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क्या आपने कुत्तों के ब्लड बैंक के बारे में सुना है?

दिति बाजपेई | Jan 10, 2017, 17:00 IST
Dogs Blood Bank
लखनऊ। घर में पेट रखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। शहरों में लोग खासकर कुत्ते, तोते या एक्वेरियम में मछली पालते हैं। इसके साथ ही पालतू जानवरों के इलाज के लिए निजी दवाखाने भी खुलने लगे हैं। कुत्तों के लिए अस्पताल के साथ-साथ ब्लड बैंक तक हैं।

चेन्नै में 2010 में पहले ब्लड बैंक ने काम करना शुरू किया था। अब देश के अन्य शहरों में भी ऐसी व्यवस्था होने लगी है। एनसीआर में भी एक ब्लड बैंक खोला गया है।

'कुत्तों में कई ऐसी बीमारी होती है जिससे उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है और वे मर जाते हैं इसको रोकने के लिए इस ब्लड बैंक को खोला गया। प्रतिमाह 20 से 25 कुत्तों को इस बैंक से खून दिया जा रहा है।' ऐसा बताते हैं, डॉ. एस प्रथाबन ब्लड बैंक प्रभारी (टीएनवीएएसयू)।

कुत्तों के ब्लड के बारे में डॉ. प्रथाबन बताते हैं, 'कुत्तों में सीईए नामक ब्लड ग्रुप पाया जाता है जिसमें एक से लेकर आठ तक के प्रकार का खून पाया जाता है। कुत्तों में ब्लड ग्रुप सीईए 1 और सीईए 1.1 बहुत महत्वपूर्ण होता है यह कम मिलता है।'

कोई स्वस्थ कुत्ता एक साल में चार से छह बार तक रक्तदान कर सकता है। कुत्तों का खून निकालना और उसे सुरक्षित रखने की तरीका ठीक वैसा ही है जैसा इंसानों का रखा जाता है।

ब्लड को स्टोर करने के बारे में प्रथाबन बताते हैं, 'आवश्यकता के अनुसार ब्लड को स्टोर किया जाता है हमारे पास अलग-अलग नस्ल के कुत्ते आते हैं जिससे कई ब्लड ग्रुप के खून आसानी से मिल जाते है। Exercicios बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा होता है यह बीमारी कुत्तों की कोशिकाओं पर खतरनाक असर डालती है इस बीमारी में खून की कमी होती है।'

प्रथाबन आगे बताते हैं, 'जो कुत्ते बैंक में खून देते हैं उनको हम लोग एक आई कार्ड देते हैं जिससे अगली बार जब कभी उनका पशु बीमार पड़ता है तो उनका इलाज मुफ्त किया जाता है। इससे लोग जागरूक होते है और हर वर्ष ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पशुओं को लेकर यहां इलाज कराने आते हैं।'

Tags:
  • Dogs Blood Bank
  • Tamil Nadu Veterinary and Animal Sciences University

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