धान और दलहनों का रकबा घटा, बस तिलहन में बढ़ोतरी
गाँव कनेक्शन | Aug 25, 2018, 05:29 IST
देशभर में खरीफ फसलों का रकबा 995.62 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल की समान अवधि का रकबा 1008.57 लाख हेक्टेयर से 1.28 फीसदी कम है
नई दिल्ली (आईएएनएस)। देशभर में पिछले सप्ताह औसत से अधिक बारिश होने से खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान समेत कई फसलों की बुवाई में प्रगति हुई है। धान की बुवाई या रोपाई अब तक 356.83 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि में धान का रकबा 359.52 लाख हेक्टेयर से 0.75 फीसदी कम है। 10 अगस्त को देशभर में धान का रकबा पिछले साल से 2.85 फीसदी पिछड़ा हुआ था।
केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी फसल वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन की बुवाई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों का रकबा 995.62 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल की समान अवधि का रकबा 1008.57 लाख हेक्टेयर से 1.28 फीसदी कम है। खरीफ सीजन की सभी दलहन फसलों का रकबा 130.83 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल 133.87 लाख हेक्टेयर था। दलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले अब भी 2.27 फीसदी कम है।
मोटे अनाज की बुवाई का रकबा 166.52 लाख हेक्टेयर है और यह पिछले साल के 174.34 लाख हेक्टेयर से 4.48 फीसदी कम है। सभी तिलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 1.68 फीसदी बढ़कर 167 लाख हेक्टेयर हो गया है। जूट और मेस्ता का रकबा पिछले साल के मुकाबले 0.94 फीसदी घटकर सात लाख हेक्टेयर रह गया है।
देश के प्रमुख कपास उत्पादक प्रदेशों में कपास का कुल रकबा 116.85 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज रकबा 119.67 लाख हेक्टेयर से 2.36 फीसदी कम है।
केंद्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी फसल वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन की बुवाई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों का रकबा 995.62 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल की समान अवधि का रकबा 1008.57 लाख हेक्टेयर से 1.28 फीसदी कम है। खरीफ सीजन की सभी दलहन फसलों का रकबा 130.83 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल 133.87 लाख हेक्टेयर था। दलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले अब भी 2.27 फीसदी कम है।
मोटे अनाज की बुवाई का रकबा 166.52 लाख हेक्टेयर है और यह पिछले साल के 174.34 लाख हेक्टेयर से 4.48 फीसदी कम है। सभी तिलहनों का रकबा पिछले साल के मुकाबले 1.68 फीसदी बढ़कर 167 लाख हेक्टेयर हो गया है। जूट और मेस्ता का रकबा पिछले साल के मुकाबले 0.94 फीसदी घटकर सात लाख हेक्टेयर रह गया है।