सरकार स्कूल : बाकी काम से फुर्सत मिले तो बच्चों को पढ़ाएं शिक्षक

Meenal Tingal | Jul 16, 2017, 13:09 IST
CM yogi
लखनऊ। शिक्षकों पर हमेशा से ही यह आरोप लगते आ रहे हैं कि शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा नहीं दे रहे। वह स्कूलों में अपनी जिम्मेदारी सही तरह से नहीं निभाते। लेकिन शिक्षकों से पढ़ाने के सिवा इतने अन्य कार्य लिये जा रहे हैं, जिसके चलते वह पढ़ाने की जिम्मेदारी आखिर निभायें भी तो किस तरह। हाल यह है कि शिक्षक एक, काम अनेक। शिक्षक इन दिनों जहां पढ़ाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो इसके साथ ही किताबों को स्कूलों तक ढोकर लाने के साथ 'स्कूल चलो अभियान' के तहत बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए गली-मोहल्ले के चक्कर भी लगा रहे हैं। इसके साथ ही बीएलओ की ड्यूटी निभाना, पल्सपोलियो में जिम्मेदारी निभाना भी इनकी ड्यूटी में शामिल है।

ये हाल तब है, जबकि वर्ष 2015 में हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था कि शिक्षकों से केवल जनगणना, निर्वाचन व आपदा के समय ही अतिरिक्त काम लिया जा सकता है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चन्द्रचूड तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया था। कोर्ट ने यह कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21(4) एवं अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 के अन्तर्गत 6 से 14वर्ष के बच्चों को शिक्षा पाने का मूल अधिकार हैं। कोई भी ऐसा कार्य जो इस उद्देश्य की पूर्ति में बाधा बनता है अनुचित होगा। इसके बावजूद स्कूलों में शिक्षक पढ़ाने के साथ अन्य कार्य करने को बाध्य हैं।

इस समय किताबें लाने की जिम्मेदारी में उलझे अध्यापक

रायबरेली जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर दूर स्थित हरचंदपुर ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल उसरापुर में पढ़ाने वाले शिक्षक संतोष मिश्रा कहते हैं, इस समय हम लोगों पर बीआरसी से किताबें स्कूलों में लाने की जिम्मेदारी है। अपने पैसे से हम लोग किताबें स्कूल में ला रहे हैं। बाइक पर, साइकिल पर, रिक्शे पर या टैम्पो से जैसे भी संभव हो जिम्मेदारी तो निभानी ही है। इसके साथ ही जब भी पल्स पोलियो दिवस आता है तब से लेकर एक सप्ताह तक किसी न किसी की ड्यूटी पल्स पोलियो में लगा दी जाती है। कोर्ट के आदेशों के बावजूद शिक्षकों से अन्य कार्य लिये जा रहे हैं।

रविवार की छुट्टी भी कैंसिल

वहीं नाम न छापने की शर्त पर प्राथमिक स्कूल खानपुर में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने कहा कि बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी तो निभानी ही है। इसके साथ ही किताबों को स्कूल तक लाने के साथ ही बीएलओ की ड्यूटी भी कर रहे हैं। पिछले दोनों रविवार को छुट्टी नहीं मिली और अब आदेश आ गया है कि इस महीने के आने वाले दोनों रविवार को भी सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक मतगणना करनी है। एक तो पहले से ही पढ़ाने के साथ अन्य कार्य करने पड़ रहे थे। अब छुट्टी के दिन भी काम करना पड़ रहा है। बाकी विभाग के लोग केवल अपने विभाग के ही काम करते हैं, लेकिन शिक्षकों को पढ़ाने के साथ सैकड़ों और काम करने पड़ रहे हैं।

आदर्श जनता जूनियर हाई स्कूल, अहरोरा, मुजफ्फर नगर में पढ़ा रहे शिक्षक महतार सिंह कहते हैं, 'शिक्षक की ड्यूटी केवल पढ़ाने की होनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं है। हम लोगों को कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं जो नहीं होना चाहिये। यदि हम लोग किसी अन्य कार्य के लिए मना करते हैं तो हमें नौकरी जाने का खतरा है। इसलिए मजबूर होकर हम लोगों को पढ़ाने के साथ ही अन्य जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं।'

शिक्षा अधिकारी ने देरी नहीं होने को बताई वजह

शिक्षाधिकारी इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। बेसिक सहायक शिक्षा निदेशक, मण्डलीय, महेन्द्र सिंह राणा कहते हैं कि यदि शिक्षकों की ड्यूटी किसी अन्य कार्य में लगायी जा रही है तो, इस बारे में जिलाधिकारी से शिकायत की जानी चाहिए। शिक्षक यदि पढ़ाने के साथ कोई अन्य कार्य कर रहे हैं तो यह गलत है। हां, आपदा, जनगणना और निर्वाचन में इनको पढ़ाने के साथ काम अवश्य करना होगा। रही किताबों को बीआरसी से स्कूल तक लाने की बात, तो किताबें रुक-रुक कर छप रही हैं। इसलिए जैसे-जैसे छपती जा रही है वैसे-वैसे स्कूलों तक ले जानी पड़ रही हैं। यदि एक साथ छपने और वितरित करने की बात होती तो और देर हो जाती।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • CM yogi
  • hindi samachar
  • teachers in Trouble
  • UP Teachers
  • additional work From Teachers
  • UP Education

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.