‘गाँव से’: नीलेश मिसरा के साथ देखिए भारत के गाँवों की अनसुनी कहानियाँ
Gaon Connection | Aug 04, 2025, 19:20 IST
देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया मंच गाँव कनेक्शन के फाउंडर और लोकप्रिय स्टोरीटेलर नीलेश मिसरा, अब लेकर आए हैं एक नया शो - ‘गाँव से’, जो भारत के उन सच्चे नायकों की कहानियाँ सामने लाएगा, जिनकी आवाज़ कभी सुनी नहीं गई।
भारत का असली चेहरा गाँवों में बसता है। भारत एक गाँवों का देश है। 70% से अधिक आबादी गाँवों में बसती है, लेकिन मुख्यधारा की मीडिया और कहानियाँ अक्सर शहरी सीमाओं में ही सिमटी रह जाती हैं। इन्हीं अनसुनी आवाज़ों को मंच देने के लिए गाँव कनेक्शन के फाउंडर और भारत के चहेते स्टोरीटेलर नीलेश मिसरा लेकर आए हैं -‘गाँव से’, एक ऐसा शो जो भारत के ग्रामीण समाज की आत्मा को उसकी सच्ची आवाज़ में दुनिया के सामने रखता है।
‘गाँव से’ सिर्फ एक शो नहीं है, बल्कि एक मिशन है - उन ग्रामीण नायकों की कहानियाँ सुनाने का जिन्हें शायद कोई नहीं जानता, लेकिन जिनका योगदान समाज के लिए अमूल्य है। ये वो महिलाएँ हैं जो स्वरोजगार से सौ औरतों को आत्मनिर्भर बनाती हैं। वो किसान हैं जो हर साल सूखे के बावजूद खेत में डटे रहते हैं। वो शिक्षक हैं जो बिना वेतन के भी बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। ऐसी ही कहानियाँ इस शो में नीलेश मिसरा की भावपूर्ण आवाज़ में सामने आती हैं।
इस शो की सबसे ख़ास बात यह है कि यह दर्शकों को एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाता है। यहाँ कोई बनावटी स्क्रिप्ट या चकाचौंध नहीं है - बस असली लोग, असली ज़िंदगी और सच्चे जज़्बात हैं। शो में जिस सादगी और गहराई से कहानियाँ सुनाई जाती हैं, वो इसे बाकी कंटेंट से अलग बनाती हैं।
‘गाँव से’ सिर्फ ग्रामीण भारत को दिखाने का माध्यम नहीं है, बल्कि एक पुल है - शहरों में रहने वाले उन लोगों के लिए जो गाँव से जुड़ना तो चाहते हैं, लेकिन आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में यह रिश्ता कहीं खो गया है। इस शो के ज़रिए उन्हें गाँव की मिट्टी की खुशबू, वहाँ के लोगों की हिम्मत और जीवन के संघर्ष की सच्चाई महसूस होती है।
आज जब मीडिया का बड़ा हिस्सा गाँवों को भुला बैठा है, ‘गाँव से’ जैसे कार्यक्रम यह याद दिलाते हैं कि पत्रकारिता और स्टोरीटेलिंग का असली उद्देश्य क्या होता है - आवाज़ देना उन्हें जो सुनाए नहीं देते, रोशनी डालना वहाँ जहाँ अंधेरा है।
अगर आप भी उस भारत को जानना चाहते हैं जो शहरों से दूर है लेकिन आत्मा के सबसे करीब है, तो ‘गाँव से’ आपके लिए है। नीलेश मिसरा के साथ देखिए भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण कहानियों का शो, ‘गाँव से’, सोमवार से शुक्रवार, शाम 6 बजे, सिर्फ दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर। हर एपिसोड एक नई कहानी लेकर आता है, जो न सिर्फ आपको सोचने पर मजबूर करेगी, बल्कि शायद आपकी आँखें भी नम कर दे।
नीलेश मिसरा की आवाज़ में ‘गाँव से’ एक ऐसी कोशिश है जो यह साबित करती है कि कहानियों में अब भी ताकत है- और जब ये कहानियाँ गाँव से आती हैं, तो उनकी सच्चाई और असर और भी गहरा होता है।
‘गाँव से’ सिर्फ एक शो नहीं है, बल्कि एक मिशन है - उन ग्रामीण नायकों की कहानियाँ सुनाने का जिन्हें शायद कोई नहीं जानता, लेकिन जिनका योगदान समाज के लिए अमूल्य है। ये वो महिलाएँ हैं जो स्वरोजगार से सौ औरतों को आत्मनिर्भर बनाती हैं। वो किसान हैं जो हर साल सूखे के बावजूद खेत में डटे रहते हैं। वो शिक्षक हैं जो बिना वेतन के भी बच्चों को पढ़ाने जाते हैं। ऐसी ही कहानियाँ इस शो में नीलेश मिसरा की भावपूर्ण आवाज़ में सामने आती हैं।
इस शो की सबसे ख़ास बात यह है कि यह दर्शकों को एक भावनात्मक यात्रा पर ले जाता है। यहाँ कोई बनावटी स्क्रिप्ट या चकाचौंध नहीं है - बस असली लोग, असली ज़िंदगी और सच्चे जज़्बात हैं। शो में जिस सादगी और गहराई से कहानियाँ सुनाई जाती हैं, वो इसे बाकी कंटेंट से अलग बनाती हैं।
India’s biggest rural storytelling show. True stories that shall give us inspiration for our own lives.
I am proud to host Gaon Se with Neelesh Misra. Monday to Friday 6 PM, only on @DDNational
Created by @GaonConnection https://t.co/rmEGNPs6iI
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) August 5, 2025
आज जब मीडिया का बड़ा हिस्सा गाँवों को भुला बैठा है, ‘गाँव से’ जैसे कार्यक्रम यह याद दिलाते हैं कि पत्रकारिता और स्टोरीटेलिंग का असली उद्देश्य क्या होता है - आवाज़ देना उन्हें जो सुनाए नहीं देते, रोशनी डालना वहाँ जहाँ अंधेरा है।
अगर आप भी उस भारत को जानना चाहते हैं जो शहरों से दूर है लेकिन आत्मा के सबसे करीब है, तो ‘गाँव से’ आपके लिए है। नीलेश मिसरा के साथ देखिए भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण कहानियों का शो, ‘गाँव से’, सोमवार से शुक्रवार, शाम 6 बजे, सिर्फ दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर। हर एपिसोड एक नई कहानी लेकर आता है, जो न सिर्फ आपको सोचने पर मजबूर करेगी, बल्कि शायद आपकी आँखें भी नम कर दे।
नीलेश मिसरा की आवाज़ में ‘गाँव से’ एक ऐसी कोशिश है जो यह साबित करती है कि कहानियों में अब भी ताकत है- और जब ये कहानियाँ गाँव से आती हैं, तो उनकी सच्चाई और असर और भी गहरा होता है।