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हालात से लड़ूंगी, पढ़ूंगी और आगे बढ़ूंगी़...कह रही हैं गांव की बेटियां

Trishla Pathak | May 30, 2017, 17:54 IST
women empowerment
कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सिद्धार्थनगर। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की लड़कियां पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय का पाठ सीख रही हैं। अभिनय का पाठ सीख कर ये लड़कियां सामाजिक अभियानों का हिस्सा बन रही है। ऐसे ही अभियान के अंतर्गत ग्राम भरौली में बाल- विवाह रोकने के लिए रैली एवं नाटक के जरिए ग्रामीणों को प्रेरित किया गया।

सिद्धार्थनगर जिले से 45 किमी दूर पश्चिम में ढेबरुआ थानाक्षेत्र के भरौली गाँव में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की सभी छात्राओं व गुरुजनों ने मिलकर गाँव में रैली निकाली। गाँव में नुक्कड़ नाटक भी किया, जिसमें कुल 35 छात्राएं शामिल थीं।

दो लड़कियों को दूल्हा-दुल्हन बनाकर शादी करवाई गई। अंत में फेरे के समय नकली पुलिस ने आकर उन्हें बाल-विवाह करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया। इसी नाटक के माध्यम से बाल-विवाह रोकने की पहल की गई, जिसमें शामिल रहीं खुशबू ने कहा, “मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही शादी करूंगी। अगर उससे पहले मेरे घर वाले कहते भी हैं तो मैं साफ इंकार कर दूंगी क्योंकि जिन्दगी भर मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहती।”

वहीं रेहाना कहती है, “मैं बाल-विवाह से सख्त नफरत करती हूं। मैं पढ़-लिखकर टीचर बनकर समाज की सेवा करना चाहती हूं। उचित उम्र होने पर ही मैं शादी करूंगी।’’ वहीं हेडमास्टर शशिकिरण ने बताया, “इस नाटक की ट्रेनिंग हमें लखनऊ में दी गई है। आओ नाटक करें कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विगत वर्षों से किए जा रहे बाल-विवाह का अंत करना है। बेटियां ही सृष्टि हैं। उनका बाल-विवाह करना यानी उनके साथ अपराध करना है। कम से कम 18 साल उम्र के बाद ही उनकी शादी करनी चाहिए।”

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