बर्ड फ्लू के चलते घट गए अंडे-चिकन के दाम, पोल्ट्री कारोबारियों ने कहा, 'इस बार पोल्ट्री फार्म बंद हुए तो दोबारा कभी नहीं शुरू हो पाएंगे'

सर्दियों में अंडे और चिकन की खपत सबसे अधिक होती है, लेकिन बर्ड फ्लू के चलते एक बार फिर अंडे और चिकन की कीमतें ही नहीं मिल रहीं हैं।

Divendra SinghDivendra Singh   13 Jan 2021 1:38 PM GMT

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अंडा-चिकन कारोबार मुनाफे वाला कारोबार माना जाता था, लेकिन साल 2019 में फीड महंगा होने से, 2020 में कोरोना वायरस के अफवाहों के चलते और साल 2021 की शुरूआत में बर्ड फ्लू ने पोल्ट्री व्यवसाय को संकट में ला दिया है।

बर्ड फ्लू की मामले मिलने के बाद से ज्यादातर राज्यों ने पोल्ट्री उत्पादों के आवाजाही पर रोक लगा दी है, दिल्ली की गाजीपुर मंडी में हर दिन हरियाणा, पंजाब ही नहीं उत्तर प्रदेश के भी पोल्ट्री व्यवसायी ब्रायलर चिकन लेकर आते हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने दस दिनों के लिए इसे भी बंद कर दिया है, जिसका असर ब्रायलर के कीमतों पर पड़ा है।

यही हाल अंडे का भी है, हरियाणा के पंचकूला में लेयर और ब्रायलर फार्म हैं, जहां से अंडे और चिकन दोनों बाहर जाते हैं, लेकिन यहां पर भी अंडे और चिकन के आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।


पोल्ट्री फार्मर्स (ब्रॉयलर) वेलफेयर फेडरेशन के सचिव संजय शर्मा गाँव कनेक्शन से कहते हैं, "बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद सबसे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने पोल्ट्री को बैन किया, उसके बाद जब हरियाणा में पोल्ट्री में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद, पंजाब, फिर दिल्ली और यूपी सरकार ने भी मुर्गियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। ये एक तरह का पैनिक क्रिएट हुआ है, जिसके चलते भाव गिरना शुरू हुआ। अफवाहों से पहले ब्रायलर का रेट 90 रुपए जा रहा था, वही पिछले तीन-चार दिनों में 52-53 रुपए में आ गया है। बर्ड फ्लू की वजह से 45% मार्केट का नुकसान हुआ है।"

नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) के अनुसार, अंडे की कीमतों में पिछले एक हफ्ते में काफी कमी आ गई है। हरियाणा के बरवाला में एक जनवरी को अंडे की कीमत 558 (प्रति सैकड़ा), जिसकी कीमत 13 जनवरी को 405 रुपए हो गई। इसी तरह दिल्ली में 600 रुपए कीमत थी, जो 421 रुपए हो गई। पंजाब के लुधियाना में 555 रुपए थी, उसकी कीमत 407 रुपए हो गई है। लखनऊ में एक जनवरी को कीमत 633 थी, 13 जनवरी को कीमत 483 रुपए हो गई है।

नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) के अनुसार 01 जनवरी से 13 जनवरी के बीच अंडे की कीमतों की तुलना कर सकते हैं।

कोरोना के अफवाहों के चलते बहुत से फार्म पहले से ही बंद हो गए हैं, किसी तरह लोगों ने दोबारा शुरू किया तो बर्ड फ्लू आ गया है। कारोबारियों की माने तो अगर ऐसा ही चलता रहा तो पोल्ट्री व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो जाएगा। महाराष्ट्र में ब्रायलर चिकन की कीमत 82 रुपए से 58 रुपए, गुजरात में 94 रुपए से 65 रुपए, तमिलनाडु में 80 रुपए से 70 रुपए, हरियाणा में 95 से 68 रुपए, पंजाब में 93 रुपए से 56 रुपए आ गई है।

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, देश में प्रमुख पोल्ट्री मीट उत्पादक शीर्ष राज्यों में हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडू और महाराष्ट्र आते हैं। साथ ही प्रमुख अंडा उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, तमिलानाडू, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा प्रमुख राज्य हैं। इसके पंजाब, उत्तर प्रदेश जैसे राज्य आते हैं।


