अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर इन बेटियों को अधिकारियों ने एक दिन के लिए सौपें अपने पदभार

Neetu SinghNeetu Singh   11 Oct 2017 7:55 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर इन बेटियों को अधिकारियों ने एक दिन के लिए सौपें अपने पदभारपद ग्रहण करने वाली गाँव की सशक्त लडकियां 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर कुछ जिम्मेदार अधिकारियों ने एक दिन का कार्यभार इन ग्रामीण बेटियों को सौंपा। बीडीओ से लेकर ग्राम प्रधान तक के पद एक दिन संभालकर इन बेटियों ने गौरवान्वित महसूस किया।

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर मॉल ब्लॉक के कई जिम्मेदार अधिकारियों ने आसपास ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को एक दिन का चार्ज सौंपकर इनके आत्मविश्वास को मजबूत करने का प्रयास किया है। मॉल ब्लॉक के रुदानखेड़ा गाँव की रहने वाली डॉली यादव (17 वर्ष) को एक दिन का बीडीओ का चार्ज दिया गया। डॉली खुश होकर बताती हैं, "कभी हमें भी इस कुर्सी पर बैठने को मिलेगा, ऐसा कभी हमने सोचा नहीं था। मै बहुत मेहनत से पढ़ाई करूंगी और हकीकत में एक दिन कोई बड़ी अधिकारी बनूंगी।" डॉली के चार्ज संभालते ही एक फरियादी आये हबीब(60वर्ष) ने कहा, "हमारे गाँव में बहुत गंदगी है,नालियां भरी पड़ी हैं,कोई सुनता नहीं है।" डॉली बनी बीडीओ ने इनकी शिकायत नोट की और कहा, "हम नालियां साफ करवा देंगे, पर आप भी गाँव की साफ-सफाई में सहयोग करें।"

ये भी पढ़ें- International Literacy Day खुद निरक्षर लेकिन सैकड़ों को दिला रहे शिक्षा

बीडीओ भोलानाथ कनौजिया ने डॉली यादव (17 वर्ष) को चार्ज दिया।

वहीं बीडीओ भोलानाथ कनौजिया ने कहा, "हम हमेशा चाहते हैं बेटियों को इस तरह के पदों पर आसीन होना चाहिए,ये प्रक्रिया सिर्फ एक दिन की नहीं बल्कि हर दिन 12 बजे के बाद कोई भी बेटी या महिला हमारे पद को संभाले, हम उस दौरान फील्ड विजिट पर निकल जाएंगे।" उन्होंने आगे कहा, "इस समय स्वच्छ भारत का अभियान बहुत तेजी से चल रहा है, अगर घर की महिला या बेटी जिद कर लें तो शौचालय जरूर बन जायेगा, इस अभियान में इन्हें आगे आना चाहिए।"

वहीं एडीओ का चार्ज संभाले शबीना बानो (18 वर्ष) ने कहा, "पंचायत में इस समय क्या-क्या चल रहा है दिनभर में ये समझ पायी, एक गाँव में जाकर लोगों से बात भी की। जहाँ पर गाँव के लोगों ने नाली, खडंजा, शौचालय, पेंशन जैसी कई तरह की समस्याएं बतायीं।" शबीना ने एक घण्टे में आयी कई शिकायतों को नोट किया। अपना एक दिन का चार्ज सौंपने वाले एडीओ रविन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कहा, “किसी भी पद की जिम्मेदारी अगर महिला संभालती है तो उसका निर्वाह बेहतर ढंग से हो पाता है, लड़कियां हर काम को जिम्मेदारी से करती हैं।"

सीडीपीओ सरस्वती रौतेला ने अपना एक दिन का चार्ज गढ़ी गाँव की प्रियंका सिंह(18 वर्ष) को सौंपा। सरस्वती रौतेला ने प्रियंका को बताया, "ब्लॉक में 173 आंगनबाड़ी केंद्र हैं,जिसमें 7 सुपरवाइजर हैं, एक सुपरवाइजर की देखरेख में कम से कम 20 से 25 केंद्र हैं, 10 आंगनबाड़ी केंद्र का चार्ज पास की आंगनबाड़ी को सौंपा है, आंगनबाड़ी के 10 पद रिक्त हैं, 12 पद सहायिका के रिक्त हैं।" चार्ज संभाली प्रियंका आंगनवाड़ी केंद्रों के भ्रमण पर निकल गयीं।

चंदवारा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान बेचालाल ने 18 वर्षीय अवंतिका को एक दिन का चार्ज दिया।अवंतिका ने सभी ग्रामीणों के साथ खुली बैठक की जिसमें चार्ज संभाले बीडीओ,एडीओ,सीडीपीओ सभी अधिकारी मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें- World Blood Donor Day: आप रक्तदान कर रहे हैं फिर भी खून की कमी झेल रहे हैं, आखिर क्यों?

