पानी के अभाव में परेशान हैं बागवान और किसान
गाँव कनेक्शन | Apr 18, 2017, 19:44 IST
केके बाजपेई, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
लखनऊ। जनपद मुख्यालय से 45 किमी की दूरी पर स्थित मलिहाबाद फलपट्टी के बागवान व मौसमी सब्जी की खेती करने वाले किसानों में बिजली और पानी की उपलब्धता न होने के चलते मायूसी छाई हुई है। दिन प्रतिदिन बढ़ता पारा और पछुआ हवाओं के झोंके में पानी के बिना फसल मर रही है।
नहरों में पानी नहीं है। सरकारी नलकूप ज्यादातर ख़राब हैं। बिजली की लाइनें ओवरलोड हैं, जिसके चलते ट्रिप लाइन की भी समस्या अभी से आने लगी है। आम के बागों में सिंचाई का यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। किसानों की सिंचाई समस्याओं को लेकर किसान यूनियन ने प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है।
माल ब्लॉक के ग्राम पिपरी निवासी करुणा शंकर तिवारी (55 वर्ष) ने बताया, ‘आम की फसल इस वर्ष वैसे ही कमजोर है। इस समय पेड़ों को पानी की जरूरत है। मौके पर पानी नहीं मिला तो फसल चौपट ही होनी है।’
वहीं माल ब्लॉक के पिपरी कुराखर निवासी हरिनाम सिंह (55 वर्ष) का कहना है, ‘नहर में कभी समय पर पानी नहीं आता। बार-बार बिजली के आने-जाने से निजी साधन भी काम नहीं आ रहे हैं। हरी सब्जी और आम की फसल ही साल भर की कमाई का जरिया है।’
माल ब्लॉक के ही निवासी भाकियू राष्ट्रवादी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश सिंह चौहान (58वर्ष) ने बताया, ‘मेरे खुद के बाग़ सूख रहे हैं। फलपट्टी में किसानों की पूरे साल की खुशहाली आम की फसल पर निर्भर करती है। यह अकेले मेरी ही नहीं, बल्कि 5000 किसानों की समस्या है।’
किसानों की सिंचाई समस्याओं पर उन्होंने कहा कि नहरों में पानी नहीं आ रहा है। हरदोई जनपद के संडीला व ढिकुन्नी डिवीजन से माल की नहरों में पानी आता है। कई वर्षों से नहरें सूखी पड़ी हैं।फलपट्टी के किसानों की साल भर की रोटी का सहारा आम की मुख्य फसल है। इस बार फसल कम आयी है। ऐसे में समय पर सिंचाई न हो पाने से वह दोहरी चोट खाएंगे।
माल ब्लॉक के सस्पन, मुड़ियारा, गोपालपुर, थरी, खंडसरा, नविपना, जिंदाना, देवरीग़ज़ा, पिपरिकुराखर,सैदापुर, रानीपारा, हरिहरपुर तमाम गाँवों तक बनी नहरों में पानी नहीं है। सरकारी नलकूप भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं।
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लखनऊ। जनपद मुख्यालय से 45 किमी की दूरी पर स्थित मलिहाबाद फलपट्टी के बागवान व मौसमी सब्जी की खेती करने वाले किसानों में बिजली और पानी की उपलब्धता न होने के चलते मायूसी छाई हुई है। दिन प्रतिदिन बढ़ता पारा और पछुआ हवाओं के झोंके में पानी के बिना फसल मर रही है।
नहरों में पानी नहीं है। सरकारी नलकूप ज्यादातर ख़राब हैं। बिजली की लाइनें ओवरलोड हैं, जिसके चलते ट्रिप लाइन की भी समस्या अभी से आने लगी है। आम के बागों में सिंचाई का यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। किसानों की सिंचाई समस्याओं को लेकर किसान यूनियन ने प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की है।
माल ब्लॉक के ग्राम पिपरी निवासी करुणा शंकर तिवारी (55 वर्ष) ने बताया, ‘आम की फसल इस वर्ष वैसे ही कमजोर है। इस समय पेड़ों को पानी की जरूरत है। मौके पर पानी नहीं मिला तो फसल चौपट ही होनी है।’
वहीं माल ब्लॉक के पिपरी कुराखर निवासी हरिनाम सिंह (55 वर्ष) का कहना है, ‘नहर में कभी समय पर पानी नहीं आता। बार-बार बिजली के आने-जाने से निजी साधन भी काम नहीं आ रहे हैं। हरी सब्जी और आम की फसल ही साल भर की कमाई का जरिया है।’
माल ब्लॉक के ही निवासी भाकियू राष्ट्रवादी के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश सिंह चौहान (58वर्ष) ने बताया, ‘मेरे खुद के बाग़ सूख रहे हैं। फलपट्टी में किसानों की पूरे साल की खुशहाली आम की फसल पर निर्भर करती है। यह अकेले मेरी ही नहीं, बल्कि 5000 किसानों की समस्या है।’
किसानों की सिंचाई समस्याओं पर उन्होंने कहा कि नहरों में पानी नहीं आ रहा है। हरदोई जनपद के संडीला व ढिकुन्नी डिवीजन से माल की नहरों में पानी आता है। कई वर्षों से नहरें सूखी पड़ी हैं।फलपट्टी के किसानों की साल भर की रोटी का सहारा आम की मुख्य फसल है। इस बार फसल कम आयी है। ऐसे में समय पर सिंचाई न हो पाने से वह दोहरी चोट खाएंगे।
इन गाँवों में है पानी की समस्या ज़्यादा
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