रेल लाइन नहीं, उम्मीद की डगर: 6 राज्यों के गाँवों को जोड़ेगा मल्टीट्रैकिंग नेटवर्क
Gaon Connection | Jul 31, 2025, 17:46 IST
13 जिलों के 43 लाख लोग जल्द ही तेज़ और सुगम रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे। केंद्र सरकार की चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से माल ढुलाई, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा।
जब झारखंड के सरायकेला जिले के रहने वाले किसान रमेश महतो अपने धान की बोरियां लेकर मंडी तक पहुंचने के लिए घंटों इंतज़ार करते हैं, तो उन्हें सबसे ज़्यादा शिकायत होती है, कमज़ोर रेल और सड़क नेटवर्क की। लेकिन अब, केंद्र सरकार की चार नई मल्टी-ट्रैकिंग रेल परियोजनाएं उनके जैसे लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल सकती हैं।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों को जोड़ने वाली ये परियोजनाएं 574 किलोमीटर तक भारतीय रेलवे के नेटवर्क को बढ़ाएंगी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने लिया है।
परियोजना का उद्देश्य और लाभ
सरकार ने कुल 11,169 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं को वर्ष 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन चार प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:
रोजगार और गाँवों से सीधा जुड़ाव
परियोजनाओं के निर्माण से 229 लाख मानव दिवस के रोजगार सृजित होने की संभावना है। यानी, निर्माण कार्य से लेकर प्रबंधन और संचालन तक हजारों युवाओं को सीधा लाभ होगा।
साथ ही ये योजनाएं 2,309 गांवों तक बेहतर रेल संपर्क पहुंचाएंगी, जिससे लगभग 43.60 लाख लोगों के जीवन में सीधा बदलाव आएगा।
माल ढुलाई और पर्यावरणीय प्रभाव
नवीन रेल लाइनों से कोयला, सीमेंट, जिप्सम, कृषि उत्पाद, फ्लाई ऐश और पेट्रोलियम जैसे भारी सामानों की ढुलाई और अधिक तेज़ और सस्ती हो जाएगी। इससे रेलवे की माल ढुलाई क्षमता 95.91 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) बढ़ेगी।
इसके अलावा, रेल यातायात बढ़ने से सड़क पर ट्रकों की निर्भरता घटेगी, जिससे सालाना 515 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन कम होगा—जो कि 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही, भारत का 16 करोड़ लीटर पेट्रोलियम आयात भी बचेगा।
गति शक्ति योजना से तालमेल
ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लाई जा रही हैं, जिसका उद्देश्य मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी और रसद दक्षता बढ़ाना है। इस योजना से ट्रांसपोर्ट, उद्योग, कृषि, और छोटे व्यापारियों को भी लंबे समय में फायदा मिलेगा।
रेल सिर्फ एक यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक सशक्तिकरण का जरिया भी है। इन 4 बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं से ना केवल देश की रेल व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लाखों लोगों को बेहतर जीवन, रोज़गार और नए अवसर भी मिलेंगे।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के 13 जिलों को जोड़ने वाली ये परियोजनाएं 574 किलोमीटर तक भारतीय रेलवे के नेटवर्क को बढ़ाएंगी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने लिया है।
परियोजना का उद्देश्य और लाभ
सरकार ने कुल 11,169 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं को वर्ष 2028-29 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन चार प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:
- इटारसी - नागपुर चौथी रेल लाइन
- औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) - परभणी दोहरीकरण
- अलुआबारी रोड- न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन
- डांगोपोसी - जारोली तीसरी और चौथी लाइन
रोजगार और गाँवों से सीधा जुड़ाव
परियोजनाओं के निर्माण से 229 लाख मानव दिवस के रोजगार सृजित होने की संभावना है। यानी, निर्माण कार्य से लेकर प्रबंधन और संचालन तक हजारों युवाओं को सीधा लाभ होगा।
साथ ही ये योजनाएं 2,309 गांवों तक बेहतर रेल संपर्क पहुंचाएंगी, जिससे लगभग 43.60 लाख लोगों के जीवन में सीधा बदलाव आएगा।
माल ढुलाई और पर्यावरणीय प्रभाव
नवीन रेल लाइनों से कोयला, सीमेंट, जिप्सम, कृषि उत्पाद, फ्लाई ऐश और पेट्रोलियम जैसे भारी सामानों की ढुलाई और अधिक तेज़ और सस्ती हो जाएगी। इससे रेलवे की माल ढुलाई क्षमता 95.91 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) बढ़ेगी।
इसके अलावा, रेल यातायात बढ़ने से सड़क पर ट्रकों की निर्भरता घटेगी, जिससे सालाना 515 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन कम होगा—जो कि 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही, भारत का 16 करोड़ लीटर पेट्रोलियम आयात भी बचेगा।
गति शक्ति योजना से तालमेल
ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत लाई जा रही हैं, जिसका उद्देश्य मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी और रसद दक्षता बढ़ाना है। इस योजना से ट्रांसपोर्ट, उद्योग, कृषि, और छोटे व्यापारियों को भी लंबे समय में फायदा मिलेगा।
रेल सिर्फ एक यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और सामाजिक सशक्तिकरण का जरिया भी है। इन 4 बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं से ना केवल देश की रेल व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लाखों लोगों को बेहतर जीवन, रोज़गार और नए अवसर भी मिलेंगे।