कहीं आप भी तो नहीं खाते चमकदार फल-सब्जियां, हो सकते हैं ये नुकसान

Sundar Chandel | Jul 20, 2017, 09:47 IST
uttar pradesh
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। बाजारों में पॉलिश किए गए चमचमाते दिखने वाले फल और सब्जियां कई तरह की बीमारियों को दावत दे सकते हैं।फलों और सब्जियों को घिसकर उस पर लगी पॉलिश उतारने के विडियो आपने देखे होंगे। पर शायद ही कभी ये सोचा होगा कि ये पॉलिश आपको जीवनभर के लिए न सिर्फ डाइबिटीज का मरीज बना सकती है, बल्कि मधुमेह समेत आधा दर्जन बीमारियों को दावत दे सकती हैं।

मेडिकल के सीएमएस डॉ. विभू साहनी बताते हैं, “फल, सब्जियां और चावलों की चिकनाहट बढ़ाने के लिए पॉलिश चढ़ाई जाती है। यह पॉलिश पैंक्रियाज में बीटा सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। इससे बीटा सेल्स से निकलने वाला इंसुलिन धीरे-धीरे कम होता जाता है, जिससे धीरे-धीरे शरीर में डाइबिटीज पनपने लगती है।“ आपको न सिर्फ शहर में बल्कि कस्बों में दर्जनों ऐसी दुकानें मिल जाएंगी, जिन पर चमचमाते फल दूर से ग्राहकों को लुभाते हैं।

बढ़ जाता है टाइप 2 डाइबिटीज का खतरा

पेट रोग विषेशज्ञ डॉ. अनुज शर्मा बताते हैं, “सप्ताह में दो दिन भी पॉलिश वाले चावल खाने से टाइप टू डाइबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।“ शहर में कई स्थानों पर फलों और सब्जियों को रंगने के अलग-अलग ठिकाने हैं। फल व्यापारी सू़त्र बताते हैं कि हापुड़ रोड स्थित मंडी, लालकुर्ती सब्जी मंडी, गंगानगर फल मंडी सहित शहर में दर्जनों ऐसे स्थान हैं, जहां फलों व सब्जियों पर पॉलिश चढ़ाने का काम किया जाता है।

बढ़ जाती है कीमत

हापुड़ रोड स्थित फल विक्रेता राशिद बताते हैं, “फलों या सब्जियों पर पॉलिश लगाना फायदे का सौदा होता है। पॉलिश लगे फलों को जहां एक ओर ग्राहक पसंद करता है, दूसरी ओर उसकी कीमत भी ज्यादा होती है। साथ ही काफी दिनों तक रखने पर भी वह सूखता नहीं है। इसलिए ज्यादातर व्यापारी फलों और सब्जियों पर पॉलिश चढ़वाकर बेचना पसंद करते हैं।“

अधिवक्ता गौरव शर्मा बताते हैं, “पहले लगता था कि जो फल दिखने में खूबसूरत होते हैं, उन्हें ही खरीदा जाए। ऐसी ही फल और सब्जियां खरीदता था, लेकिन एक बार पूरे परिवार को पेचिस हो गया, उस दिन से सोच-समझकर ही फल और सब्जियां खरीदी जाती है।“

डॉक्टर्स बताते हैं कि पॉलिश का इस्तेमाल गैर मौसमी फलों पर ज्यादा किया जाता है। बेहतर होगा कि सीजनल फल और सब्जियां ही खाएं। साथ ही उन फलों और सब्जियों पर भी पॉलिश ज्यादा लगाई जाती है, जो दूसरे राज्यों अथवा दूर शहरों से आते हैं, क्योंकि पॉलिश लगी होने के चलते उनकी चमक नहीं जाती। इसलिए अपने इलाके में पैदा होने वाले फलों को खाएं।

आंखों को भी खतरा

पेट रोग विषेशज्ञ डॉ. पुलकित बताते हैं, “अगर डाइबिटीज है तो वॉलफ्रेम सिंड्रोम की जांच अवश्य कराएं। यह डाइबिटीज का ही एक प्रकार है, जिसकी वजह से बच्चे शारीरिक अक्षम हो जाते हैं। इससे बच्चों की आंखों की न सिर्फ रोशनी जा सकती है, बल्कि वे बहरे भी हो सकते हैं।

बढ़ी है डाइबिटीज के मरीजों की संख्या

  • 30साल से कम उम्र में औसत दो लोगों को डाइबिटीज
  • 50से 75 साल के बीच वाले 34 से 50 लोग डाइबिटीज से पीड़ित
  • 60से 70 साल की उम्र में डाइबिटीज सबसे ज्यादा होता है, सर्वे के मुताबिक 100 में 61 लोग डाइबिटीज से पीड़ित है।
मुख्य खाद्य सुरक्षाधिकारी जेपी सिंह ने बताया अगर पॉलिश चढ़ाकर फल एवं सब्जियां बाजारों में बेचे जा रहे हैं तो इन दुकानदारों को चिंन्हित किया जाएगा और ऐसे स्थानों पर छापेमारी अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • uttar pradesh
  • Swayam Project
  • diabetes
  • Farming
  • Vegetables
  • हिन्दी समाचार
  • Samachar
  • समाचार
  • hindi samachar
  • Indian Village
  • Polish

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.