खेत में शौच कम कर सकता है फसल उत्पादन 

Diti BajpaiDiti Bajpai   25 April 2018 3:15 PM GMT

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खेत में शौच कम कर सकता है फसल उत्पादन पंचायतीराज विभाग ने12 नए गाँवों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चयनित किया है।

भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के प्रधान वैज्ञानिक ने अपने शोध में खुले में शौच में फसल उत्पादन में कमी आने का खुलासा किया है। शोध की इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भी भेजा गया है।

आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ भोजराज सिंह ने बताया, मिट्टी में शौच के बाद बैक्टीरिया और बीमरियां फसल बीज को कमजोर कर देती है। इसके साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व भी कम हो जाते है। फसल बीज कमजोर होने के साथ ही बीमारियों में घिरने लगता है। इससे खेत में फसल उत्पादन कम हो जाता है।

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डॉ भोजराज आगे बताते हैं, "अभी हमारे पास हमारा गांव हमारा गौरव योजना है जिसके तहत हम गांव में किसानों को जागरूक करते है कि वो खुले में शौच न करे। लेकिन लोग जागरूक नही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में भ्रंतियां होती है खेत में शौच से जैविक खाद बनने की बात कहते है जबकि यह एकदम गलत है। इससे खेतों में उर्वरा क्षमता कम हो रही है। पेट की बीमरियां खेतों को नुकसान पंहुचा रही है।"

डॉ सिंह ने बताया पौधों से रोग मुक्त और सुरक्षित भोजन तभी हासिल हो सकता है जब उसे सुरक्षित किया जाए। खुले में शौच करने से खेतों की मिट़टी से फसल बीज तक बीमारियां पहुंच जाती है।

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ऐसे हुआ शोध

आईवीआरआई के वैज्ञानिक ने आम फसलों के बीज अंकुरण पर साल्मोनेला एंटिका उपप्रजाति एंटिरिका, सरोबर, टर्टियुरिम और सीरेटिया फांटिकोला के प्रभाव पर शोध किया था। शोध में वैज्ञानिक भोजराज सिंह, अश्वनी कुमार, सुगंध अ्ग्रवाल और अनिल वर्मा ने 36 किस्म के बीज के बीज अंकुरण पर प्रभावों की जांचा। इसमें बैक्टीरिया बीज अंकुरण को कम करने की बात सामने आई है। संगटिया फाटिकला ने 11 पौधों की प्रजातियों और 19 प्रजातियों के बीच अंकुरण को रोक दिया। यह बैक्टीरिया पौधों के साथ ही जानवरों को भी संक्रमित करती है।

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