नीम कोटेड यूरिया के 7 फायदे जानिए, क्यों प्रधानमंत्री भी करते हैं तारीफ
चलिए आपको बताते हैं, नीम कोटेड यूरिया क्या है और इसके क्या फायदे हैं, जिसके चलते पीएम अपने लगभग हर भाषण में इसका जिक्र करते हैं। कैसे ये किसानों के पैसे बचाती हैं और खेती की दशा सुधारती है।
Arvind Shukla 21 July 2018 8:28 AM GMT

चलिए आपको बताते हैं, नीम कोटेड यूरिया क्या है और इसके क्या फायदे हैं, जिसके चलते पीएम अपने लगभग हर भाषण में इसका जिक्र करते हैं। कैसे ये किसानों के पैसे बचाती हैं और खेती की दशा सुधारती है।
शाहजहांपुर की किसान कल्याण रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फसलों की एमएसपी और गन्ना किसानों के बकाए के अलावा नीम कोटेड यूरिया को भी सरकार की उपलब्धि बताया। प्रधानमंत्री मोदी जब की सरकार की उपलब्धियों और किसानों के लिए किए गए कार्यों की बात करते हैं नीम कोटेड यूरिया का जिक्र जरुर करते हैं।
चलिए आपको बताते हैं, नीम कोटेड यूरिया क्या है और इसके क्या फायदे हैं, जिसके चलते पीएम अपने लगभग हर भाषण में इसका जिक्र करते हैं। शाहजहांपुर के रोजा रेलवे मैदान में कई जिलों के किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अब पूरे देश में 100 फीसदी यूरिया नीम कोटेड है। इससे यूरिया की कालाबाजारी रुक गई है और किसानों को कभी इसकी किल्लत नहीं होती है।'
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नाइट्रोजन की डोज यूरिया का पहले गैर कृषि कार्यों में काफी इस्तेमाल होता था, जिसके चलते किसान इंतजार करते रह जाते थे देश के कई इलाकों में गेहूं और धान आदि की फसल के दौरान किल्लत हो जाती थी। लेकिन नीम का लेप होने से वो सिर्फ खेती के कार्यों में इस्तेमाल लायक ही बची है।
यूरिया के अंधाधुंध इस्तेमाल को सीमित करने और कालाबाजारी रोकने के लिए वर्ष 2015 के मई महीने से सरकार ने संपूर्ण यूरिया उत्पादन को नीम लेपित करना अनिवार्य कर दिया था। भारत में किसी न किसी रुप में नीम का इस्तेमाल हमेशा से होता आया है। नीम को अच्छी कीटनाशक और वैक्टीरिया रोधी भी माना जाता है, इसके इस्तेमाल से फसलों में रोग कम लगते हैं तो कीड़ों का प्रकोप भी कम होता है। साल 2016 में गोरखपुर के रासायनिक उर्वरक संयंत्र का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार की यूरिया नीति 2015 को इसी योजना पर काम कर रही है।
नीम कोटेड यूरिया के फायदे के बारे में बायोटेक पार्क लखनऊ के कृषि वैज्ञानिक आरपी (तत्कालीन) बताते हैं, ''खेतों में रासयनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से जमीन के नीचे नाइट्रोजन की एक लेयर बन जाती है जो फसल मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर सकता लेकिन नीम कोटेड यूरिया के इस्तेमाल से नाइट्रोजन लेयर नहीं बन पाती। इसलिए भूमि के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।"
नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया जाता है। ये लेप नाइट्रीफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है। नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोशक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, नीम कोटेड यूरिया सामान्य यूरिया के अनुपात में 5 से 10 प्रतिशत तक कम लगती है, जिससे किसान की लागत घटती है।
नीम कोटेड यूरिया की 7 खास बातें
1. कृषि लागत में कमी
2. किसानों की आय में वृद्धि
3. 5 से 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत
4. 10-15 प्रतिशत तक उपज में वृद्धि यूरिया का आयात कम होगा
5. नाइट्रोजन के धीरे धीरे निकलने के कारण मृदा उर्वरा को मदद मिलती है।
6. यूरिया की सब्सिडी की बचत होगी।
7. नीम लेपित यूरिया का संतुलित इस्तेमाल यूरिया के औद्योगिक इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा पर्यावरण अनुकूल होगा।
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