यूपी में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, 5 प्वाइंट्स में जानिए क्या है मुद्दा

उत्तर प्रदेश में जीवन दायिनी एंबुलेंस सेवा (advanced life support system -ALS) के हजारों कर्मचारी और ड्राइवर हड़ताल पर हैं। आखिर क्यों वो हड़ताल कर रहे हैं वीडियो में समझिए

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यूपी में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, 5 प्वाइंट्स में जानिए क्या है मुद्दा

102-108 एंबुलेंस सेवा के हजारों कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण इलाकों में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। फोटो सुमित यादव

उत्तर प्रदेश में 102 और 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े हजारों कर्मचारी ( ड्राइवर और टेक्निशियन) दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जीवन दायिनी एंबुलेंस सेवा (एएलसी) के पहिए थमे हुए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपनी तरफ से एंबुलेंस चला रहा है, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है।

उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा निजी हाथों में है। 102 और 108 का संचालन GVK MRI द्वारा किया जा रहा था, सरकार ने पिछले दिनों अब इसका काम जिगित्सा हेल्थ केयर Ziqitza Healthcare Limited (ZHL) को दिया है। कर्माचरियों का आरोप है कि नई कंपनी ने उनके सभी 1200 कर्मचारियों को निकाल दिया है और नए सिरे से भर्ती शुरु कर दी है। पुराने कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।

25- 26 जुलाई की रात से कर्मचारियों ने एंबुलेंस खड़ी कर दी हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। हालांकि सरकार की तरफ से कई जिलों में सरकारी एंबुलेंस चलाई जा रही हैं लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही हैं। खासकर ग्रामीणों इलाकों में मरीज परेशान हैं। देखिए वीडियो

खबर को विस्तार ये यहां पढ़िए- उत्तर प्रदेश सरकार की 102, 108 एम्बुलेंस सेवा ठप, हजारों एम्बुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर क्यों गए?


5 बिंदुओं में समझिए क्या है एंबुलेंस हड़ताल का मामला और मांगे

1.एंबुलेंस सेवा, सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) के जरिए संचालित है। पुरानी कंपनी का टेंडर खत्म होने के बाद सरकार ने नई कंपनी को टेंडर दिया, नई कंपनी नए सिरे से भर्ती कर रही है।

2. कर्मचारियों का आरोप है कि जो काम वो करते हैं वही काम सरकार के नियमित कर्मचारी करते हैं तो उन्हें उनसे दो गुनी के करीब सैलरी और कई सुविधाएं मिलती हैं, जबकि उन्हें ठेके पर रखा जाता है सैलरी कम और सुविधाएं नहीं मिलतीं।

3.कर्मचारियों की मांग है उन्हें सरकारी नियमित कर्मचारियों की तरह 23000 रुपए मासिक का समान वेतन दिया जाए

4.कर्मचारियों का आरोप-नई कंपनी पुराने कर्मचारियों से भी ट्रेनिंग के नाम पर 20 हजार रुपए का ड्राफ्ट मांग रही है, जबकि वो लोग 8 साल से वही काम कर रहे हैं। उन्हें उसी काम के लिए प्रशिक्षण की जरुरत नहीं।

5.हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक जीवके कंपनी (GVK MRI) के अंतर्गत कार्य करते हुए एंबुलेंस के तकनीकी कर्मचारियों को 12734 रुपए मासिक और ड्राइवर को 10200 रुपए मिल रहे थे, अब नई कंपनी 12734 की जगह 10700 रुपए देना चाहती है। कर्मचारियों के मुताबिक सैलरी घटाई और काम के घंटे बढ़ाए जा रहे हैं।

एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन बाराबंकी के बेलहरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस का इंतजार करते तिमारदार। फोटो- वीरेंद्र सिंह

खबर अपडेट हो रही है

अंग्रेजी में खबर विस्तार से यहां पढ़िए- The emergency ambulance drivers in Uttar Pradesh have launched a strike in the wake of a change in the company that operates the advanced life support system ambulances in the state whose employment conditions, they claim, are unjust. The general ambulance drivers have also joined in and this has created fresh troubles for the healthcare system in the election-bound state. Details here.


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