यह गाँव बनेगा यूपी का पहला आदर्श ग्राम, जानिए क्या है खास

Neetu Singh | Jun 01, 2017, 09:19 IST

नीतू सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रदेश में सिद्धार्थनगर जिले की गिनती भले ही पिछड़े जिलों में होती हो, लेकिन अब जल्द ही इस जिले का हसुड़ी गाँव यूपी का पहला ऐसा गाँव होगा जहाँ एक क्लिक पर आपको गाँव की हर जानकारी मिलेगी।

यहाँ के लोगों को आय, जाति, निवास और ट्रेन टिकट के लिये अब कहीं भटकना नहीं पड़ता है, बल्कि गाँव में ही कॉमन सर्विस सेंटर पर अब ये काम पूरा हो जाता है।“हमारी पूरी कोशिश हैं कि हमारी गाँव पंचायत उत्तर प्रदेश की पहली वाई-फाई युक्त पंचायत बने, गुजरात के पुंसारी गाँव की तर्ज पर हम अपने गाँव को बनाना चाहते हैं, गाँव का ऑनलाइन मैप इस ढंग से तैयार किया है जिससे महिलाएं और किशोरियां सुरक्षित रहें, लड़ाई-झगड़े कम हो और परिवार के बारे में सभी तरह की जानकारी उपलब्ध हो। ऐसा होने पर हमारा गाँव प्रदेश का पहला मॉडल गाँव बनेगा।”ये कहना है सिद्धार्थनगर जिले से 60 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा से भनवापुर ब्लॉक के हसुड़ी औसानापुर के युवा ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी (38 वर्ष) का।

जिले के इस गाँव में वर्तमान समय में गाँव के मुख्य मार्ग, अन्दर और स्कूल में 23 सीसीटीवी कैमरे, 23 पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हर तीसरे घर पर एक कूड़ादान, पूरे गाँव में 40 कूड़ादान, कॉमन सर्विस सेंटर, वाई-फाई लग चुका है। प्राथमिक और जूनियर स्कूल सभी सुविधाओं से पूरी तरह मेंटेन हो चुके हैं। ग्राहक सेवा केंद्र, वीडियों कांफ्रेंसिंग रूम 15 दिन में बनकर शुरू हो जाएगा।

गाँव में रहने वाले रामदीन गुप्ता (45 वर्ष) का कहना है, “गाँव में सीसीटीवी कैमरे लगने से महिलायें और लड़कियाँ सुरक्षित रहेंगी, क्राइम और लड़ाई-झगड़े कम होंगे क्योंकि लोगों को डर रहेगा की वो कैमरे की नजर में हैं, लोगों को आय, जाति, निवास रेलवे टिकट के लिए अब भटकना नहीं पड़ता, गाँव में ही कॉमन सर्विस सेंटर पर सबकुछ बन जाता है ।” वो आगे बताते हैं, “कम्प्यूटर का जमाना है और विकास के लिए ये नई पीढ़ी की जरूरत भी है, ऐसे में हमारे गाँव का ये विकास नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने में मदद करेगा, बहुत पिछड़ा गाँव होने की वजह से ये सब हो जाएगा, कभी सोचा नहीं था।”

जिले में 1199 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमे 1190 वें नम्बर पर कम आबादी वाली हसुड़ी औसानापुर ग्राम पंचायत है, जिसमें 1124 की आबादी है। छोटी पंचायत होने की वजह से यहाँ एक साल का बजट लगभग पांच लाख आता है। इसके बावजूद यहाँ के युवा प्रधान दिलीप ने ये ठान लिया है कि गाँव अत्याधुनिक तकनीक से पूरी तरह से लैस हो जिसके लिए वो जगह-जगह जाकर जानकारी एकत्र करते रहते हैं।

युवा प्रधान गुजरात के पुंसारी गाँव का भ्रमण भी कर चुके हैं। दिलीप त्रिपाठी उत्साहित होकर बताते हैं, “पूरे गाँव का नक्शा इस हिसाब से तैयार किया है कि गाँव के बाहर के रास्ते, खेत गाँव के अन्दर कौन चीज कहाँ हैं, पूरी जानकारी मिल जाए, इन्टरनेट की स्पीड अभी स्लो है एक महीने में पूरा सिस्टम शुरू हो जाएगा।”

वो आगे बताते हैं, “बरसात के बाद पूरा गाँव गुलाबी रंग से कलर करवाएंगे और दीवारों पर गाँव की पुरानी कलाकृतियाँ भी बनवाएंगे जिससे पुरानी संस्कृति बरकरार रहे, गाँव में किसी भी चीज की सूचना देने के लिए सुबह शाम एक समय निर्धारित करेंगे जिससे घर बैठे लोगों को साउंड सिस्टम से जानकारी मिल सके।”

गाँव में जितनी भी चीजें लगी हैं, उन सबका अलग महत्व है। दिलीप का कहना है, “ग्राहक सेवा केंद्र से बैंक सम्बन्धी सुविधाओं का काम पूरा होगा, वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम से दूर बैठे कोई भी अधिकारी गाँव को कोई भी सन्देश दे सकते हैं। गाँव में किसी को कोई भी परेशानी हो तो मुझसे कह सकता है जितना मुझसे सम्भव होगा हम उसकी मदद करेंगे।”

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