यूपी के 72 जिलों के स्कूली बच्चों को तंबाकू से किया जाएगा सचेत 

Update: 2017-02-12 10:59 GMT
बच्चों और युवाओं में बढ़ते तंबाकू के इस्तेमाल को देखते हुए प्रदेश के 72 जिलों के स्कूलों और कॉलेजों में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। अजीत कुमार (8 वर्ष) एक दिन में तीन गुटखा खाता है और उसको इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि तंबाकू का सेवन शरीर के लिए कितना हानिकारक है।

बच्चों और युवाओं में बढ़ते तंबाकू व उसके अन्य उत्पादों के प्रति झुकाव को देखते हुए प्रदेश के 72 जिलों के स्कूलों और कॉलेजों में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 2015-2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे देश में प्रतिदिन 5500 नये युवा तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं। देश में प्रतिदिन 3500 से ज्यादा लोगों की मौत होती है। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 तम्बाकू के प्रयोग के कारण मरते हैं।

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूर सरोजनी नगर ब्लॉक के रामचौरा गाँव में रहने वाला अजीत पांचवी कक्षा में पढ़ता है। धीमी आवाज में अजीत बताते हैं, “खाना अच्छा लगता है पापा भी खाते हैं। स्कूल के दोस्त भी खाते हैं।” हाल ही में स्वास्थ्य निदेशक जीके कुरील ने जारी आदेश में कहा है, “सूबे के 72 जिलों के स्कूलों में जागरुकता संबंधी कार्यक्रम किए जाएंगे। इनके जरिए बच्चों को विभिन्न जानकारियां दी जाएंगी। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत शामली, हापुड़ व संभल को नहीं शामिल किया गया।”

“ज्यादातर बच्चे अपने परिवार से ही तंबाकू खाना सीखते हैं। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों के सामने सेवन नहीं करना चाहिए। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन प्रदेश के सभी जिलों में किया जा रहा है।” ऐसा बताते हैं, लखनऊ के अपर मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ. सुनील रावत।

डॉ. रावत आगे बताते हैं, “प्रदेश के सभी जिलों में नोडल अधिकारी हैं जो स्कूली बच्चों को तंबाकू खाने से होने वाली हानियों के बारे में सचेत कर रहे हैं। हम यह भी देखते हैं कि स्कूल के 100 मीटर की दूरी पर तंबाकू की दुकान नहीं होनी चाहिए। अगर मिलती है तो उस पर कार्रवाई करते हैं।”

ज्यादातर बच्चे अपने परिवार से ही तंबाकू खाना सिखते हैं। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों के सामने सेवन नहीं करना चाहिए। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन प्रदेश के सभी जिलों में किया जा रहा है।
डॉ. सुनील रावत, अपर मुख्यचिकित्साधिकारी, लखनऊ

धूम्रपान के कारण होने वाली बीमारियां

धूम्रपान से होने वाली प्रमुख बीमारियां हैं, ब्रॅानकाइटिस, एसिडिटी, टीबी, ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, फॅालिज, नपुंसकता, माइग्रेन सिरर्दद, आदि। तम्बाकू से लगभग 40 तरह के कैंसर होते हैं, जिसमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट का कैंसर, पेट का कैंसर, ब्रेन टयूमर आदि। धूम्रपान से हो रहे विभिन्न कैंसरों में विश्व में मुख का कैंसर सबसे ज्यादा है।

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