किसान ऐसी तकनीकी का कर रहे इस्तेमाल कि बांझ गाय-भैंस भी दे रहीं दूध

दिति बाजपेईदिति बाजपेई   3 April 2017 4:48 PM GMT

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किसान ऐसी तकनीकी का कर रहे इस्तेमाल कि बांझ गाय-भैंस भी दे रहीं दूधकिसान एक ऐसी किट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके प्रयोग से गाय-भैंस दोबारा दूध दे रहे हैं।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

शाहजहांपुर। जहां दुधारु पशुओं में बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। वहीं शाहजहांपुर जिले के कई किसान एक ऐसी किट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके प्रयोग से गाय-भैंस दोबारा दूध दे रहे हैं।

शाहजहांपुर जिले से 30 किमी दूर भावलखेड़ा ब्लॉक के भारापुर गाँव में रहने वाले प्रमोद कुमार वर्मा (32 वर्ष) के पास चार गाय और दो भैंसे हैं। प्रमोद बताते हैं, “मेरी एक गाय ने एक बच्चा देने के बाद दूध देना बंद कर दिया। तब हमने इंड्यूज लेक्टेशन तकनीक (यानी दूध देने वाली किट) का प्रयोग किया। अब वो तीन से चार लीटर दूध दे रही है।”

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पंतनगर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ.एससी सूद ने इस किट को ईजाद किया था। बच्चा नहीं देने वाली गाय-भैंस में इंड्यूज लेक्टेशन तकनीक के जरिए दूध पैदा किया जाता है। मतलब निर्धारित कोर्स के अनुसार पशु को हार्मोन व स्टेरायड का इंजेक्शन दिया जाता है उसके कुछ दिन बाद वो दूध देने के काबिल होती है। इस किट के बारे में शाहजहांपुर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पशुधन वैज्ञानिक डॉ. टीबी यादव ने बताया, “ज्यादातर पशुपालक गाय-भैंस के बांझ होने के बाद छुट्टा छोड़ देते हैं या फिर उन्हें बेच देते हैं। ऐसे में यह किट लाभदायक है।

इसका ट्रीटमेंट लगभग 21 दिन तक चलता है। उसमें गाय को इंजेक्शन देने पड़ते हैं। यह किट पशुओं के वजन के अनुसार दी जाती है। इससे किसानों को लाभ भी मिला है।” दुधारु पशुओं में पोषक तत्वों की कमी के कारण बांझपन की समस्या होती है। ऐसे में यह किट पशुपालकों के लिए कारगार सिद्ध हो रही है। शाहजहांपुर जिले के सिंधौली ब्लॉक के पैनाबुजुर्ग गाँव में रहने वाले योगेश मिश्र (40 वर्ष) अपने गाँव की पांच बांझ गायों का इलाज करा चुके हैं।

योगेश बताते हैं, “मेरे गाँव में लोगों ने दूध न देने पर उन्हें छुट्टा छोड़ दिया। तब उनको इस किट के बारे में बताया उसके बाद से वो उतना ही दूध दे रही है।” इस किट में आने वाले खर्च के बारे में योगश बताते हैं, “इस किट का पूरा खर्चा 1500 रुपए आता है। किट में पूरी जानकारी भी रहती है कि कितने दिन पर कितने इंजेक्शन लगने हैं। इस किट के प्रयोग में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। वरना नुकसान भी होता है।

किसी भी मेडिकल स्टोर में यह मिलती है।” बांझपन होने का कारण बताते हुए डॉ. टीबी यादव बताते हैं, “दुधारु पशुओं में पोषक तत्व (जिंक, कॉपर, कॉमनसोल्ट) की सबसे ज्यादा जरूरत होती है जो मिनिरल मिक्सचर पूरी करता है लेकिन ज्यादातर पशुपालक इस पर ध्यान नहीं देते हैं। महीने में दस से ज्यादा पशुपालक यह समस्या लेकर केंद्र में आते है।”

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