बहुत गुस्सा आए तो ऐसे करें शांत

हम सब कभी न कभी गुस्सा होते हैं। गुस्से में कई ऐसे काम कर जाते हैं जिनका बाद में अफसोस होता है लेकिन उसे सुधारना फिर हमारे बस में नहीं होता। गुस्सा क्यों आता है? और कैसे हम अपने आप को नियंत्रित रख सकते हैं, इस बारे में गाँव कनेक्शन ने बात की मेंटल वेलनेस कोच शिल्पी वर्मा से।

गाँव कनेक्शनगाँव कनेक्शन   11 April 2019 10:46 AM GMT

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लखनऊ।

"एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल को आप हिलाकर खोलेंगे तो उसमें से झाग निकलेगा, ये एक कैमिकल रिएक्शन है; वहीं आप पानी की बोतल को कितना भी हिलाएं, जब आप उसको खोलेंगे तो पानी वैसे ही स्थिर रहेगा। आप कोल्ड ड्रिंक की बोतल की तरह बौखलाए हुए बनना चाहते हो या आप पानी की तरह शांत रहना चाहते हो? ये आपको तय करना है," - शिल्पी वर्मा।

हम सब कभी न कभी गुस्सा होते हैं। गुस्से में कई ऐसे काम कर जाते हैं जिनका बाद में अफसोस होता है लेकिन उसे सुधारना फिर हमारे बस में नहीं होता। गुस्सा क्यों आता है? और कैसे हम अपने आप को नियंत्रित रख सकते हैं, इस बारे में गाँव कनेक्शन ने बात की मेंटल वेलनेस कोच शिल्पी वर्मा से।

गुस्सा क्यों आता है?

शिल्पी बताती हैं, "जब कोई व्यक्ति हमारे अनुरूप काम नहीं करता या जैसा हम चाहते हैं उसके विरूद्ध बोलता है तो हमें गुस्सा आता है। अब यहां पर या तो आप रिएक्ट करते हैं या रिस्पॉन्स करते हैं। ज़्यादातर लोग रिएक्ट करते हैं कि, मैंने तो ऐसा नहीं किया था, ऐसा क्यों हो गया?"

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गुस्से को नियंत्रित करने के लिए शिल्पी बताती हैं-

"उस बारे में हमें सोचना चाहिए। क्या सच में उस स्थिति में हमें रिएक्ट करने की ज़रूरत है? उस स्थिति में आप रिस्पॉन्स भी कर सकते हैं। रिस्पॉन्स यानि कि पहले सुनिए आराम से फिर सोचिए कि क्या सच में इस परिस्थिति में मुझे बोलने की ज़रूरत है? जो व्यक्ति आपको कुछ भी बोल रहा है वो अपने अनुसार बोल रहा है, उसकी अलग सोच है, अपने दायरे हैं जिससे वो आपके बारे में एक विचार बनाए है या परिस्थिति के बारे में विचार बनाए है जो आपकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा है।"

"गुस्से में व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि वो क्या कर रहा है? इतना ज़्यादा वो तनाव में होता है कि उसे कुछ समझ नहीं आता। गुस्से में व्यक्ति का चेतन दिमाग काम करना बंद कर देता है। बहुत से लोग गुस्से में अपने हाथ में जो भी चीज़ होती है उसे उठा कर फेंक देते हैं। ये परिस्थिति तब बनती है जब व्यक्ति गुस्से की तीव्रता में पहुंच चुका होता है। उसे नहीं पता होता कि वो खुद को नुकसान पहुंचा रहा है। साथ ही साथ अपने वातावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है,"- शिल्पी आगे बताती हैं।

जब आपको बहुत अधिक गुस्सा आए तो उसे कम करने के लिए क्या करें?

1. सबसे पहले अपनी शारीरिक अवस्था को बदलिए-

अगर आप बैठे हुए हैं तो आप खड़े हो जाइए। तुरन्त नाचने लग जाइए या एक घूंट पानी पी लीजिए। इससे आपकी मनोस्थिति बदल जाती है।

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2. इस मंत्र को रोज़ सुबह और शाम दस बार दोहराने से आप हमेशा के लिए गुस्से से निजाद पा सकते हैं-

'All of life comes to me with ease, joy and glory.'

इसका अर्थ है मेरे जीवन में जो कुछ आए वो आसानी से, खुशी के साथ आए।

   

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