उत्तर प्रदेश होगा खुरपका-मुंहपका बीमारी से मुक्त

Update: 2017-02-18 10:01 GMT
पशुओं में होने वाली घातक बीमारी खुरपका-मुंहपका से उत्तर प्रदेश को मुक्त घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पशुओं में होने वाली घातक बीमारी खुरपका-मुंहपका से उत्तर प्रदेश को मुक्त घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है।

“हर महीने एनीमल डिसीज सर्विलांस रिपोर्ट 75 जिलों से आती है। बीते दो वर्षों में कोई भी ऐसा केस सामने नहीं आया है इसी को देखते हुए यह प्रस्ताव भेजा गया है। उत्तर प्रदेश के अलावा दो राज्य और है जिन्होंने प्रस्ताव भेजे है।” ऐसा बताते हैं, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीके सिंह।

सिंह आगे बताते हैं, “उत्तर प्रदेश को खुरपका मुंहपका मुक्त घोषित करना एक बड़ा कदम है। इस पर सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है। पहले इस अभियान को चलाने के पूरा पैसा भारत सरकार देती थी लेकिन अब 60 प्रतिशत भारत सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देती है। पूरे प्रदेश में हर साल नौ करोड़ 10 लाख वैक्सीन की खपत होती है।”

खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) एक संक्रामक रोग है जो विषाणु द्वारा फैलता है। इस बीमारी को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा हर वर्ष दो बार गाँव-गाँव जाकर टीकाकरण किया जाता है।

टीकाकरण के लिए बनाई जाती है टीम

टीकाकरण करने के लिए हर जिले में टीम बनाई जाती है, जिसमें एक डॉक्टर, दो पशुधन प्रसार अधिकारी, दो चतुर्थ श्रेणी होते है। इस टीम के द्वारा दिनभर में 400 टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।

इसके टीकाकरण की 2003 में शुरुआत

खुरपका मुहंपका रोग नियंत्रण टीकाकरण की शुरुआत उत्तर प्रदेश में 20 दिसम्बर 2003 को 16 जिलों में हुई थी। वर्ष 2014 में पूरे प्रदेश में इस अभियान को शुरु कर दिया गया। हाल ही में इसको 13 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है।

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