IMD Weather Forecast: कहाँ होगी भारी बारिश, कहाँ अब भी सूखा? जानिए अगस्त के पहले हफ्ते का हाल
Gaon Connection | Aug 04, 2025, 17:50 IST
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगस्त के पहले सप्ताह के लिए विस्तृत मौसम बुलेटिन जारी किया है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़ की चेतावनियां, मानसून की स्थिति और कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं किन राज्यों में बारिश होगी और किन क्षेत्रों को सतर्क रहने की ज़रूरत है।
भारत में मॉनसून का सीजन अब अपने मध्य चरण में पहुंच चुका है, और अगस्त की शुरुआत के साथ कई इलाकों में मौसम के मिजाज बदलते नजर आ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, इस सप्ताह देश के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है, तो कुछ क्षेत्रों में अब भी सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। किसानों, प्रशासन और आम लोगों के लिए यह पूर्वानुमान बेहद अहम है, ताकि वे मौसम से जुड़ी चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकें।
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में 3 से 6 अगस्त (IMD weather forecast August 2025) के बीच मध्यम से भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। विशेषकर उत्तराखंड में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग ने यहां के स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की स्थिति से निपटने की तैयारी रखने को कहा है।
वहीं, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में मानसून की गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आने वाले कुछ दिनों में इन इलाकों में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं लेकिन व्यापक वर्षा की संभावना नहीं है।
पूर्वोत्तर राज्यों – असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और त्रिपुरा में लगातार भारी वर्षा का अनुमान है। IMD के अनुसार, 3 से 7 अगस्त तक इन राज्यों में मानसून सक्रिय रहेगा, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस क्षेत्र के किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में जल निकासी का उचित प्रबंध करें और धान की नर्सरी या बुवाई वाले खेतों की निगरानी करें।
महाराष्ट्र (खासकर कोंकण और घाट क्षेत्रों), गोवा, गुजरात और मध्य प्रदेश में मानसून थोड़ा कमजोर हुआ है। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और विदर्भ में 5-6 अगस्त के बीच वर्षा की गतिविधियों में फिर से वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। इससे खरीफ फसलों को मदद मिल सकती है, जो कि कम बारिश की वजह से दबाव में हैं।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में मानसून ने राहत दी है। आंध्र प्रदेश के उत्तर तटीय जिलों में भारी वर्षा का अनुमान है, जबकि रायलसीमा और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश हो सकती है।
केरल में मानसून सामान्य से बेहतर स्थिति में है। पिछले सप्ताह में कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है, जिससे धान और मसालों की खेती को लाभ हुआ है।
पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम और उत्तराखंड में नदियों का जलस्तर सामान्य से ऊपर चल रहा है। IMD ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश के चलते गंगा, ब्रह्मपुत्र, घाघरा और कोसी जैसी नदियों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों के किनारे रहने से बचें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी एडवायजरी का पालन करें।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जबकि पूर्वोत्तर और तटीय क्षेत्रों में यह 28-30 डिग्री के बीच बना रहेगा।
हवा की गति बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी युक्त हवाओं की वजह से बनी रहेगी, जिससे मानसून को ऊर्जा मिलती रहेगी।
IMD के अनुसार, अगस्त के पहले सप्ताह की वर्षा खरीफ फसलों जैसे धान, मक्का, सोयाबीन और मूंगफली के लिए लाभकारी होगी, बशर्ते किसान निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:
2025 के मॉनसून सीज़न में 1 जून से 2 अगस्त तक भारत में औसत से 8% कम वर्षा दर्ज की गई है।
इस सप्ताह का मौसम किसानों और प्रशासन—दोनों के लिए सतर्क रहने का है। जहां कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश राहत बनकर आएगी, वहीं कुछ जगहों पर बाढ़ और जलभराव की स्थिति परेशान कर सकती है। IMD की सलाह और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और मौसम पर लगातार नजर रखें।
यदि आप कृषि से जुड़े हैं तो अपने राज्य के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से सलाह लेकर फसलों की बेहतर सुरक्षा
उत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना
वहीं, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में मानसून की गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आने वाले कुछ दिनों में इन इलाकों में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं लेकिन व्यापक वर्षा की संभावना नहीं है।
पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय रहेगा मानसून
इस क्षेत्र के किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में जल निकासी का उचित प्रबंध करें और धान की नर्सरी या बुवाई वाले खेतों की निगरानी करें।
पश्चिम और मध्य भारत में बिखरी बारिश की संभावना
मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और विदर्भ में 5-6 अगस्त के बीच वर्षा की गतिविधियों में फिर से वृद्धि होने की संभावना जताई गई है। इससे खरीफ फसलों को मदद मिल सकती है, जो कि कम बारिश की वजह से दबाव में हैं।
दक्षिण भारत में राहत की बारिश
केरल में मानसून सामान्य से बेहतर स्थिति में है। पिछले सप्ताह में कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है, जिससे धान और मसालों की खेती को लाभ हुआ है।
बाढ़ और जलभराव की चेतावनी
लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों के किनारे रहने से बचें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी एडवायजरी का पालन करें।
तापमान और हवा की स्थिति
हवा की गति बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी युक्त हवाओं की वजह से बनी रहेगी, जिससे मानसून को ऊर्जा मिलती रहेगी।
कृषि सलाह (Agromet Advisory)
- जिन क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है, वहां खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें।
- दलहनी फसलों में पानी जमा न होने दें वरना जड़ सड़न (root rot) की समस्या हो सकती है।
- जिन इलाकों में बारिश कम हो रही है, वहां ड्रिप इरिगेशन या हल्की सिंचाई करें।
- कीटों और बीमारियों पर नजर रखें, विशेषकर धान में ब्लास्ट और लीफ स्पॉट जैसी बीमारियां।
- डेयरी और मुर्गीपालन में पशुओं को बारिश से सुरक्षित रखें और उनके चारे का सूखा भंडारण करें।
देश में वर्षा की स्थिति – आंकड़ों में (Rainfall Summary)
- उत्तर पश्चिम भारत में औसतन -14% कम वर्षा
- मध्य भारत में -10%
- दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में -3%
- पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में -7% कम वर्षा
इस सप्ताह का मौसम किसानों और प्रशासन—दोनों के लिए सतर्क रहने का है। जहां कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश राहत बनकर आएगी, वहीं कुछ जगहों पर बाढ़ और जलभराव की स्थिति परेशान कर सकती है। IMD की सलाह और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और मौसम पर लगातार नजर रखें।
यदि आप कृषि से जुड़े हैं तो अपने राज्य के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से सलाह लेकर फसलों की बेहतर सुरक्षा