों में मानसिक तनाव को एक समस्या के तौर पर देखा जाता है और उसके समाधान के उपाय भी हैं, लेकिन गाँव में लोगों में इसके प्रति जागरूकता का अभाव है। ख़ासकर महिलाओं के मानसिक तनाव को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। यह मानसिक तनाव कई बीमारियों की जड़ होता है। ऐसे में योग न केवल लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी सेहतमंद बनाता है। अर्कारा रसूलपुर गाँव में एकदम नए तरीके से हुई इस सुबह को लेकर लोगों में ख़ासा उत्साह था।

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