चावल फोर्टिफिकेशन: कुपोषण से निपटने के लिए आंगनबाड़ी और मिड डे मील में दिए जा रहे फोर्टिफाइड चावल
बच्चों और महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए सरकार 7 राज्यों में मिड-डे मील और आंगनबाड़ी में फोर्टिफाइड चावल दे रही है। फोर्टिफाइड चावल वो होते हैं जिनमें कृत्रिम रुप से पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। 2024 तक पीडीएस के तहत हर लाभार्थी को यही चावल मिलेंगे।
गाँव कनेक्शन 11 Sep 2021 11:42 AM GMT

7 राज्यों में आंगनाड़ी और मीड डे मिल में दिया जा रहा है फोर्टिफाइड चावल।
नई दिल्ली। कुपोषण से जूझ भारत में बच्चों के लिए कई योजनाएं हैं बावजूद इसके बड़ी आबादी कुपोषण से जूझ रही है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए आंगनबाड़ी और मिड-डे मील में विशेष चावल दे रही है। पोषक तत्वों से भरपूर फोर्टिफाइड चावल फिलहाल 7 राज्यों में दिए जा रहे हैं।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव सुधांशु पांडे ने एक वेबिनार में कहा कि कहा, "सार्वजनिक वितरण के इतिहास में यह अत्यंत महत्वपूर्ण समय है, जब इतना बड़ा फैसला लिया गया है।"
उन्होंने आगे कहा कि "फोर्टिफाइड चावल और उसके लाभों के बारे में जागरूकता के प्रसार के लिए पर्याप्त किए जाने की जरूरत है, जिससे मांग पैदा होगी और यह स्वीकार्यता बढ़ेगी कि पोषक तत्वों से भरपूर चावल बेहतर हैं।"
भारत में सितंबर पोषण माह के रुप में मनाया जाता है। चौथे पोषण माह के दौरान उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तकनीक सहयोग से शुक्रवार को 'चावल फोर्टिफिकेशन : पोषण संबंधी एनीमिया के समाधान के लिए एक पूरक दृष्टिकोण' पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में फोर्टिफाइड चावल के गुण, उनकी उपयोगिता और लाभों के बार में चर्चा हुई।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव सुधांशु पांडे वेबिनार को संबोधित करते हुए।
फोर्टिफाइड चावल के गुण और उसे बनाने का तरीका
फोर्टिफाइड चावल का मतलब ऐसे चावल से है, जिसमें भरपूर मात्रा में पोषकतत्व हों। फोर्टिफाइड चावल में आयरन, विटामिन B-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता हैं।
फोर्टिफाइड चावल में जरुरी पोषक तत्वों विटामिन, खनिज,लवण आदि को क्रतिम तौर पर बढ़ाया जाता है। बिल्कुल वैसे जैसे समुद्री नमक में आयोडिन मिलाकर इसे आयोडाइज्ड बनाया जाता है।
फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन के लिए लगभग 18.0 लाख एमटी की मासिक ब्लेंडिंग क्षमता के साथ 15 प्रमुख राज्यों में लगभग 3,100 राइस मिलों में ब्लेंडिंग इकाई स्थापित हो गई हैं। भारत में फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स (एफआरके) का उत्पादन सालाना बढ़कर 60,000 एमटी हो चुका है, जो 2018 में 7,250 एमटी था। (इसके अलावा, अतिरिक्त 25,000- 30,000 एमटी प्रति वर्ष बढ़ाने की योजना भी है)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि भारत सरकार की सभी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराया जाएगा। साल 2024 तक पूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति करनी है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, "मैं विशेष रूप से इसलिए खुश हूं कि महिला एवं बाल मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग बच्चों और छात्रों की कमजोरियों को देख रहे हैं। उन्होंने इस साल 1 अप्रैल से अपने एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) कार्यक्रमों और मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों के लिए फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति करने का फैसला किया है। इसके परिणाम स्वरूप, हमें चावल फोर्टिफिकेशन के एक पूरे इकोसिस्टम के माध्यम से काम करने और खुद को ऐसे काम के लिए तैयार करने का मौका मिला, जो काफी बड़ा था।"
पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि "भारत अपनी जनसंख्या के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पोषण में सुधार के लिए विश्वसनीय कदम उठा रहा है। इसीलिए, अब समय आ गया है कि फोर्टिफिकेशन को देश में कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों के साथ एकीकृत किया जाए, जिससे पहले से जारी पूरक और आहार विविधीकरण जैसे पोषण सुधार कार्यक्रमों को मजबूत, पूरक और प्रोत्साहन देना संभव होगा।"
