दीवारों पर होती है गेहूं, धान, मक्का और सब्जियों की खेती, जानिए कैसे ?

Mithilesh DharMithilesh Dhar   4 Sep 2017 5:09 PM GMT

दीवारों पर होती है गेहूं, धान, मक्का और सब्जियों की खेती, जानिए कैसे ?इजरायल में दीवारों पर की जा रही है धान और सब्जियों की पैदावार।

लखनऊ। जहां नजर दौड़ाइए वहीं कंक्रीट की दीवारें नजर आएंगी। बढ़ती आबादी के कारण उपजाऊ जमीन पर घर बनाए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि जब खेत ही नहीं होंगे तो अनाज कैसे पैदा होगा ? खेती में अपने प्रयोगों के लिए प्रसिद्ध इजरायज इसका तोड़ ढूंढने में लगा हुआ है। इजरायल एक नए प्रयोग के तहत दीवारों पर सब्जियां उगा रहा है।

इजरायल की कंपनी ग्रीनवॉल के संस्थापक पायोनिर गाइ बारनेस खाद्य उत्पादन के लिए एक क्रांतिकारी वर्टिकल गार्डन बनाया है। इस पद्धति से बड़ी-बड़ी इमारतों दीवारों पर चावल, मक्का और गेहूं और कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन हो सकता है। ग्रीनवॉल कंपनी की स्थापना 2009 में हुई थी। कंपनी अब खेती के क्षेत्र में तहलका मचाने को तैयार है। कंपनी के अनुसार इस नई विधि से दीवार की दोनों ओर वर्टिकल गार्डेन बनाया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- ऐसे इजराइल ने खेती को बनाया मुनाफे का सौदा: हवा को निचोड़ कर करते हैं सिंचाई, रेगिस्तान में पालते हैं मछलियां

इजरायल में अभी 100 से ज्यादा दीवारों पर ऐसी खेती की जा रही है।

बारनेस बताते हैं कि उनके साथ एप्पल, गूगल, फेसबुक और इंटेल जैसी कंपनियां जुड़ी हैं जिनके सहयोग से इजरायल में अभी 100 से ज्यादा दीवारों पर ऐसी खेती की जा रही है। घर का मालिक वाल गार्डेन कुछ स्कावयर यार्ड के लिए 800 डॉलर में खरीद सकता है। इसकी खास बात ये भी है कि इसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत भी नहीं पड़ती। ग्रीनवॉल खेती के लिए ऐसी उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध कराती है, जो कि किसी भी पौधों के विकास के लिए सक्षम है।

ये भी पढ़ें- आने वाली जेनरेशन को भरपेट खाना मिलता रहे इसलिए 7 चीजें खानी बंद करनी होंगी

कैसे उगती हैं दीवारों पर सब्जियां

वर्टिकल प्लांटिंग सिस्टम के तहत पौधों को छोटे-छोटे यूनिट्स में लगाया जाता। साथ ही सुनिश्चित किया जाता है कि पौधें गिरें न। इसके गमलों को जरूरत के हिसाब से निकाला या बदला भी जा सकता है। सिंचाई के लिए विशेष प्रबंध किया जाता है। अनाज उगाने के लिए इन यूनिट्स को कुछ समय के लिए दीवार से निकाला जाता है और फिर वापस लगा दिया जाता है। वर्टिकल प्लांटिंग सिस्टम के तहत पौधों को स्मॉल मॉड्युलर यूनिट में सघन रूप से लगाया जाता है। पौधे बाहर न गिरे, इसकी व्यवस्था की जाती है। इस पॉट को गार्डन की डिजाइन में बदलाव लाने या इसे रिफ्रेश करने के लिए निकाला या बदला जा सकता है।

घर के अंदर की दीवार पर लगाए गए पाैधे।

ये भी पढ़ें- आतंकवाद से जूझ रहे अफगानिस्तान में महिलाएं सीख रहीं खेती से लाभ कमाने के तरीके

कंप्यूटर की सहायता से होती है सिंचाई

प्रत्येक पौधे को कंप्यूटर की सहायता से विशेष पद्धति के जरिए पानी पहुंचाया जाता है। जब इन पौधों पर अनाज उगने का समय होता है तो पॉट में तैयार इन हरित दीवारों को कुछ अवधि के लिए नीचे उतार लिया जाता है और उसे जमीन पर क्षैतिज रूप से रखा जाता है। दीवारों पर लगाई गई फसलों की सिंचाई के लिए ग्रीनवॉल इजरायली कंपनी नेताफिम द्वारा विकसित बूंद-बूंद सिंचाई पद्धिति का इस्तेमाल करती है। ग्रीनवॉल ने दीवारों पर खेती के लिए मॉनिटर, सेंसर और कंट्रोल सिस्टम को इजरायली वॉटर-मैनेजमेंट कंपनी गैलकॉन की सहायता से विकसित किया है।

दीवारों पर कुछ इस तरह से की जा रही खेती।

पर्यावरण के लिए भी बेहतर

वर्टिकल प्लांटिंग सिस्टम का प्रयोग अमेरिका में भी किया जा रहा है। इस विधि से दीवारों का बेहतर प्रयोग तो किया ही जा रहा साथ ही घर देखने में अच्छे लग रहे हैं। पर्यावरणविदों का मानना है कि वर्टिकल प्लांटिंग सिस्टम गिरते जलस्तर, ऊर्जा और खाद्य पदार्थों के लिए एक जवाब है। वर्टिकल गार्डेन्स में पारंपरिक गार्डेन्स की अपेक्षा 90 प्रतिशत कम पानी की खपत होती है। दीवार पर पौधे होने के कारण तापमान भी नियंत्रित रहता है। बारनेस बताते हैं कि अगर आपकी दीवारों पर पौधे है तो इससे ध्वनिप्रदूषण और हीटिंग कम होता है।

संबंधिक ख़बरें-

आईआईएम के टॉपर ने पहले दिन बेची थी 22 रुपए की सब्जियां, आज करोड़ों में है टर्नओवर

सूट-बूट पहनकर टाई लगाकर खेती करता है ये किसान

जैविक खेती की धुन: पांच दिन आईटी इंजीनियर और वीकेंड पर किसान

कहीं आप भी तो नहीं खाते चमकदार फल-सब्जियां, हो सकते हैं ये नुकसान

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.