गर्मियों में बढ़ते तापमान से देश में बढ़ गई 41% ज़्यादा बिजली की माँग

Gaon Connection | Mar 03, 2025, 17:29 IST
वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हीटवेव की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ी है, और इसका सीधा संबंध मानव-जनित जलवायु परिवर्तन से है।
Hero image new website (12)
देश में लगातार बढ़ते तापमान से बिजली की माँग को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा दिया। क्लाइमेट ट्रेंड्स की एक ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि बढ़ते तापमान के कारण देश की पावर ग्रिड पर ज़बरदस्त दबाव पड़ा, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता और बढ़ गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में तापमान बढ़ने के चलते देश की जीवाश्म ईंधन खपत में 3% की वृद्धि हुई। गर्मी के चरम महीनों में 2853 मिलियन यूनिट बिजली जीवाश्म ईंधनों से पैदा की गई, जिससे 2 मिलियन टन से ज़्यादा कार्बन उत्सर्जन हुआ।

गर्मी और बिजली की बढ़ती मांग का सीधा संबंध

स्टडी के प्रमुख विश्लेषक, डॉ. मनीष राम बताते हैं, "अक्सर बिजली की मांग में बढ़ोतरी को केवल आर्थिक विकास से जोड़ा जाता है। लेकिन हमारी स्टडी यह दिखाती है कि बढ़ता तापमान भी पीक पावर डिमांड में जबरदस्त इज़ाफ़ा कर रहा है।"

Hero image new website (13)
Hero image new website (13)
इस अध्ययन से पता चला कि शहरी और संपन्न इलाकों में हीटवेव के दौरान बिजली की खपत में बड़ा उछाल देखने को मिला, जबकि ग्रामीण और अविकसित इलाकों में यह स्थिर बनी रही। इसकी वजह वहां की कमजोर बिजली आपूर्ति व्यवस्था और कूलिंग डिवाइसेज़ की कम पहुंच बताई गई।

हीटवेव से बिगड़ रहे हालात

2025 में भारत ने अब तक का सबसे गर्म फरवरी महीना दर्ज किया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुमान के मुताबिक, आने वाले महीनों में तापमान और बढ़ेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हीटवेव की तीव्रता और आवृत्ति बढ़ी है, और इसका सीधा संबंध मानव-जनित जलवायु परिवर्तन से है।

फरवरी में ही बिजली की मांग 238 गीगावॉट (GW) तक पहुंच गई थी, और मार्च-अप्रैल में इसके और बढ़ने की संभावना है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की एसोसिएट डायरेक्टर, अर्चना चौधरी कहती हैं, "गर्मी बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ रही है, जिससे पावर ग्रिड पर दबाव बढ़ता है और ऊर्जा लागत में इज़ाफ़ा होता है। अगर जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बढ़ती रही, तो हीटवेव और भयावह होती जाएंगी। ऐसे में जरूरी है कि बिजली योजना बनाते समय हीटवेव के असर को ध्यान में रखा जाए और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाई जाए।"

ऊर्जा सुरक्षा के लिए बढ़ता खतरा

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि 2024 में भी दुनिया भर में हीटवेव के चलते बिजली की मांग बढ़ी। IEA के कार्यकारी निदेशक, फतिह बिरोल के अनुसार, "चरम मौसम ऊर्जा संरचनाओं को प्रभावित कर रहे हैं और यह ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं।"

डॉ. मनीष राम कहते हैं, "हम देखते हैं कि तापमान बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ती है, और इसे पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधनों का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देशों में यही पैटर्न दिख रहा है। लेकिन यह एक दुष्चक्र बन गया है—जितना ज़्यादा जीवाश्म ईंधन जलाएंगे, उतनी ही ज़्यादा गर्मी बढ़ेगी और उतनी ही ज़्यादा बिजली की मांग होगी।"

क्या है समाधान?

रिपोर्ट में सरकार से आग्रह किया गया है कि गर्मियों में बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ज़ोर दिया जाए। साथ ही, ऊर्जा कुशल उपकरणों, टिकाऊ भवन निर्माण और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में समान ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया गया है।

    Follow us
    Contact
    • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
    • neelesh@gaonconnection.com

    © 2025 All Rights Reserved.