एडीओ रविंद्र कुमार त्रिपाठी ने शबीना बानो (18 वर्ष) को चार्ज दिया।

उत्तरप्रदेश के लखनऊ में काम कर रही संस्था वात्सल्य और प्लान इण्डिया के सहयोग से मॉल ब्लॉक में ये कार्यक्रम संपन्न कराया गया। वात्सल्य संस्था के अंजनी सिंह ने बताया, "समाज में ये सन्देश जाए की कोई भी पद लड़कियाँ अच्छे से संभाल सकती हैं, लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाएं जिससे वो इन पदों पर आसीन रह सकें, इन लड़कियों को ये चार्ज दिलाया गया था ये अपने गाँव की सक्रिय लड़कियाँ हैं।"

प्लान इण्डिया के प्रतिनिधि नितेश मिश्रा ने कहा, "इस तरह के प्रोग्राम हमेशा होना चाहिए, ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियों को जिम्मेदार अधिकारियों के पदों के काम पता हो, एक अधिकारी के क्या काम है, एक दिन के कार्यकाल में इन बेटियों ये जाना है, अगर हर किसी को हर अधिकारी के काम और जिम्मेदारियां पता रहेंगी तो लोग अपने हक के सवाल पूंछ पाएंगे।" वो आगे बताते हैं, "अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस देश के 13 राज्यों में ऐसे ही मनाया जा रहा है, उत्तर प्रदेश में आठ जिलों में ये कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। अधिकारियों के सोचने का नजरिया लड़कियों को लेकर क्या है, इस तरह की गतिविधियों से पता चलता है।"

ये भी पढ़ें- सहारनपुर: महिलाओं के आईब्रो बनवाने और बाल कटवाने के खिलाफ दारुल उलूम ने जारी किया फतवा

सीडीपीओ सरस्वती रौतेला ने अपना एक दिन का चार्ज गढ़ी गाँव की प्रियंका सिंह(18 वर्ष) को सौंपा।

चंदवारा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान बेचालाल यादव ने अवन्तिका (18 वर्ष) को एक दिन के लिए ग्राम प्रधान बनाया। अवन्तिका ने आंगनबाड़ी पर खुली बैठक की जिसमे गाँव के लोगों ने अपनी समस्याएं बतायीं। अवन्तिका ने खुली बैठक में कहा, “अपने गाँव को साफ रखने के लिए आप सबकी जिम्मेदारी है कि सड़क पर अपने जानवर न बांधे, सड़क पर जानवर बाँधने से हर दिन कूड़ा होगा, इसलिए हमारे अच्छे काम में आप सब भी सहयोग करें।"

सेकेटरी आशीष शुक्ल ने अंजुम रावत(22 वर्ष) को अपना चार्ज सौंपा। अंजुम रावत ने कहा, “आज हम बहुत खुश हैं, अगर समय –समय पर हमे ऐसे ही जिम्मेदारी दी जाएँ तो हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। प्रधान और सेकेटरी का काम करने में कितना तालमेल रहता है ये हमे आज पता चला।"

क्षेत्र की जिन भी बेटियों ने ये पद सम्भाले, उनके परिवार वाले बहुत खुश थे। वीडियो का चार्ज सम्भाले डॉली यादव के पिता मंगल यादव (50 वर्ष) की आँखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा, “हमारी पांच बेटियों में ये सबसे छोटी है, चार की शादी हो गयी है, जिसकी शादी अब हम जल्दी नहीं करेंगे। ये पढ़े-लिखे खूब आगे बढ़े, इससे ज्यादा खुशी की बात एक पिता के लिए क्या हो सकती है।" ग्रामीणों के साथ खुली बैठक में चार्ज संभाले बीडीओ,एडीओ,सीडीपीओ,प्रधान, सेकेटरी सभी अधिकारी मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें- चप्पल प्रथा का नाम सुना है ? एक और कुप्रथा, जिससे महिलाएं आजाद होने लगी हैं...

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.