डब्ल्यूएफपी में न्यूट्रीशियन एंड स्कूल फीडिंग यूनिट की प्रमुख डॉ. शारिका युनुस ने 'चावल फोर्टिफिकेशन: अवधारणा और प्रक्रिया' पर बात करते हुए कहा कि देश में एनीमिया अभी भी एक समस्या बनी हुई है। पिछले 10 वर्षों से एनिमिया में जो कमी आई है वो उम्मीद से काफी कम है। फोर्टिफाइड चावल स्वास्थ्य समस्याओं के एक सबसे टिकाऊ समाधान हैं।"
वेबिनार में फोर्टिफाइड चावल से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा हुई। एफएसएसएआई में निदेशक इनोशी शर्मा ने 'फोर्टिफाइड चावल के फायदों, फोर्टिफाइड चावल से जुड़े मिथक व गलतफहमियों' पर बात की और जोर देकर कहा, "निश्चित रूप से चावल और फोर्टिफाइड चावल के बीच कोई अंतर नहीं है।"
2024 तक पूरे देश पीडीएस मिलेगा फोर्टिफाइड चावल
देश में 7 राज्य पहले ही फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर चुके हैं। पायलट योजना के तहत अगस्त, 2021 तक 2.47 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा चुका है।
फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन के लिए लगभग 18.0 लाख एमटी की मासिक ब्लेंडिंग क्षमता के साथ 15 प्रमुख राज्यों में लगभग 3,100 राइस मिलों में ब्लेंडिंग इकाई स्थापित हो गई हैं। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) जैसी नियामकीय एजेंसी के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के लिए मानक तय कर दिए गए हैं। इसी प्रकार, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन में एकरूपता के उद्देश्य से एक्सट्रूडर और ब्लेंडिंग मशीनों के लिए एक मानक तय करने का अनुरोध किया गया है।
डब्ल्यूसीडी में संयुक्त सचिव पल्लवी अग्रवाल ने अपने संबोधन के दौरान टिकाऊ आहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण माह के तहत राज्यों/ केंद्र शाषित प्रदेशों के साथ मिलकर पूरे महीने के दौरान, विशेष रूप से पोषण जागरूकता पर गतिविधियों की एक श्रृंखला के आयोजन की योजना बनाई है। ये जागरूकता गतिविधियां विशेष रूप से जमीनी स्तर पर की जाएंगी।
#FCI has made the fortified rice available for distribution under ICDS & MDM schemes to provide nutritious food grains to vulnerable sections of society.#FCI #food #scheme@PiyushGoyalOffc @Secretary_DFPD @PIB_India @fooddeptgoi @PMOIndia pic.twitter.com/uUX7o74JUC
— Food Corporation (@FCI_India) August 31, 2021
बच्चों-किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के पोषण पर जोर
भारत सरकार के एक प्रमुख कार्यक्रम, पोषण अभियान का उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के पोषण में सुधार करना है। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर झुंझुनू, राजस्थान से लॉन्च किया गया था।
पोषण (प्राइम मिनिस्टर्स ओवरआर्चिंग स्कीम फोर होलिस्टिक न्यूट्रिशन) अभियान का उद्देश्य कुपोषण की समस्या की ओर देश का ध्यान आकर्षित करना और इससे मिशन के रूप में निपटना है। पोषण अभियान के उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पोषण सामग्री, आपूर्ति, पहुंच और परिणामों को बेहतर बनाने के लिए एक एकीकृत पोषण समर्थन कार्यक्रम के रूप में बजट 2022 में मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) की घोषणा की गई थी। इसमें स्वास्थ्य, कल्याण और बीमारियों व कुपोषण के प्रति प्रतिरोधकता को बढ़ावा देने वाली प्रक्रियाओं के विकास पर जोर दिया गया है।
जन स्वास्थ्यकर्ता फोर्टिफिकेशन के खिलाफ
एक तरफ जहां भारत सरकार 7 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चला रही है और 2024 तक पूरे देश में की राशन प्रणाली में इसे शामिल करने की बात कह रही हैं। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ फोर्टिफिकेशन को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। जन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मानना है कि इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते है। उनका मानना है जिस तरह दवाओं का लगातार सेवन नुकसान करता है उसकी तरह लगातार फोर्टिफाइड चावल या दूसरे खाद्य प्रदार्थ के सेवन के दुष्परिणाम हो सकते हैं। संबंधित खबरें यहां पढ़ें
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