गोस्वामी तुलसीदास ने की थी ऐशबाग की प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत

Manvendra Singh | Oct 04, 2022, 18:12 IST
लखनऊ की ऐशबाग रामलीला पूरी दुनिया में मशहूर है, चलिए आज आपको मिला रहे हैं कुछ ऐसे ही लोगों से जिनकी वजह से रामलीला में रौनक आती है।
#aishbagh ramlila
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। ऐसे तो पूरे विश्व में रामलीला का मंचन किया जाता है और हर जगह की रामलीला की अपनी कुछ खूबियां होती है ऐसी ही एक विश्व विख्यात रामलीला का मंचन होता है ऐशबाग के रामलीला मैदान में, मान्यता है की रामलीला ऐशबाग की स्थापना गोस्वामी तुलसी दास ने की थी।

ज्यादातर क्षेत्रों में जहां रामलीला का मंचन कम हुआ है, वहीं यहां पर हर साल लोगों की भीड़ बढ़ रही है। ऐशबाग दशहरा और रामलीला समिति के संयोजक व सचिव आदित्य द्विवेदी गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "हर साल हमारी कोशिश रहती है कि हम दर्शकों को कुछ नया दिखाएं तभी तो हमारे दर्शकों की भीड़ बढ़ती जाती है, हजारों की संख्या में लोग यहां पर आते हैं।"

ऐशबाग की रामलीला का भव्य मंचन कमेटी और कलाकारों की कड़ी मेहनत का नतीजा होता है। रामलीला का मंचन करने के लिए कलाकार देश के कई कोनों से आते हैं। 250 से ज्यादा कलाकार रामलीला में अभिनय करते हैं, जिसमें देश के दूसरे शहरों से 60 नामी कलाकार इस रामलीला में अभिनय करने आते हैं। सबसे अधिक अनुभवी कलाकार कोलकाता से आते हैं जबकि वहां पर भी उस समय वहां दुर्गा पूजा चलती है।

361817-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-6
361817-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-6
ऐशबाग रामलीला में पिछले 16 साल से रावण का किरदार निभाने वाले शंकर पाल। फोटो: मानवेंद्र सिंह

मेकअप से लेकर लोगों के कपड़ों तक सभी कोलकाता के कलाकार ही देखते हैं। ऐशबाग रामलीला में पिछले 16 साल से रावण का किरदार निभाने वाले शंकर पाल घंटों मेकअप करते हैं, तब जाकर वो रावण का किरदार निभाते हैं। शंकर पाल गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "हम जितनी मेहनत करेंगे उतना ही दर्शक हमें पसंद करेंगे, हम हर बार कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं।"

ऐशबाग रामलीला के ज़्यादातर कलाकार पश्चिम बंगाल से आते है और कुछ कलाकार लखनऊ और आसपास के जिलों के हैं , 13 साल के रौनक यादव भी इस बार रामलीला में भाग ले रहे हैं, जबकि उनकी बहन कैकेयी का किरदार निभा रही हैं। रौनक बताते हैं, "दीदी कई साल से आ रही हैं, मैं तो पहली बार आया हूं, हम सब बच्चे बानर सेना में खूब उधम मचाते हैं।"

कोविड महामारी में भी नहीं बंद हुई रामलीला

दो साल कोविड महामारी में जब सारी दुनिया अपने घरों में कैद थी, सब कुछ बंद हो गया था, लेकिन फिर भी रामलीला का मंचन ऑनलाइन होता रहा। रामलीला समिति के संयोजक व सचिव आदित्य द्विवेदी बताते हैं, "अब जब कुछ बंद हो गया तो हम रामलीला का मंचन कैसे रोक सकते थे, इसलिए हमने ऑनलाइन रामलीला करने का फैसला किया।"

361818-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-3
361818-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-3

वो आगे कहते हैं, "हम सबका कोविड टेस्ट हुआ और सब लगभग महीने के लिए यहीं पर रुक गए, हर दिन छोटे से हॉल में रामलीला का मंचन किया जाता और फेसबुक और यूट्यूब पर उसका सीधा प्रसारण होता।

इस बार टूट रही 300 साल पुरानी प्रथा

पूरे देश में दशहरे के दिन रावण के साथ ही कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं, लखनऊ के ऐतिहासिक दशहरे मेले में भी यही परंपरा लगभग 300 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

इस बार यहां सदियों पुरानी पंरपरा खत्म होने जा रही है, रामलीला समिति ने इस दशहरा में रावण के साथ-साथ कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाने की 300 साल पुरानी प्रथा को खत्म करने का फैसला किया है।

361819-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-1
361819-aishbagh-ramleela-lucknow-uttar-pradesh-goswami-tulsidas-historical-mythological-story-actors-kolkata-1

ऐशबाग दशहरा और रामलीला समिति के संयोजक व सचिव आदित्य द्विवेदी इस बारे में बताते हैं, "रामायण में भी इसका उल्लेख है कि कुंभकर्ण और मेघनाद ने रावण को भगवान राम के खिलाफ लड़ने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने भी युद्ध में भाग लिया जब रावण ने उनकी सलाह मानने से मना कर दिया।"

Tags:
  • aishbagh ramlila
  • Ramayana
  • story
  • video

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.