उत्तर प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा पोल्ट्री कारोबारियों के संगठन उत्तर प्रदेश पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली अकबर गाँव कनेक्शन को बताते हैं, "बर्ड फ्लू की वजह से एक बार फिर बिक्री में कमी आ गई है, जबकि पोल्ट्री व्यवसाय पहले से ही घाटे में चल रहा है, साल 2019 में मक्के के दाम बढ़ने से नुकसान हुआ था, साल 2020 कोरोना की वजह से बर्बाद हो गया, यूपी में 40 फीसदी फार्म पहले ही बंद हो चुके हैं, अब बर्ड फ्लू नाम की मुसीबत आ गई है।"

भारत सरकार ने कहा है कि देश के 10 राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली) में बर्ड फ्लू (एविएन इंफ्लुएंजा) के मामलों की पुष्टि हुई है। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में और झारखंड के चार जिलों में पक्षियों का अप्राकृतिक मृत्यु के मामले सामने आए हैं। सरकार ने कहा कि अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए राज्यों को पोल्ट्री और अंडों के उपभोग के संबंध में 'क्या करें और क्या न करें' की एडवायजरी जारी करनी चाहिए।

दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद दिल्ली सरकार ने दस दिनों के लिए गाजीपुर मंडी को बंद कर दिया है। साथ ही यही नहीं दिल्ली में उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने दुकानों और होटलों पर चिकन बेचने और रखने पर भी रोक लगा दी है, नगर निगम ने आदेश दिया है कि चिकन या अंडा परोसें नहीं तो उचित कार्रवाई होगी। एडवायजरी के अनुसार उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधीन आने वाली सभी मीट की दुकानों, प्रोसेसिंग इकाइयों, किसी भी अन्य स्थान पर जीवित मुर्गा व मुर्गियां इत्यादि रखने और उनका खरीद-बिक्री करने पर बैन लगाया गया है।

संजय शर्मा आगे बताते हैं, "फरवरी 2006 में सबसे पहले बर्ड फ्लू का पता चला था, आज इतने साल हो गए, एक इंसान भी बर्ड फ्लू से बीमार नहीं हुआ है, ये बर्ड की ही बीमारी है। अफवाहों के चलते लोग चिकन खाना कम कर देते हैं, जिससे आम किसान को काफी ज्यादा नुकसान होता है। ऐसा पिछले कई साल से होता आ रहा है।

बर्ड फ्लू को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने 17 राज्यों के साथ बैठक भी की है। बैठक में राज्यों को सलाह दी गई कि वे कार्ययोजना 2021 के अनुसार अपने-अपने राज्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा फैलने से रोकने का कारगर प्रबंध करें। स्थिति से निपटने के लिए राज्यों से स्वास्थ्य और वन विभाग के साथ ताल-मेल करने और उन्हें इस मामले में संवेदी बनाने को कहा गया है। राज्यों से यह भी कहा गया है किवे सुरक्षा उपकरण की पर्याप्त सप्लाई बनाए रखें तथा पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा उपायों को जारी रखें।


राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि वे पोल्ट्री में संक्रमण पर नियंत्रण रखें क्योंकि इससे कुक्कुट पालन करने वाले किसानों को अधिक आर्थिक कीमत चुकानी होगी। यह पाया गया कि अनेक राज्य दूसरे राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों की सप्लाई पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। पोल्ट्री उद्योग पर इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्यों से ऐसे निर्णय पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया है।

अनेक राज्यों द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापनों, सेमिनार आदि के माध्यम से जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं। राज्यों को ऐसे जागरूकता कार्यक्रम अपने सूचना और जनसंपर्क निदेशालय के सहयोग से चलाने की लिए प्रोत्साहित किया गया। उन्हें ऐसी गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता का आश्वासन भी दिया गया। पोल्ट्री तथा अंडों की खपत के बारे में क्या करें और क्या न करें विषय पर राज्यों को परामर्श जारी करना चाहिए ताकि अफवाहों और गलत सूचना के प्रसार और कुक्कुट पालकों के नुकसान को टाला जा सके।

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