#स्वयंफेस्टिवल:कोटेदार सुनता नहीं, कैसे मिलेगा राशन?

Update: 2016-12-30 18:08 GMT
राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन देते ग्रामीण।

कम्युनिटी रिपोर्टर - अरविंद सिंह परमार (28 वर्ष)

भैरा (ललितपुर)। “राशन कार्ड के लिए कई बार आनलाइन आवेदन किया, कोटेदार के पास जमा किया, लेकिन आज तक ना तो राशन कार्ड मिला, ना ही अनाज। कई बार कोटेदार और अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटे बस कह दिया जाता है कि कोटेदार से मिलिए लेकिन वह सुनता नहीं है।

यह शिकायत दर्जनों गाँववालों ने की। कोटेदार की घटतौली से परेशान आधा सैकड़ा से अधिक लोगों ने लिखित में शिकायत देते हुए बताया कि 'कोटेदार घटतौली करता है, और पैसे पूरे लेता है लेकिन खाद्यान कम मिलता है।'

एक नंगा पे विफत पडी है, घर घर फिरत है मारो मारो...... यही हाल है गरीब की कोई नहीं सुनता यह कहना है राम स्वरूप (55 वर्ष) का। शिकायतें तो होती हैं, लेकिन पारइदर्शिता से निस्तारण नहीं होता, जिस वजह से अपात्र पात्र बन जाते हैं, और पात्र अपात्र। सुनतिया कुम्हार (46 वर्ष) ने उदास होकर शिकायत देते हुए कहा कि "हम काफी गरीब हैं, न राशन कार्ड है, ना ही शौचालय, आवास, समाजवादी, गैर सिलेन्डर योजनाओं का लाभ नहीं मिलता, साहब हमे लाभ दिलवा दो।

गाँव कनेक्शन चौपाल में आईं शिकायतें

गाँव कनेक्शन की ओर से चल रहे स्वयं फेस्टिवल के तहत 5 दिसंबर को महरौनी ब्लाक के गाँव भैरा में 'गाँव कनेक्शन चौपाल' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गाँव सहित पड़ोसी गाँवों के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। गौरतलब है कि गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 25 जिलों में 2 से 8 दिसंबर तक स्वयं फेस्टिवल मनाया जा रहा है। फेस्टिवल में 1000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

लोगों की समस्याएं सुनते जिला पूर्ति कार्यालय में अफसर शैलेंद्र कुमार।

गरीब जनों के लिए है योजना

जिला पूर्ति कार्यालय के अधिकारी शैलेन्द्र कुमार ने चौपाल में प्रतिभागिता की। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की पात्रता व क्रियान्वयन पर कहा कि "यह योजना गरीब जनों की है, जिससे भूख का संकट दूर हो। प्रति यूनिट पांच किलो खाद्यान शासन से दिया जाता है, जिससे हर पात्र को इसका पूरा लाभ मिल सके।" उन्होंने कहा कि "शिकायतों की जांच की जायेगी, और समयावधि मे निस्तारण किया जायेगा।"

चौपाल के दौरान ग्रामीणों की ओर से 115 शिकायती आई, इसमें सर्वाधिक पूर्ति कार्यालय से संबंधित शिकायतें हैं, समाज कल्याण, विकास विभाग व विद्युत विभाग से संबंधित शिकायतें आईं। पड़ोसी गाँव अमौरा व दरौनी के ग्रामीण बिजली न आने से परेशान है, जिससे खेतों में पानी नहीं हो पा रहा है, फसल सूख रही है यह कहना है, पंचम सिंह (36 वर्ष) अमौरा का।

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