कैरी देबेंद्र : दोहरे लाभ देने वाली वाली मुर्गे की नस्ल, 12 हफ्ते में होता है तैयार

गाँव कनेक्शन | Nov 29, 2017, 10:16 IST
मुर्गी पालन
कम लागत में मांस और अंडे के लिए जल्दी तैयार होने वाली मुर्गी 'कैरी देबेंद्र' को अगर कोई मुर्गीपालक पलता है तो पहले की अपेक्षा उसे ज्यादा लाभ होगा। ऐसा कहना है, केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एमपी सागर का।

क्या है इस प्रजाति की खासियत

कैरी देबेंद्र प्रजाति का मुर्गा लगभग 12 सप्ताह में मांस के लिए तैयार हो जाता है। इसका वजन लगभग 1700-1800 ग्राम हो जाता है, जिसकी बाजार में कीमत 500 से 600 रुपए तक होती है। कैरी देबेंद्र प्रजाति की मुर्गी लगभग 18 हफ्तों में अंडा देने के काबिल हो जाती है और पूरे साल में 200 अंडे देती है। इसका अंडा लाल होता है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 10 रुपए होती है।

कोई खर्चा नहीं आता

इस प्रजाति के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सागर बताते हैं, ''मुर्गीपालक इस प्रजाति के नर-मादा को पालकर अच्छा लाभ कमा सकता है। क्योंकि इनके आहार की पूर्ति के लिए दाने की जरुरत नहीं होती है। यह खुले में चरकर अपना पेट भर लेती हैं। यह प्रजाति मांस और अंडे देने के लिए अच्छे से तैयार की जाती है।'' वो आगे बताते हैं, ''हैचरी से मुर्गियों के खरीदने के अलावा मुर्गीपालक का कोई खर्चा नहीं आता है।''

कैरी देबेंद्र की विशेषताएं

  • यह खिलाने में कोई खर्चा नहीं आता है।
  • घर का बना खाना भी इनको डाल सकते हैं।
  • यह चरने पर ही निर्भर रहती है।
  • अंडा देते समय इनकी मृत्युदर कम होती है।
  • इसका मांस शरीर के काफी लाभदायक होता है।

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