कूड़ा बीनने वाले परिवारों के सामने संकट, पैसे खत्म हो गए अब कहां जाएं

Mohit SainiMohit Saini   1 April 2020 5:04 AM GMT

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मेरठ (उत्तर प्रदेश)। लॉकडाउन के बाद से इन परिवारों के लिए एक वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया है। इन परिवारों में से कई लोग लॉकडाउन से पहले कूड़ा बीनते थे तो कई परिवार मजदूरी।

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला मुख्यालय से लगभग सात किमी दूर मेरठ तहसील के मुकुट महल होटल के पीछे करीब 700 से लेकर 800 परिवार रहते हैं, जिनमें लोगों की संख्या 1200 से 1300 के करीब हैं।

यह भी लोग हैं जो कूड़ा बीन कर अपना परिवार चलाते हैं या मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पालते हैं आज इनके सामने रोटी का बड़ा संकट खड़ा है शहर पूरी तरीके से बंद है और यह अब कूड़ा बीनने भी नहीं जा रही अगर जाते भी हैं तो पुलिस डांट कर या फटकार कर वापिस भेज देती है, लेकिन जब हम आज इनके पास गए तो इन्होंने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि साहब जो हमारे पास पैसे थे अब वह खत्म होने की कगार पर है लेकिन अभी आगे बहुत समय शहर बंद रहेगा अधिकतर लोगों के पास पैसे खत्म हो चुके हैं और राशन भी खत्म हो चुका है ऐसे में अब हम क्या करें सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं कि कोई हमें खाना देने आए और हमारे बच्चों का हमारा पेट भरे कुछ परिवार तो ऐसे हैं जो पिछले एक-दो दिन से भूखे सो रहे हैं समस्या काफी बड़ी है हम लोगों की समस्या का निदान होना चाहिए।


सरकार पैसा दे रही हैं , पासबुक को बैंक में चेक़ करा रहे हैं

कुछ लोग इनमें ऐसे भी हैं जिनके पास जीरो बैलेंस का खाता भी है इन्हें जानकारी मिली कि सरकार खाते में पैसे डाल रही है अब यह अपनी पासबुक लेकर पिछले 2 दिन से लगातार जा रही जब इन्होंने एंट्री कराई तो कोई पैसा इनके खाते में नहीं आया मायूस होकर घर की ओर चल दिए , राशन के भी पैसे खत्म हो गए हैं अब क्या करें कहां जाएं मांगने भी नहीं जा सकते क्योंकि शहर बंद है।

अधिकतर लोगों के पास आधार कार्ड है लेकिन राशन नहीं मिल रहा

यहां की कुछ महिलाएं बता रही हैं कि हमारे पास आधार कार्ड भी है और यहां के कुछ लोगों के पास राशन कार्ड लेकिन हमारी कोई सहायता नहीं हो रही ना ही हमें राशन मिल रहा और ना ही हमारे खाते में पैसे आ रहे हैं अब क्या करें सभी के सामने रोटी का संकट है कोई आता है तो खा लेते हैं वरना भूखे ही रहना पड़ता है या फिर जिसके पास होता है उससे उधार ले रहे हैं खा रहे हैं लेकिन आगे की तो कोई उम्मीद नहीं है मजबूर है साहब ।


वायरस फैल रहा हैं, लेकिन यहाँ कोई गंदगी देखकर नहीं आता

सभी जगह करोना वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं लेकिन गनीमत है कि यहां कोई ऐसा बीमार नहीं है यहां के लोग बता रहे हैं की ना तो यहां पर डॉक्टर आ रहा है और ना ही राशन आ रहा है गंदगी को देखकर कोई नहीं आता लेकिन हम भी तो इंसान हैं हमारी भी तो समस्या है सरकार हमारी समस्या का हल करें कुछ बीमार लोग हैं उनका भी चेकअप करें ।


गरीब ही गरीब के सेवा कर रहा है, सरकारी सुविधा नही मिल रही

यहां के कुछ लोग आगे बताते हैं कि गरीब ही गरीब की सेवा में जुटा है आम लोग हमारे लिए चावल की खिचड़ी बनाकर लेकर आते हैं जिससे हमारे बच्चों का पेट भर जाता है और थोड़ा बहुत हम भी खा लेते हैं लेकिन सरकार का कोई व्यक्ति या कोई सुविधा हमारे तक नहीं पहुंच रही है , हम सभी लोग चाहते हैं की सरकार हमारी भी मदद करें ।

झुग्गी झोपड़ी के प्रधान बोले डीएम से भी मिले एसडीएम से भी मिले लेकिन कुछ नहीं मिला

झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के प्रधान ने कहा कि हमने सभी प्रयास किए हैं अधिकारियों से भी मिले हैं लेकिन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है सबके मरने की कगार पर है इतना ही नहीं आगे कहा वायरस से तो लोग कब मरेंगे भूख से लोग ज्यादा परेशान हैं छोटे-छोटे बच्चे हैं जिन्हें भारी लोग मदद कर रहे हैं हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं कि वह हमारे बारे में सोच रहे हैं लेकिन सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही हमने लिखित में भी दिया है कुछ नहीं हो रहा हमारा।

    

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