इस समय गन्ने की फसल में बढ़ जाता है इस पोक्का बोइंग का प्रकोप, ऐसे करें प्रबंधन

Divendra Singh | Apr 30, 2018, 18:42 IST
Sugarcane farming
बारिश से जहां गेहूं, अरहर जैसी फसलों को नुकसान हुआ है तो जायद की कुछ फसलों को फायदा हुआ है, गन्ना किसानों को भी लग रहा है कि बारिश से उनकी फसल को फायदा हुआ है, लेकिन वो गलत हैं क्योंकि गर्मी के बाद आयी बारिश से गन्ने की फसल में पोक्का बोइंग का प्रकोप बढ़ जाता है।

सीतापुर ज़िले के बेहटा ब्लॉक के भवानीपुर गाँव के किसान राम गोपाल शर्मा के गन्ने के खेत में पोक्का बोइंग का प्रकोप दिखने लगा है, यही नहीं परसेंडी ब्लॉक के कसरैला गाँव के किसान राजीव भार्गव की फसल में इसका प्रकोप दिखने लगा है, जानकारी के आभाव में किसान समझ ही नहीं पाते हैं कि रोग है या कीट का प्रकोप।

कृषि विज्ञान केन्द्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव बताते हैं, "इससे फसल को बहुत नुकसान हो सकता है, बारिश के बाद किसानों को लग रहा है कि इससे फसल को फायदा लेकिन इससे नुकसान भी होगा, क्योंकि पोक्का बोइंग रोग फफूंद जनित रोग होता है, बारिश से इसको बढ़ने का मौका मिल जाता है।"

बारिश के बाद किसानों को लग रहा है कि इससे फसल को फायदा लेकिन इससे नुकसान भी होगा, क्योंकि पोक्का बोइंग रोग फफूंद जनित रोग होता है, बारिश से इसको बढ़ने का मौका मिल जाता है।
डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव, फसल सुरक्षा वैज्ञानिक

"इस रोग के लगते ही सबसे पहले पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, फिर पत्तियां जली-जली भूरी होकर सड़ने लगती हैं। आखिर में पत्तियां बीच से कट जाती हैं, जैसे कि किसी ने चाकू से काट दिया हो। किसान इस रोग को चोटी बेधक (टॉप बोरर) कीट का प्रकोप समझते हैं, दुकानदार उन्हें कीटनाशी दे देता है, जिससे उन्हें कोई फायदा नहीं होता है, "डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव ने बताया।

2015-16 के अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, क्योंकि यह अनुमानित 145.39 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन करता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन का 41.28 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल 2.17 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में बोई जाती है, जो कि अखिल भारतीय गन्ने की खेती का 43.79 प्रतिशत हिस्सा है। गन्ना विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल 33 लाख गन्ना किसान हैं।

इससे बचाव के बारे में डॉ. दया कहते हैं, "इससे बचाव के लिए किसान चार ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड व दो ग्राम स्ट्रेप्टोमाइसिन को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।"

इस समय करें पायरिला की रोकथाम

पोक्का बोइंग के साथ ही इस समय गन्ने की फसल में पायरिला का भी प्रकोप बढ़ जाता है, इससे बचाव के लिए खेत की निगरानी करनी चाहिए, अगर पायरिला गुच्छे में दिखायी दे तो प्रभावित पत्तियों को तोड़कर जला दें, इससे बचाव के लिए किसी कीटनाशक का प्रयोग न करें, क्योंकि इसके प्रयोग से मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं।

ये भी देखिए:



Tags:
  • Sugarcane farming
  • Sugarcane crop
  • pest control

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.