मंदिर में हुई शादी, बराती-जनाती बने केंद्र के सदस्य

Update: 2017-02-07 14:05 GMT
मंदिर में आशा ज्योति केंद्र की टीम ने करवाई शादी।

अजय मिश्रा, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। आखिरकार महिला मित्र की शादी इंजीनियर प्रेमी से हो ही गई। मंदिर में सात फेरे लिए गए और इसकी गवाह बनी रानी लक्ष्मी बाई आशा ज्योति केंद्र की टीम। केंद्र के सदस्यों ने जनाती और बराती की भूमिका निभाई। बता दें कि रविवार को लड़की ने डायल 181 में फोन कर लड़के की जबरदस्ती शादी कराए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर केंद्र के सदस्यों ने तत्काल कार्रवाई कर शादी रुकवाई थी।

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सोमवार को जिले के विनोद दीक्षित अस्पताल में बने आशा ज्योति केंद्र में युवक और युवती के मामले की लिखा-पढ़ी चली। और देर शाम ऐतिहासिक सिद्धपीठ मां फूलमती देवी मंदिर में गाजियाबाद के रहने वाले कृष्ण कुमार ने उनकी पड़ोस की आठ साल पुरानी महिला मित्र रेखा की मांग में सिंदूर भरा। जयमाल के बाद में मंदिर में माता रानी को साक्षी मानकर सात फेरे लिए गए।

डायल 181 की काउंसलर देवांश प्रिया और श्रद्धा सिंह भदौरिया ने एक-दूजे को मिलाने में सहयोग किया। सीआईसी की काउंसलर अमिता सिंह और किरन सागर ने भी मंदिर में शादी के दौरान सहयोग किया। इससे पहले केंद्र पर ही आशा ज्योति केंद्र की टीम ने रेखा को दुल्हन की तरह सजाया भी। बाद में रेस्क्यू वैन से मंदिर तक ले गए। वर पक्ष से उसकी मां मौजूद थीं तो वधू पक्ष से कोई नहीं था। बताते चलें कि कृष्ण कुमार और रेखा के बीच आठ साल से जान-पहचान थी।

दोनों ही यूपी के गाजियाबाद जिले के विजय नगर के रहने वाले हैं। कृष्ण कुमार की बारात पांच फरवरी को कन्नौज आई थी। जब इसकी भनक रेखा को लगी तो उसने हेल्पलाइन 181 पर जानकारी दी थी।

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