शुरू होने के साथ ही खत्म हो गई देश में वनीला की खेती

Ashwani Nigam | Dec 28, 2017, 19:12 IST
Farmers
लखनऊ। विश्व के सबसे महंगे मसालों में शुमार किए जाने वाले वनीला की खेती देश में वर्ष 2000 में बड़ी उम्मीद के साथ शुरू हुई थी लेकिन डेढ़ दशक बाद अब यह खत्म होने की कगार पर है।

वनीला इंडिया प्रोड्यूसर के निदेशक एम.के. साजू ने गांव कनेक्शन को बताया, ''वनीला की खेती में हो रहे घाटे से दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कभी बड़े पैमाने पर हो रही वनीला की खेती से किसानों ने मुंह मोड़ लिया है।''

उन्होंने बताया कि यह हाल तब है जब पूरी दुनिया में वनीला की सबसे ज्यादा मांग है। सरकार अगर ध्यान दे तो देश में वनीला की खेती को आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।



भारतीय मसाला बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में सबसे अधिक लोकप्रिय फ्लेवर वनीला है। यहां तक कि पूरे विश्व में जितनी भी आइस्क्रीम बनती है, उसमें से 40 प्रतिशत वेनिला फ्लेवर की ही होती है। वनीला एक फल है, दक्षिण भारत के तीन राज्यों में इसकी खेती होती है। वनीला आइस्क्रीम के अलावा केक, कोल्ड ड्रिंक, परफ्यूम्स और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग होता है।

एक समय था जब देश में वनीला की खेती करने वाले किसानों को एक किलो वनीला के बीजों की कीमत 3500 रुपए मिलती थी। आज यह कीमत घटकर मात्र 50 रुपए प्रति किलो हो गई है। देश में जब किसानों ने वनीला की खेती शुरू की थी, उस समय इसकी विदेशों में भारी मांग थी और कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही थी। देश में इसका औसत उत्पादन 1200 टन था लेकिन अब घट गया है। स्थिति यह है कि पिछले तीन सालों में भारत ने वनीला का निर्यात भी नहीं किया है।



वनीला मूल रूप से दक्षिण पूर्वी मेक्सिको, ग्वाटेमाला और मध्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला पौधा है। जावा, मेडागास्कर, ताहिती, जंजीबार, युगांडा, टांगो, जमैका और वेस्टइंडीज में इसकी खेती की जाती है।

भारत में वनीला की खेती अधिक लघु और सीमांत किसान अन्य फसलों के साथ करते हैं। एक समय था जब देश में वनीला की खेती सबसे ज्यादा केरल के एर्णाकुलम जिले मे की जाती थी। खुद वनीला किसान रहे एम.के. साजू ने बताया कि एक समय था जब 2 लाख किसान वनीला की खेती से जुड़े हुए थे लेकिन अभी स्थिति यह है कि 100 से भी कम किसान इसकी खेती कर रहे हैं।



देश में वनीला की खेती और उसके विपणन पर काम करने वाली एजेंसी वनीला कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार सिथेंटिक वनीला ने प्राकृतिक वनीला को नुकसान पहुंचा रहा है, सिंथेटिक वनीला सस्ता होता है जिसके कारण से प्राकृतिक वनीला का अच्छा दाम नहीं मिल पा रहा है। प्राकृतिक वनीला की कीमत 20 हजार रुपए प्रति किलो है जबकि सिंथेटिक वनीला की कीमत 100 रुपए है। यही कारण है वनीला का बाजार चौपट होने से देश के किसानों पर इसका असर पड़ा।

मसाला बोर्ड के अनुसार वनीला आर्किड परिवार का एक सदस्य है। यह एक बेल पौधा है, जिसका तना लंबा और बेलनकार होता है। इसके फूल हरे-पीले रंगे सुगंधित होते हैं। वनीला के फल कैप्सूल के जैसा होता है। फूल सुखाने पर खुशबूदार हो जाते हैं और एक फल से कई सारे गोलाकार बीज मिलते हैं।



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