उन्नाव: लापरवाही का करंट ले चुका है कई जानें

Update: 2017-02-08 14:41 GMT
जर्जर बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं में अब तक कई जानें जा चुकी हैं। हजारों बीघा फसलें भी चुकी हैं तबाह।

मोहित अस्थाना, कम्युनिटी रिपोर्टर

उन्नाव। जर्जर बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं में अब तक कई जानें जा चुकी हैं। इसके साथ ही विभागीय उदासीनता के चलते झूलते तारों के टकराने से हजारों बीघा फसलें भी अब तक तबाह हो चुकी हैं। बावजूद इसके विभागीय अमला सिर्फ मुआवजा दिलाने तक ही सीमित है यदि इन तारों को समय रहते दुरुस्त करा दिया जाए तो शायद ऐसी नौबत ही न आए, लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं देता।

जर्जर विद्युत लाइनों को बदलने का काम चल रहा है। जहां-जहां अभी भी स्थितियां खराब हैं वहां के स्टीमेट बनाए जा रहे हैं। इस घटना की रिपोर्ट तैयार कर विद्युत सुरक्षा विभाग को भेजी जाएगी ताकि मृतकों के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा मिल सके।
ए.के. दोहरे, अधिशाषी अभियंता, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम

कुछ दिन पहले शहर कोतवाली के पासिन खेड़ा गाँव में हुई घटना विभाग की कुछ ऐसी ही लापरवाही का नतीजा है। बता दें कि बैन्ड की ट्राली झूलते तारों की चपेट में आयी थी, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य गंभीर हो गये थे।

एक नवम्बर को पुरवा कोतवाली के कटांव गाँव निवासी वृंदा (70 वर्ष) व उनकी बहू सताना खेत में टूटे पड़े तार की चपेट में आकर झुलस गए थे। इसी दिन हसनगंज के डकवा जगदीशपुर गाँव में पोल टूटने की घटना में बिजली के तार के चपेट में आकर संजय रावत घायल हो गए थे, जबकि उसके साथी रंजीत की मौत हो गयी थी।

चार नवम्बर को सफीपुर में संविदा कर्मी विभाग की लापवाही की भेंट चढ़ गया था। फॉल्ट ठीक कर रहा कोइलीखेड़ा गाँव निवासी शिवराज की अचानक लाइन चालू होने से करंट की चपेट में आकर मौत हो गयी थी। पांच नवंबर को औरास थाना क्षेत्र में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ। यहां जमालनगर में खेतों में टूटे पड़े तार में दौड़ता करंट सोनिका (15 वर्ष) व सोनम (19 वर्ष) की मौत का कारण बना।

24 नवम्बर को बांगरमऊ के देवीदान पुरवा में लटकती एचटी लाइन में पाइप छूने से कैलाश और उसके भतीजे अशोक की मौत हो गयी थी। हर वर्ष झूलते तारों से होने वाली स्पार्किंग की भेंट चढ़कर किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार की फसलें जलकर स्वाहा हो जाती हैं। न जाने कितने मवेशी टूटे पड़े तारों की चपेट में आकर काल का ग्रास बन जाते हैं।

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