IMD Alert: उत्तर भारत, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर में भारी बारिश का ख़तरा, किसानों और मछुआरों के लिए ज़रूरी चेतावनी
Gaon Connection | Aug 05, 2025, 16:38 IST
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, बिहार, असम और अरुणाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। किसान, मछुआरे और स्थानीय प्रशासन सतर्क रहें।
भारत में मॉनसून का सीजन अब अपने मध्य चरण में पहुंच चुका है, और अगस्त की शुरुआत के साथ कई इलाकों में मौसम के मिजाज बदलते नजर आ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, इस सप्ताह देश के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है, तो कुछ क्षेत्रों में अब भी सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। किसानों, प्रशासन और आम लोगों के लिए यह पूर्वानुमान बेहद अहम है, ताकि वे मौसम से जुड़ी चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकें।
भारतीय मौसम विभाग (IMD weather forecast August 2025) के अनुसार, उत्तर भारत, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में आगामी 3 से 7 दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। 5 अगस्त को उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 21 सेंटीमीटर या उससे अधिक वर्षा दर्ज की गई है और आगे भी भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
किस राज्यों में है सबसे ज्यादा अलर्ट?
उत्तर भारत
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में 5 से 11 अगस्त तक भारी वर्षा हो सकती है।
दिल्ली-NCR में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की स्थिति 8 अगस्त तक बनी रह सकती है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
दक्षिण भारत
केरल के उत्तरी हिस्सों और तमिलनाडु के घाटी क्षेत्रों में 5-6 अगस्त को अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है।
कर्नाटक, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड में 7 से 11 अगस्त के बीच बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
कई जिलों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की चेतावनी है।
दिल्ली-एनसीआर का पूर्वानुमान
5 से 8 अगस्त तक हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
तापमान 31 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
दक्षिण-पश्चिम दिशा से 10-20 किमी/घंटा की गति से हवाएं चलेंगी।
कृषि और फसलों के लिए क्या हैं निर्देश?
IMD ने किसानों के लिए विशेष कृषि सलाह भी जारी की है:
उत्तर भारत:
बुंदेलखंड, पूर्वी मैदानी इलाकों और तराई क्षेत्रों में खेतों से पानी की निकासी सुनिश्चित करें।
धान, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और सब्जियों की फसलों में जलभराव से बचाव करें।
उत्तराखंड में अत्यधिक गीली मिट्टी में मटर और मूंग की बुवाई टालें।
पूर्वोत्तर:
असम, मेघालय, अरुणाचल में धान और सब्जियों की फसलें बाढ़ से बचाने के लिए उचित जल निकासी प्रणाली अपनाएं।
जूट की कटाई जल्दी करें और उसे ऊंचाई पर रखें।
दक्षिण भारत:
केरल और तमिलनाडु में केले और नारियल के बागानों को सहारा दें और सब्जियों की बेलों को मजबूत करें।
कावेरी डेल्टा और गन्ने की खेती वाले क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था बनाए रखें।
मछुआरों के लिए चेतावनी
IMD ने मछुआरों को 5 से 10 अगस्त 2025 तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है:
अरब सागर: लक्षद्वीप, केरल-कर्नाटक तट, कोमोरिन, मालदीव क्षेत्र, सोमालिया और दक्षिण ओमान क्षेत्र में 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाएं चल सकती हैं।
बंगाल की खाड़ी: दक्षिण-पश्चिम भाग, मन्नार की खाड़ी और तटीय तमिलनाडु के पास समुद्री गतिविधि खतरनाक हो सकती है।
संभावित प्रभाव और जरूरी सावधानियाँ
निचले इलाकों में जलभराव, सड़कों पर यातायात प्रभावित, भूस्खलन और फसलें डूबने का खतरा।
कमजोर संरचनाएं गिर सकती हैं, पेड़ों की टहनियाँ टूटने से बिजली और नेटवर्क लाइनें बाधित हो सकती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भारी बारिश की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
IMD का सुझाव: अलर्ट रहें, स्मार्ट रहें
यात्रा से पहले मौसम की जानकारी ज़रूर लें।
नदी किनारे या भूस्खलन-प्रवण इलाकों में न जाएँ।
मोबाइल पर मौसम ऐप्स और वेबसाइट से रियल टाइम अपडेट लेते रहें।
मौसम की आगे की चाल: अगस्त के दूसरे सप्ताह पर नजर
मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में देश के कई हिस्सों में मॉनसून की गतिविधियाँ और तेज़ हो सकती हैं। विशेष रूप से मध्य भारत (महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश) और पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, ओडिशा) में अंतराल के बाद सक्रिय वर्षा लौट सकती है, जिससे सूखे जैसी आशंका से राहत मिलेगी। इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित निम्न दबाव क्षेत्र के चलते कोastal आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों में जल निकासी और कीट नियंत्रण के उपायों को सक्रिय रखें और स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों से नियमित सलाह लेते रहें।
भारतीय मौसम विभाग (IMD weather forecast August 2025) के अनुसार, उत्तर भारत, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में आगामी 3 से 7 दिनों तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। 5 अगस्त को उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 21 सेंटीमीटर या उससे अधिक वर्षा दर्ज की गई है और आगे भी भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
किस राज्यों में है सबसे ज्यादा अलर्ट?
