चूजों की बढ़ी कीमतों से पोल्ट्री फॉर्मर परेशान

Diti Bajpai | Jun 13, 2017, 11:45 IST
uttar pradesh
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। बीफ पर लगाई गई पांबदी से देश भर के कई हिस्सों में चिकन की कीमतों और खपत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन इससे पोल्ट्री फार्मरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनको चूजे और मंहगे दामों पर मिल रहे हैं।

लखनऊ जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर सुल्तानुपर रोड पर मकसूद खान (30 वर्ष) का पोल्ट्री फार्म है। मकसूद बताते हैं, "जब से बीफ पर रोक लगी है तब से चिकन की मांग ज्यादा हो गई है। ऐसे में हम पोल्ट्री फार्मर को कोई लाभ नहीं है। अगर चिकन मंहगा हुआ है तो चूजे की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। इस समय चूजे मंहगे होने के कारण हम खरीद नहीं पा रहे हैं। ईद आने वाली है इसमें भी मांग बढ़ेगी।

उद्योग संगठन एसोचैम ने इस संबंध में आशंका जताते हुए एक रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम प्रदेशों में चिकन 30 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि बीफ नहीं मिलने पर चिकन की खपत में 30 से 40 प्रतिशत तक इजाफा भी हो सकता है।

मोहम्मद यूसूफ (40 वर्ष ) बताते है, "चिकन की दुकानें चलने से चिकन का दाम दोगुने तक पहुंच गया है, लेकिन इससे पोल्ट्री किसानों को कोई राहत नहीं है। "इस समय बाजार में चूजों के दाम 44 से 48 रुपए है जबकि पहले 25 से ऊपर चूजों का रेट जाता ही नहीं था। बाजार में भले ही चिकन 200 रुपए किलो बिक रहा है फिर भी इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है।" बाराबंकी जिले से 45 किमी. दूर हैदरगढ़ ब्लॉक में यूसूफ का पोल्ट्री फार्म है।

उद्योग संगठन एसोचैम के इकोनॉमिक रिसर्च ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार थोक कुक्कुट की कीमतें भी 22 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई हैं, जबकि बीफ की कीमतें मई 2014 से मार्च 2017 के बीच लगभग 3 प्रतिशत गिरी हैं। चिकन की कीमतों में पिछले कुछ सालों के दौरान लगभग 10 से 12 प्रतिशत और खपत में 15 से 18 प्रतिशत तक की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।

कुक्कुट विभाग उत्तर प्रदेश के सयुक्त निदेशक डॉ वीके सचान ने बताया, "चिकन की मांग और खपत दोनों ही बढ़ रहे हैं। ऐसे में प्राईवेट कंपनी पर कोई जोर नहीं होता है वो मनमानी कीमतें बढ़ाते हैं, इसलिए चिकन मंहगा होने पर चूजों के दाम बढ़ा दिए। बाराबंकी में हमारा प्रक्षेत्र है जहां से पोल्ट्री फार्मर चूजों की खरीद कर सकते हैं।"

एसोचैम के अनुसार जून 2013 से मई 2014 के बीच बीफ के दामों में 10 प्रतिशत वृद्धि हुई थी और पोल्ट्री चिकन के दामों में करीब नौ प्रतिशत गिरावट आई थी, लेकिन इस समय बीफ बैन का असर यूपी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा आदि राज्यों में हो रहा है।

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