जांच के घेरे में परीक्षा केंद्रों में डीआईओएस की कारगुजारी
Harinarayan Shukla | Nov 20, 2017, 15:06 IST
गोंडा। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा में फैले भ्रष्टाचार को शून्य पर लाने का बीड़ा उठाते हुए इसके लिए बोर्ड परीक्षा बनाने के लिए मानक तय किया, लेकिन गोंडा जिले में नकल माफियाओं की जकड़न में डीआईओएस आ गये और प्रबंधतंत्र व डीआईओएस की संसाधन व छात्र संख्या में अंतर हो गया, इससे कई के परीक्षा केंद्र कट गये और कईयों के मानक में आ गये।
इस पर गाँव कनेक्शन ने 19 नवंबर को शीर्षक ‘दागी विद्यालय बन गये बोर्ड परीक्षा केंद्र’ खबर प्रकाशित की तो सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी डीआईओएस को पत्र लिखकर परिषद की प्रतिष्ठा धूमिल होने की बात कही। साथ ही कहा कि विसंगतियों का गहन परीक्षण कर गलती सुधारी जाए।
18 अक्टूबर को सचिव नीना श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र के जरिए बताया कि हाईस्कूल व इंटरमीडियट परीक्षाओं कें केंद्र निर्धारण में अर्हता व अनहर्ता के मानक को देखकर कर केंद्र का निर्धारण किया जाए, ताकि कोई गतिरोध न हो।
परीक्षा केंद्र बनने के लिए विदयालय की साख, बिजली, पानी, शौचालय, चार दीवारी, लोहे की आलमारी, कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरा, आपरेटर, अग्निशमन यंत्र, जेनरेटर व कमरे, फर्नीचर जरूरी माना गया, इसके लिए ऑनलाइन सूचना प्रबंधतंत्र को कालेज की लागइन पर देना था, इसी के सामान्तर डीआइओएस को अपनी लागइन से रिपोर्ट लगानी थी, यहां पर छात्रों की संख्या न्यूनतम 300 व अधिकतम 1200 रखी गई।
विकास शिक्षा मंदिर प्रबंधक ने कमरों की संख्या 16 दी तो डीआइओएस ने यह संख्या 12 कर दी। छात्रों की संख्या 450 थी तो डीआइओएस के यहां 250 हो गई। इससे परीक्षा नीति की अनदेखी हुई और यह विदयालय परीक्षा केंद्र बनने बनते रह गया।
अंबिका प्रसाद इंटर कालेज बरसदा बेलसर गोंडा में प्रबंधक ने कमरों की संख्या 15 दी तो डीआइओएस के यहां दस हो गई। बच्चों की संख्या 600 से घटाकर 300 कर दी गई। मानक में रहते हुए यह विदयालय परीक्षा केंद्र नहीं बना। उधर जिन विदयालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया, उनमें विदयालय एसएसके इंटर कालेज चंदवतपुर प्रबंधक ने कक्ष संख्या 12 लिखा, डीआइओएस के यहां कमरे हो गये 16। धारण क्षमता 600 दिखाई तो डीआइओएस ने 325 कर दी। मानक के लिए 300 होने से परीक्षा केंद्र बन गया।
गोंडा के डीआईओएस कार्यालय के पटल सहायक वसीर अहमद खान ने बताया कि 28 अप्रैल के बाद से उसका पासवर्ड बदलकर काम किया गया है। हमारा पासवर्ड डीआइओएस ने डायरी में नोट कर लिया था। वहीं, जिलाधिकारी जेबी सिंह ने कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में मानक की अनदेखी की शिकायतें मिली हैं, शिकायतों का निस्तारण कराया जाएगा।
जेबी सिंह, जिलाधिकारी
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इस पर गाँव कनेक्शन ने 19 नवंबर को शीर्षक ‘दागी विद्यालय बन गये बोर्ड परीक्षा केंद्र’ खबर प्रकाशित की तो सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी डीआईओएस को पत्र लिखकर परिषद की प्रतिष्ठा धूमिल होने की बात कही। साथ ही कहा कि विसंगतियों का गहन परीक्षण कर गलती सुधारी जाए।
18 अक्टूबर को सचिव नीना श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र के जरिए बताया कि हाईस्कूल व इंटरमीडियट परीक्षाओं कें केंद्र निर्धारण में अर्हता व अनहर्ता के मानक को देखकर कर केंद्र का निर्धारण किया जाए, ताकि कोई गतिरोध न हो।
परीक्षा केंद्र बनने के लिए विदयालय की साख, बिजली, पानी, शौचालय, चार दीवारी, लोहे की आलमारी, कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरा, आपरेटर, अग्निशमन यंत्र, जेनरेटर व कमरे, फर्नीचर जरूरी माना गया, इसके लिए ऑनलाइन सूचना प्रबंधतंत्र को कालेज की लागइन पर देना था, इसी के सामान्तर डीआइओएस को अपनी लागइन से रिपोर्ट लगानी थी, यहां पर छात्रों की संख्या न्यूनतम 300 व अधिकतम 1200 रखी गई।
पहला मामला
दूसरा मामला
बोले, पासवर्ड बदला गया
जेबी सिंह, जिलाधिकारी
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