स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। सूखा पड़ने की संभावना को देखते हुए पशुपालन विभाग ने नए मानक जारी किए हैं। जिसके अन्तर्गत यदि इस आपदा में किसी पशु की मौत होती है तो पशुपालक को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में आपदा प्रबंधन योजना के तहत कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया, ‘’विभाग द्वारा हर जिले में आपदा प्रबंधन की कार्य योजना के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी सूखा पड़ने की संभावना है, इसलिए पहले से ही मानक तैयार कर लिए गए हैं। जिसके अन्तर्गत छोटे पशुओं (भेड़, बकरी, मुर्गी आदि) को 30 रुपए का आहार और बड़े पशुओं (गाय, भैंस, घोड़ा आदि) को 70 रुपए की आहार विभाग की ओर से दिया जाएगा।” डॉ. सिंह आगे बताते हैं, “अगर आपदा से कोई भी पशु की मृत्यु होती है तो वह अपने क्षेत्र के लेखपाल और नजदीकी पशुचिकित्सा अधिकारी को सूचना दें, तभी उसको मुआवज़े की राशि मिलती है।”
आपदा के दौरान पशु की मृत्यु होने पर मिलने वाली राशि के बारे शाहजहांपुर जिले के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया, ‘’निदेशालय से सूखा राहत के लिए निर्देश आए हैं, जिसके तहत तैयारियां शुरू की गई हैं। यदि आपदा के दौरान किसी पशु की मृत्यु होती है तो पहले लेखपाल के पास से रिपोर्ट आती है तब हम पशु का पोस्टमार्टम करते हैं। उसके बाद पशु पालक को मुआवजा मिलता है।”
पशुओं की मौत पर मुआवजा
- दुधारू पशु गाय, भैंस- तीस हजार रुपए
- बैल, घोड़ा, ऊंट - पच्चीस हजार रुपए
- बछड़ा, गधा -सोलह हजार रुपए
- भेड़, सूकर, बकरी- तीन हजार रुपए
- मुर्गी -पच्चास रुपए प्रति
आपदा के दौरान
आपदा के दौरान पशु मृत्यु होने पर भारत सरकार से नवीनतम राहत मानक तैयार किए गए हैं। इसके तहत आपदा में मरने पशुओं के मालिकों को मुआवजा मिलेगा।
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