तीन लाख तक टैक्स माफ होने से लोगों में ख़ुशी

Update: 2017-02-01 18:47 GMT
अरुण जेटली ने बजट को विकास की ओर ले जाने वाला बताया।

बसंत कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 का आम बजट पास करते हुए तीन लाख रुपए तक टैक्स फ्री कर दिया है। जहां एक ओर लोग सरकार के इस फैसले के पक्ष में हैं तो कई लोग इसके विरोध में भी हैं।

देश के मध्य वर्ग को राहत देते हुए अरुण जेटली ने तीन से पांच लाख की आय पर लगने वाले इन्कम टैक्स को दस फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। बजट पास करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि देश में सिर्फ 24 लाख लोगों ने अपनी वार्षिक आय 10 लाख से अधिक की घोषणा की है। देश के 99 लाख लोगों ने अपनी वार्षिक आए 2.50 लाख से कम कम बताया है।

प्रतापगढ़ के रहने वाले आजम सिद्दीकी सरकार के इस फैसले पर बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं। आजम कहते हैं कि नोटबंदी के कारण हम व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ था। हम उम्मीद में थे कि सरकार बजट में आम लोगों के लिए रियायत देगी लेकिन सरकार ने बजट में हमें निराश किया है।

पांच लाख रुपये तक की आमदनी वालों का इनकम टैक्स आधा कर दिया गया है। अब 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की कमाई पर 10 फीसदी की बजाए पांच फीसदी टैक्स भरना होगा। सरकार की इस घोषणा से पांच लाख रुपये की सालाना आय वाले को वार्षिक करीब साढ़े बारह हजार रुपये की बचत होगी।

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लखनऊ के रहने वाले मोहमद अनस बताते हैं कि सरकार कम से कम टैक्स फ्री की सीमा पांच लाख तक बढ़ाती तो छोटे व्यापरियों को कुछ फायदा भी होता। पहले 2.50 लाख तक फ्री था ही, सरकार बस 50 हज़ार तक फ्री की है।

पहले 2.50 लाख रुपए तक टैक्स फ्री था, लेकिन इस बार के बजट में सरकार ने तीन लाख तक टैक्स मांफ कर दिया है। अब तीन लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा, तीन से पांच लाख पांच प्रतिशत टैक्स, पांच लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत और 10 लाख से ज्यादा 30 प्रतिशत देना होगा।

सरकार पांच लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय पर 12,500 रुपए की छूट देने की घोषणा की और 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की वार्षिक आय पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा।

विशालखंड में रहने वाली नीना माथुर सरकार के फैसले से खुश नज़र आयीं, नीना ठाकुर बताती हैं कि हम वेतनभोगी लोगों के लिए फायदा ही है, पहले से कम ही टैक्स कटेगा।

इन्कम टैक्स मामलों के वकील विकास बरनवाल बताते हैं कि सरकार के इस फैसले का स्वागत होना चाहिए। अब हर आदमी जिसकी आय 2.50 लाख से ज्यादा है वो कम से कम साल भर में पांच हज़ार रुपए तो बचेगा। सरकार का यह फैसला आप लोगों के हित में हैं।

बजट पास करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का वर्तमान बोझ मुख्यता ईमानदार करदाताओं और वेतनभोगी कर्मचारियों पर है, जिन्होंने ईमानदारी से अपनी सम्पति घोषित किया था। इसलिए नोटबंदी के बाद इस वर्ग के लोगों की उम्मीद जायज है कि उन पर से कर का बोझ कम किया जाए।

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