लखीमपुर खीरी: ड्राइवर हरिओम के परिजनों को मिला 45 लाख का मुआवजा, परिवार का इकलौता कमाने वाला था शख्स

लखीमपुर खीरी हिंसा में जिन 8 लोगों की जान गई उसमें एक नाम हरिओम का भी है। हरिओम मिश्रा करीब 6 साल से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की गाड़ी चला रहे थे।

Mohit ShuklaMohit Shukla   6 Oct 2021 3:25 PM GMT

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लखीमपुर खीरी: ड्राइवर हरिओम के परिजनों को मिला 45 लाख का मुआवजा, परिवार का इकलौता कमाने वाला था शख्स

3 अक्टूबर की हिंसा में जिन 8 लोगों की जान गई उसमें एक नाम हरिओम का भी था।

फरधान (लखीमपुर, यूपी)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए 8 लोगों में फरधान गांव के हरिओम मिश्रा भी शामिल थे। परिजनों के मुताबिक उन्हें आसपास के लोगों और सोशल मीडिया पर आई खबरों के जरिए पता चला कि हिंसा में हरिओम की मौत हो गई है।

हरिओम के चचेरे भाई शिव गोविंद मिश्रा ने गांव कनेक्शन को बताया, "2 तारीख को मेरी बात हुई थी तो बोला कि तीन तारीख को मंत्री जी के गांव में दंगल है, डिप्टी सीएम आ रहे हैं, उसके बाद बात करूंगा। वो अपने घर का अकेला कमाने वाला था। पिता जी की हालत आप देख रहे हैं। पूरा घर उसके सहारे चलता था।" शिव गोविंद, भारतीय सेना में हैं और जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। तीन अक्टूबर की हिंसा में भाई की मौत की खबर के बाद वो गांव आए हैं।

26 साल का हरिओम करीब 6 साल से स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (टेनी) की गाड़ी चला रहा था। हरिओम की तीन बहने हैं, जिसमें से 2 की शादी हो चुकी है। पिता राधेश्याम मिश्रा (71 वर्ष) बीमार हैं और पिछले कई वर्षों से चारपाई पर लेटे हैं। हरिओम, छोटे भाई श्रीराम (20 वर्ष) और एक बहन महेश्वरी की शादी अभी नहीं हुई थी।

मृतक हरिओम की बहन माधुरी देवी। फोटो- मोहित शुक्ला

हरिओम की मां निशा देवी (68 वर्ष) के मुताबिक 2 महीने पहले ही उसने अपनी बहन की शादी की थी, जिसके लिए 3 लाख रुपए का लोन किसान क्रेडिट कार्ड से लिया था और करीब 2 लाख रुपए दूसरे लोगों से उधार लिए थे। शुभम के पिता के नाम पर तीन एकड़ जमीन है। जिस पर कर्ज़ लिया गया है।

निशा देवी ने गांव कनेक्शन से कहा, "शुक्रवार (1अक्टूबर) को जाते वक्त कह गया था कि कार्यक्रम से वापस आएंगे तो अपने पापा को दिखाने लखनऊ ले चलेंगे। फिर 2 तारीख को एक बार बात हुई तीन तारीख को कोई बात नहीं हुई। बाद में ये खबर मिली।"

उन्होंने आगे कहा कि पिता की इलाज में करीब 16 हजार रुपए महीने का खर्च आता है। पिछले कई वर्षों से हरिओम ही पूरे घर का खर्च चला रहा था। हरिओम की बहन के मुताबिक वो कई बार नौकरी से आने के बाद पिता को उठाते बैठाते, खाना खिलाते और नहलाते थे क्योंकि छोटा भाई उन्हें उठा नहीं पाता था।

ड्राइवर हरिओम के भाई के द्वारा थाने में दी गई तहरीर। (परिजनों से प्राप्त फोटो)

हरिओम के छोटे भाई श्रीराम ने कोतवाली तुकनिया, जिला लखीमपुर में भाई की मौत के मामले में 4 अक्टूबर को तहरीर दी है। जिसमें लिखा है कि 3 तारीख को करीब 3 बजे ग्राम बनवारीपुर में आयोजित दंगल में मुख्य अतिथि को लेने जा रहा था। उस वक्त गाड़ी में शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर भी थे, जैसे ही मेरा भाई तिकुनिया तिराहे पर जीप लेकर पहुंचा तो वहां मौजूद तेजेंद्र सिंह विर्क सपा जिलाध्याक्ष ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड), अमनदीप सिंह संधू, महेंद्र सिंह ने अपने तमाम साथियों के साथ धारदार हथियारों और लाठी डंडों से हमला कर दिया। जिसमें मेरे भाई और उसमें बैठे शुभम और श्याम सुंदर की मौत हो गई। घटना के बारे में मुझे जानकारी अस्पताल में भर्ती लवकुश और आशीष पांडेय से हुई है।

हरिओम के परिजनों को गुरुवार को लखीमपुर खीरी में सदर से विधायक योगेश वर्मा ने 45 लाख रुपए के मुआवजे का चेक सौंपा। बुधवार को हरिओम के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लेखपाल से हरिओम के परिवार के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।

ड्राइवर हरिओम की मां

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कार्यक्रम था, जिसमें तिकुनिया इलाके में डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर उतरना था लेकिन केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के एक बयान से नाराज किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर रखा था। जिसके बाद डिप्टी सीएम ने प्रोग्राम बदलकर सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। इसी दौरान आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, फायरिंग की, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। जिसके बाद की हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी किसानों ने गाड़ियों से उतरने वाले तीन लोगों की लाठी डंडों से पिटाई कर दी। जिसमें बीजेपी के 2 कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई। इस संबंध में कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि घटना के वक्त उनका बेटा गाड़ियों में नहीं था और गाड़ियां डिप्टी सीएम की अगवानी के लिए जा रही थीं, इस दौरान प्रदर्शकारियों ने पत्थरबाजी की। इस मामले में कई प्रत्यक्षदर्शी सामने आए हैं, को थार जीप में सुमित मिश्रा के साथ सवाल थे उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जाते वक्त प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार पर हमला किया। इस संबंध में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के पिता की तरफ से लखीमपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में भी लिखा गया है कि शुभम ड्राइवर हरिओम के साथ मुख्य अतिथि की अगवानी के लिए जा रहा था इसी दौरान तिकुनिया में कुछ अराजक तत्वों ने गाड़ी पर हमला किया। और लाठी डंडों से तलवारों से हमला किया, जिसमें डाइवर, शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर की मौत हो गई। जबकि स्थानीय प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गाड़ियां जानबूझकर कर इधर लाई गईं और हमला किया गया।


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