सूखे चित्रकूट में उम्मीद की हरियाली, बारह साल में गाँव में लगा दी बाग
गाँव कनेक्शन | Apr 16, 2018, 10:38 IST
मऊ (चित्रकूट)। बुंदेलखंड का चित्रकूट जिला के किसान भले ही पिछले कई वर्षों से सूखे की मार झेल रहे हों, लेकिन इसी जिले में एक गाँव ऐसा भी है, जहां बहुत हरियाली है। इस गाँव के एक शख्स ने बड़ी बाग लगा दी है। इस बाग में पांच सौ से भी अधिक पेड़ लगे हैं।
चित्रकूट जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी. दूर मऊ ब्लॉक के पियरा डेरा गाँव में आज से बारह वर्ष पहले दूर-दूर तक बबूल और जंगली पेड़ के अलावा कुछ भी नहीं दिखायी देता था। लेकिन आज गाँव में चारों तरफ हरियाली है। सड़क के किनारे से लेकर खेतों की मेड़ों हर जगह बस पौधे हैं।
धनपत सिंह
जब धनपत सिंह ने पेड़ लगाने की शुरुआत की तो सिंचाई का भी साधन नहीं था, वहां से आधा किलोमीटर दूर से पानी लाकर पौधों की सिंचाई करते थे। वहां की जमीन भी पूरी तरह से अनुपजाऊ और पथरीली थी, धनपत खेत से मिट्टी लाकर गड्ढे बनाकर उसमें पौधे लगाते हैं।
वो कहते हैं, "मुझे कभी भी किसी की मदद की जरुरत नहीं पड़ी, शुरु में मैं यहीं पर झोपड़ी बनाकर रहता था, अब पत्थरों को जोड़-जोड़कर कमरा भी बना लिया है।"
उनके लगाए पौधे अब पूरे पेड़ बन गए हैं, आम, महुआ और आंवले के पेड़ों में फल भी आने लगे हैं, धनपत सिंह फलों को बेचते नहीं है, उनके रिश्तेदार और गाँव वाले ही फल ले जाते हैं। गाँव के लोगों का चूल्हा भी इन्हीं की बाग से जलता है, सूखी लकड़ियों को गाँव वाले चूल्हा जलाने के लिए ले जाते हैं।
चित्रकूट जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी. दूर मऊ ब्लॉक के पियरा डेरा गाँव में आज से बारह वर्ष पहले दूर-दूर तक बबूल और जंगली पेड़ के अलावा कुछ भी नहीं दिखायी देता था। लेकिन आज गाँव में चारों तरफ हरियाली है। सड़क के किनारे से लेकर खेतों की मेड़ों हर जगह बस पौधे हैं।
धनपत सिंह
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वो कहते हैं, "मुझे कभी भी किसी की मदद की जरुरत नहीं पड़ी, शुरु में मैं यहीं पर झोपड़ी बनाकर रहता था, अब पत्थरों को जोड़-जोड़कर कमरा भी बना लिया है।"
उनके लगाए पौधे अब पूरे पेड़ बन गए हैं, आम, महुआ और आंवले के पेड़ों में फल भी आने लगे हैं, धनपत सिंह फलों को बेचते नहीं है, उनके रिश्तेदार और गाँव वाले ही फल ले जाते हैं। गाँव के लोगों का चूल्हा भी इन्हीं की बाग से जलता है, सूखी लकड़ियों को गाँव वाले चूल्हा जलाने के लिए ले जाते हैं।