नये भारत के सपने को पंख लगाने में जुटा गोरखपुर का एक शख्स
Jitendra Tiwari | Jul 19, 2017, 19:39 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
गोरखपुर। पूर्वांचल में नये भारत के सपने को साकार करने के लिए गोरखपुर के रत्नेश तिवारी (29 वर्ष) पिछले दो वर्षों से दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पीएम के न्यू इंडिया से प्रेरणा लेकर रत्नेश युवा इंडिया की नर्सरी तैयार करने में जुटे हुए हैं।
एमसीए करने के बाद मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब किया, दस लाख के करीब सलाना पैकेज भी था, लेकिन ये चीजें रत्नेश को संतुष्ट नहीं कर पा रही थी। गाँव और गरीब के बारे में उनकी बचपन से ही कुछ करने की सोच ने उनको गाँव ले आया। फिलहाल वे गरीब बच्चों को मुफ्त भोजन व पढ़ाई के साथ-साथ जरूरत की सभी सुविधाएं बेहतर माहौल में मुहैया करा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने यूथ यूटिल वेलफेयर एसोसिएशन (युवा भारत) की स्थापना की है।
कुशीनगर जिले के रहने वाले रत्नेश कुमार तिवारी, जो गोरखपुर की मिट्टी में पले-बढ़े, यही से एमसीए करने के बाद हैदराबाद और दिल्ली में नौकरी करने के उद्देश्य से चले गए। रत्नेश बताते हैं, "करीब चार साल तक मैंने नौकरी की। यहां पर आकर मैंने अन्नपूर्णा अभियान की शुरुआत की, जिसमें कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।"
रत्नेश का कहना है,“ नये भारत के सपने को साकार करने के लिए युवा इंडिया पर फोकस करना होगा। इसके लिए धरातल पर उतरकर सामूहिक भागीदार के तहत काम करना होगा। तब जाकर पीएम मोदी का सपना हो सकेगा।”
रत्नेश गरीब बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहे है, जिसमें मुफ्त भोजन, कपड़ा व पठन-पाठन की सभी सामग्री दी जाती है। उनकी टीम में इस समय दो सौ के करीब कार्यकर्ता हैं। जो बच्चों को शिक्षित करने में जुटे हैं। इसके तहतसूर्य विहार और लाल डिग्गी पार्क के पास बच्चों की कक्षाएं चलवा चुके हैं। फिलहाल उनकी कक्षाएं मोती जेल परिसर निकट हार्बट बंधे पर शाम साढ़े पांच बजे से लेकर सात बजे तक संचालित होती है। जहां पर करीब सौ से अधिक बच्चों केसर्वांगीण विकास के लिए काम चल रहा है। अब उनका प्रयास है कि गरीब बच्चों को सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के मुख्यधारा से जोड़ा जाए। ताकि वे आगे की पढ़ाई को जारी रख सके, इसके लिए उनकी रणनीति जारी है।
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गोरखपुर। पूर्वांचल में नये भारत के सपने को साकार करने के लिए गोरखपुर के रत्नेश तिवारी (29 वर्ष) पिछले दो वर्षों से दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पीएम के न्यू इंडिया से प्रेरणा लेकर रत्नेश युवा इंडिया की नर्सरी तैयार करने में जुटे हुए हैं।
एमसीए करने के बाद मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब किया, दस लाख के करीब सलाना पैकेज भी था, लेकिन ये चीजें रत्नेश को संतुष्ट नहीं कर पा रही थी। गाँव और गरीब के बारे में उनकी बचपन से ही कुछ करने की सोच ने उनको गाँव ले आया। फिलहाल वे गरीब बच्चों को मुफ्त भोजन व पढ़ाई के साथ-साथ जरूरत की सभी सुविधाएं बेहतर माहौल में मुहैया करा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने यूथ यूटिल वेलफेयर एसोसिएशन (युवा भारत) की स्थापना की है।
कुशीनगर जिले के रहने वाले रत्नेश कुमार तिवारी, जो गोरखपुर की मिट्टी में पले-बढ़े, यही से एमसीए करने के बाद हैदराबाद और दिल्ली में नौकरी करने के उद्देश्य से चले गए। रत्नेश बताते हैं, "करीब चार साल तक मैंने नौकरी की। यहां पर आकर मैंने अन्नपूर्णा अभियान की शुरुआत की, जिसमें कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।"
संवार रहे है नौनिहालों का भविष्य
रत्नेश गरीब बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहे है, जिसमें मुफ्त भोजन, कपड़ा व पठन-पाठन की सभी सामग्री दी जाती है। उनकी टीम में इस समय दो सौ के करीब कार्यकर्ता हैं। जो बच्चों को शिक्षित करने में जुटे हैं। इसके तहतसूर्य विहार और लाल डिग्गी पार्क के पास बच्चों की कक्षाएं चलवा चुके हैं। फिलहाल उनकी कक्षाएं मोती जेल परिसर निकट हार्बट बंधे पर शाम साढ़े पांच बजे से लेकर सात बजे तक संचालित होती है। जहां पर करीब सौ से अधिक बच्चों केसर्वांगीण विकास के लिए काम चल रहा है। अब उनका प्रयास है कि गरीब बच्चों को सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के मुख्यधारा से जोड़ा जाए। ताकि वे आगे की पढ़ाई को जारी रख सके, इसके लिए उनकी रणनीति जारी है।
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