अच्छी खबर: अब आसानी से करा सकते हैं, दूध व दूध से बने प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग

राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में स्थित राष्ट्रीय दुग्ध गुणवता एवं सुरक्षा रेफरल केंद्र को मान्यता मिल गई है। अब दूध व दूध से बने उत्पाद जैसे घी, मिल्क पाउडर, डेरी व्हाइटनर, चीज तथा पनीर आदि की टेस्टिंग कर सकेंगे।

Diti BajpaiDiti Bajpai   16 May 2018 2:10 PM GMT

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अच्छी खबर: अब आसानी से करा सकते हैं, दूध व दूध से बने प्रोडक्ट्स की टेस्टिंगएनडीआरआई के रेफरल केंद्र को मिला एनबीएल प्रयोगशाला का प्रमाण पत्र

करनाल। राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में स्थित राष्ट्रीय दुग्ध गुणवता एवं सुरक्षा रेफरल केंद्र को नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) से रसायन परीक्षण के लिए मान्यता मिल गई है। अब डेरी उद्योग व आम उपभोक्ता भी यहां पर दूध व दूध से बने प्रोडक्ट की टेस्टिंग करवा सकेंगे।

"एनएबीएल बोर्ड ने आईएसओ/आईईसी 17025-2005 के अनुसार हमारी लैब का मूल्यांकन किया गया था, जिसके आधार पर रेफरल लैब को दूध व दूध से बने उत्पाद जैसे घी, मिल्क पाउडर, डेरी व्हाइटनर, चीज तथा पनीर आदि की टेस्टिंग करने की मान्यता मिल गई है, जोकि मार्च 2020 तक मान्य है।" रेफरल केंद्र कैमेस्ट्री सेक्शन के इंचार्ज डॉ. राजन शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, "जिसके बाद इसे दोबारा से रिन्यू करवाया जाएगा। अगर कोई उपभोक्ता अपने प्रोडक्ट की जांच करवाना चाहता है तो वह संस्थान के परामर्श केंद्र में संपर्क कर सकता है।"

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एनडीआरआई के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने बताया, "एनडीआरआई में दूध व दूध से बने उत्पादों की टेस्टिंग लम्बे समय से की जा रही है। लेकिन एनएबीएल की मान्यता मिलने के बाद परीक्षणों के परिणाम की प्रमाणित ओर ज्यादा बढ़ जाएगी।" उन्होंने बताया, "यह डेयरी उद्योग के साथ-साथ नियामक एजेंसियों की यह लम्बी मांग थी कि आईसीएआर-एनडीआरआई में दूध व दुग्ध उत्पादों की टेस्टिंग के लिए एक परीक्षण केंद्र स्थापित किया जाए। एनएबीएल लैब से डेरी उद्योगों को काफी फायदा होगा।"

इस अवसर पर डा. संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. बिमलेश मान ने कहा, "यह लैब अत्याधुनिक टेस्टिंग संबंधित उपकरणों से सुसजित है। डेरी उद्योगों व उपभोक्ताओं को दूध व दूध से बने उत्पादों में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स तथा मिलावट सहित अन्य प्रकार के टेस्ट करवाने के लिए एनएबीएल से प्रमाणित इस प्रयोगशाला का लाभ उठाना चाहिए।"

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