फसलों को रोगों से मुक्ति दिलाएगा प्रोटीन
गाँव कनेक्शन | Jul 03, 2017, 15:10 IST
सुंदर चंदेल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
मेरठ। मानव की कोशिका निर्माण में सहायक प्रोटीन अब फसलों को गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाएगा। यह प्रोटीन फसलों में लगने वाले कीड़ों को मारकर उसकी रक्षा करेगा। मिट्टी में पाया जाने वाला यह प्रोटीन कपास, तंबाकू व टमाटर आदि फसलों में नुकसान पहुंचा रहे कीड़ों को मारने में सहायक साबित हुआ है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग में शोध छात्र शिवकुमार बालियान ने यह शोध किया है। तीन साल से अधिक समय तक उन्होंने कीड़ों पर प्रोटीन के असर की जांच की। शिवकुमार ने बायोलाजिकल प्रक्रिया के द्वारा बायोपेस्टीसाइड के इस्तेमाल से फसलों के कीड़ों को मारने में सफलता हासिल की।
सबसे पहले केवल सीबीपी प्रोटीन को कीड़ों को खिलाकर देखा। पहले प्रयास से ही कीड़ों पर असर दिखाई देने लगा। इसके बाद आईसीपी प्रोटीन को मिलाकर हेलीकार्पा और आरमीजीरा नामक कीड़ों को खिलाया, जिसके बाद प्रोटीन ने कीड़ों को नष्ट करने में तेजी दिखाई। कीड़े बहुत तेजी से मरने शुरु हो गए। शिवकुमार ने बताया कि इन प्रोटीन के बहुत अधिक इस्तेमाल से भी पर्यावरण पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिवकुमार बालियान बताते हैं, “फसलों में लगने वाले कीड़ों को मारने के लिए बायोकैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बायोकैमिकल का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से फसलों के साथ पर्यावरण पर भी बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इंटीग्रेटिड पेस्ट मैनेजमेंट के अनुसार इनका फसलों पर एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।”
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मेरठ। मानव की कोशिका निर्माण में सहायक प्रोटीन अब फसलों को गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाएगा। यह प्रोटीन फसलों में लगने वाले कीड़ों को मारकर उसकी रक्षा करेगा। मिट्टी में पाया जाने वाला यह प्रोटीन कपास, तंबाकू व टमाटर आदि फसलों में नुकसान पहुंचा रहे कीड़ों को मारने में सहायक साबित हुआ है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग में शोध छात्र शिवकुमार बालियान ने यह शोध किया है। तीन साल से अधिक समय तक उन्होंने कीड़ों पर प्रोटीन के असर की जांच की। शिवकुमार ने बायोलाजिकल प्रक्रिया के द्वारा बायोपेस्टीसाइड के इस्तेमाल से फसलों के कीड़ों को मारने में सफलता हासिल की।
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शिवकुमार बालियान बताते हैं, “फसलों में लगने वाले कीड़ों को मारने के लिए बायोकैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन बायोकैमिकल का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से फसलों के साथ पर्यावरण पर भी बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इंटीग्रेटिड पेस्ट मैनेजमेंट के अनुसार इनका फसलों पर एक साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।”
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