पाकिस्तान को अब अमेरिका से कोई मदद नहीं मिलेगी, गुस्साए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तीखा हमला
Sanjay Srivastava | Jan 02, 2018, 10:59 IST
वाशिंगटन (आईएएनएस)। नववर्ष पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लंबे समय से मित्र रहे पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान को अब अमेरिका से कोई मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिन आतंकवादियों को हम अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान अपने यहां सुरक्षित पनाह दे रखा है।
इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है। व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट में इस्लामाबाद की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "पिछले 15 साल से पाकिस्तान अमेरिका को बेवकूफ बनाकर 33 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त कर चुका है और उसने बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया।"
उन्होंने कहा, "वे उन आतंकियों को सुरक्षित पनाह दे रखे हैं, जिन्हें हम अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं। बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा।
इस्लामाबाद की तरफ से इस मुद्दे पर जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया आ सकती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ ने ट्वीट किया, "हम जल्द ही ट्रंप के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देंगे। ईंशा अल्लाह..दुनिया को सचाई का पता चलना चाहिए..तथ्यों और कल्पना के बीच का अंतर।"
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को जाहिर करने के बाद वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच बढ़े तनाव के बाद ट्रंप ने यह घोषणा की है।उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की मदद करने की शर्त याद दिलाई थी, क्योंकि वह वाशिंगटन से हर साल भारी भरकम रकम प्राप्त करता है।
ट्रंप ने कहा था, "हम पाकिस्तान से यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि साझेदारी को जारी रखने के लिए हम पाकिस्तान की तरफ से उसकी सरजमीं पर आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए देखना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि उन्हें मदद करनी होगी।
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इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सैन्य सहायता राशि फिलहाल रोक दी है। व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसी सहायता इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवाद का किस तरह जवाब देता है।
ट्रंप के बयान के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उसे आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के युद्ध के समर्थन में उसके सभी कदमों के बदले अपशब्द और अविश्वास के सिवाए कुछ नहीं मिला।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट में इस्लामाबाद की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "पिछले 15 साल से पाकिस्तान अमेरिका को बेवकूफ बनाकर 33 अरब डॉलर की सहायता प्राप्त कर चुका है और उसने बदले में हमें सिर्फ झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया।"
उन्होंने कहा, "वे उन आतंकियों को सुरक्षित पनाह दे रखे हैं, जिन्हें हम अफगानिस्तान में तलाश रहे हैं। बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, अमेरिका की इस समय पाकिस्तान के लिए वित्त वर्ष 2016 में 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की राशि खर्च करने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका यह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों और उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए। अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान के सहयोग के स्तर की समीक्षा करता रहेगा।
इस्लामाबाद की तरफ से इस मुद्दे पर जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया आ सकती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ ने ट्वीट किया, "हम जल्द ही ट्रंप के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देंगे। ईंशा अल्लाह..दुनिया को सचाई का पता चलना चाहिए..तथ्यों और कल्पना के बीच का अंतर।"
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को जाहिर करने के बाद वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच बढ़े तनाव के बाद ट्रंप ने यह घोषणा की है।उन्होंने पाकिस्तान को अमेरिका की मदद करने की शर्त याद दिलाई थी, क्योंकि वह वाशिंगटन से हर साल भारी भरकम रकम प्राप्त करता है।
ट्रंप ने कहा था, "हम पाकिस्तान से यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि साझेदारी को जारी रखने के लिए हम पाकिस्तान की तरफ से उसकी सरजमीं पर आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए देखना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि उन्हें मदद करनी होगी।
पाकिस्तान पर भारत और अफगानिस्तान दोनों देशों के खिलाफ आतंकियों को पनाह देने का आरोप है। इस्लामाबाद बार-बार इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।
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