उत्तर भारत
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में 5 से 11 अगस्त तक भारी वर्षा हो सकती है।
दिल्ली-NCR में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की स्थिति 8 अगस्त तक बनी रह सकती है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
दक्षिण भारत
केरल के उत्तरी हिस्सों और तमिलनाडु के घाटी क्षेत्रों में 5-6 अगस्त को अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है।
कर्नाटक, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड में 7 से 11 अगस्त के बीच बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
कई जिलों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की चेतावनी है।
दिल्ली-एनसीआर का पूर्वानुमान
5 से 8 अगस्त तक हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
तापमान 31 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
दक्षिण-पश्चिम दिशा से 10-20 किमी/घंटा की गति से हवाएं चलेंगी।
कृषि और फसलों के लिए क्या हैं निर्देश?
IMD ने किसानों के लिए विशेष कृषि सलाह भी जारी की है:
उत्तर भारत:
बुंदेलखंड, पूर्वी मैदानी इलाकों और तराई क्षेत्रों में खेतों से पानी की निकासी सुनिश्चित करें।
धान, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और सब्जियों की फसलों में जलभराव से बचाव करें।
उत्तराखंड में अत्यधिक गीली मिट्टी में मटर और मूंग की बुवाई टालें।
पूर्वोत्तर:
असम, मेघालय, अरुणाचल में धान और सब्जियों की फसलें बाढ़ से बचाने के लिए उचित जल निकासी प्रणाली अपनाएं।
जूट की कटाई जल्दी करें और उसे ऊंचाई पर रखें।
दक्षिण भारत:
केरल और तमिलनाडु में केले और नारियल के बागानों को सहारा दें और सब्जियों की बेलों को मजबूत करें।
कावेरी डेल्टा और गन्ने की खेती वाले क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था बनाए रखें।
मछुआरों के लिए चेतावनी
IMD ने मछुआरों को 5 से 10 अगस्त 2025 तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है:
अरब सागर: लक्षद्वीप, केरल-कर्नाटक तट, कोमोरिन, मालदीव क्षेत्र, सोमालिया और दक्षिण ओमान क्षेत्र में 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाएं चल सकती हैं।
बंगाल की खाड़ी: दक्षिण-पश्चिम भाग, मन्नार की खाड़ी और तटीय तमिलनाडु के पास समुद्री गतिविधि खतरनाक हो सकती है।
संभावित प्रभाव और जरूरी सावधानियाँ
निचले इलाकों में जलभराव, सड़कों पर यातायात प्रभावित, भूस्खलन और फसलें डूबने का खतरा।
कमजोर संरचनाएं गिर सकती हैं, पेड़ों की टहनियाँ टूटने से बिजली और नेटवर्क लाइनें बाधित हो सकती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भारी बारिश की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
IMD का सुझाव: अलर्ट रहें, स्मार्ट रहें
यात्रा से पहले मौसम की जानकारी ज़रूर लें।
नदी किनारे या भूस्खलन-प्रवण इलाकों में न जाएँ।
मोबाइल पर मौसम ऐप्स और वेबसाइट से रियल टाइम अपडेट लेते रहें।
मौसम की आगे की चाल: अगस्त के दूसरे सप्ताह पर नजर
मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में देश के कई हिस्सों में मॉनसून की गतिविधियाँ और तेज़ हो सकती हैं। विशेष रूप से मध्य भारत (महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश) और पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, ओडिशा) में अंतराल के बाद सक्रिय वर्षा लौट सकती है, जिससे सूखे जैसी आशंका से राहत मिलेगी। इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित निम्न दबाव क्षेत्र के चलते कोastal आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी बारिश की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों में जल निकासी और कीट नियंत्रण के उपायों को सक्रिय रखें और स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों से नियमित सलाह लेते रहें।