प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम

ऑनलाइन कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेने के बाद प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देशभर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। साथ ही अपने राज्यों में प्राकृतिक खेती की पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देश भर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में भी घोषणा की गई है। राज्यों में विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने को लेकर कमेटी बनाई गई है। फोटो: दिवेंद्र सिंह

प्राकृतिक खेती से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए प्राकृतिक खेती पर मास्टर प्रशिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।

राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ 5 अप्रैल, मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि मैनेज को आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में अप्रैल से अगस्त तक देश में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का काम सौंपा गया है। प्राकृतिक खेती पद्धति किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।

कृषि मंत्री ने आगे कहा, "देश में परंपरागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने पहल की है। प्राकृतिक खेती के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गत 16 दिसंबर को गुजरात में प्राकृतिक खेती पर एक वृहद राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें लाखों किसान जुड़े थे। प्राकृतिक खेती बाहरी आदानों पर किसानों की निर्भरता को कम करने, खेती की लागत घटाने तथा किसानों की आय बढ़ाने का आशाजनक साधन है।

सरकार पारंपरिक स्वदेशी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की उपयोजना के रूप में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) को बढ़ावा दे रही है। आने वाले दिनों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर देशभर में 30 हजार ग्राम प्रधानों के लिए 750 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही अपने-अपने राज्यों में प्राकृतिक खेती की पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे। 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के तहत कवर किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में भी घोषणा की गई है। राज्यों में विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने को लेकर कमेटी बनाई गई है।

प्राकृतिक खेती पद्धति बढ़ने के साथ इसमें गाय सहित पशुओं का उपयोग बढ़ेगा, जिससे किसानों को लाभ होगा। सरकार ने कृषि को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की पहल की है, जिसमें राज्यों का सहयोग लिया जा रहा है, वहीं 6865 करोड़ रुपये खर्च कर हर ब्लॉक में नए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाए जा रहे हैं, जो कुल दस हजार बनेंगे। इनके माध्यम से किसानों का ज्ञान बढ़ेगा, वे नई तकनीकों का उपयोग कर सकेंगे, महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे व उपज की गुणवत्ता बढ़ेगी, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा।

कृषि मंत्री ने सभी मास्टर ट्रेनर्स से अनुरोध किया कि वे प्राकृतिक खेती संबंधी सरकार की महत्वपूर्ण पहल को विभिन्न तरीकों से आगे बढ़ाने के लिए प्राण-प्रण से जुटें।

#Natural farming #story 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.