नई दिल्ली (भाषा)। योग को बढ़ावा देने की मोदी सरकार की मुहिम के बीच आयुष मंत्रालय ने शारीरिक एवं मानसिक तंदुरुस्ती के लिए प्रयुक्त इस प्राचीन विधा का प्रशिक्षण देने वाली संस्थानों को प्रमाणित करने का फैसला किया है, ताकि गुणवत्ता नियंत्रण और मूलभूत मानक विहीन ऐसे केंद्रों की बेतहाशा बढ़ती संख्या पर लगाम लगाई जा सके।
मंत्रालय ने देशभर में मौजूद योग संस्थानों को इस साल के आख़िरी तक सरकारी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने को कहा है, जिसका मापदंड मंत्रालय ने पहले ही तैयार कर लिया है।
आयुष मंत्री एसवाई नाईक ने बताया, ‘‘योग प्रशिक्षण सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए यह योजना एक व्यवस्था उपलब्ध कराती है।'' आयुष विभाग के सचिव अजित एम शरण ने बताया कि मंत्रालय इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने वाला है।
यह योजना योग में प्रशिक्षण और डिप्लोमा, डिग्री कोर्स की पेशकश करने वाले वेलनेस सेंटर और संस्थानों दोनों पर लागू होगी। प्रमाणीकरण के लिए निर्दिष्ट संस्थानों के बुनियादी सुविधाओं, वहां काम कर रहे प्रशिक्षकों की संख्या, स्थापना का समय और संस्थान द्वारा उपलब्ध कोर्स सहित विभिन्न मानदंडों को शामिल किया जाएगा।
भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के महासचिव आरपी सिंह ने बताया कि प्रमाणन की मांग करने वाली किसी संस्था को क्यूसीआई में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग वेबसाइट पर विस्तृत प्रामणीकरण फॉर्म डाल देंगे। एक दिशा निर्देशक पुस्तिका भी प्रकाशित की जाएगी और इसे सभी संस्थानों मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। संस्थानों के आवेदन के बाद हमारे आकलनकर्ता उनके संस्थान का दौरा करेंगे और फिर यह फैसला करेंगे कि आयुष मंत्रालय का प्रमाणपत्र पाने की वे योग्यता रखते हैं या नहीं।''