इन पेड़ों की पत्तियां करेंगी आपकी फसल में नाइट्रोजन की कमी को पूरा
Divendra Singh | Apr 24, 2018, 11:53 IST
फसल उपज में वृद्धि के लिए किसान लगातार रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं, जो पर्यावरण व इंसानों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। वैज्ञानिक अब उर्वरकों के विकल्पों के तलाश में हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ा सकते हैं।
डॉ. रजनी श्रीवास्तव, बीएचयू
उन्होंने अपने रिसर्च में देखा कि नाइट्रोजन से भरपूर पेड़ जैसे शीशम, अमलतास व नीम की सूखी पत्तियों को मिट्टी मिलाने से माइक्रोबियल बायोमास की वृद्धि होती है और धान की उपज में वृद्धि में मददगार साबित होंगे। सूक्ष्मजीव, जब मिट्टी में प्रचुर मात्रा में, बिगड़ने वाले पौधे और पशु अवशेष और अन्य कार्बनिक पदार्थ कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे अन्य पौधे पोषक तत्वों को छोड़ने के लिए मिट्टी उपजाऊ और पोषक तत्व समृद्ध बनाते हैं।
वैज्ञानिकों ने पाया कि तीन पेड़ों में से शीशम की पत्तिया मिट्टी में सूक्ष्मतत्वों में वृद्धि और नाइट्रोजन को बढ़ाने के लिए सबसे सही है। लेकिन इन पत्तियों के पोषक तत्व छोटे समय के फसलों के लिए ही प्रभावी होते हैं। साभार- इंडिया साइंस वायर
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के इस ब्लॉक के किसान करते हैं जैविक खेती, कभी भी नहीं इस्तेमाल किया रसायनिक उर्वरक
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि नाइट्रोजन से भरपूर पेड़ की पत्तियों का उपयोग मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए काम कर सकता है। बीएचयू के विशेषज्ञ डॉ. रजनी श्रीवास्तव बताती हैं, "इन पेड़ों की पत्तियां न केवल मिट्टी में पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करता है, बल्कि मिट्टी में नमी को भी बनाए रखते हैं।"
इन पेड़ों की पत्तियां न केवल मिट्टी में पोषक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करता है, बल्कि मिट्टी में नमी को भी बनाए रखते हैं
उन्होंने अपने रिसर्च में देखा कि नाइट्रोजन से भरपूर पेड़ जैसे शीशम, अमलतास व नीम की सूखी पत्तियों को मिट्टी मिलाने से माइक्रोबियल बायोमास की वृद्धि होती है और धान की उपज में वृद्धि में मददगार साबित होंगे। सूक्ष्मजीव, जब मिट्टी में प्रचुर मात्रा में, बिगड़ने वाले पौधे और पशु अवशेष और अन्य कार्बनिक पदार्थ कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे अन्य पौधे पोषक तत्वों को छोड़ने के लिए मिट्टी उपजाऊ और पोषक तत्व समृद्ध बनाते हैं।
वो आगे बताती हैं, "पेड़ पत्तियों की उपयुक्तता तीन मानकों पर मापी जाती है। उच्च नाइट्रोजन सामग्री, कम पॉलीफेनॉल-पदार्थ जो सूक्ष्म विकास को रोकते हैं और कम लिग्निन सामग्री क्योंकि इसे अपघटन के लिए अधिक समय सीमा होती है। इन पत्तियों के साथ मिट्टी को उपचार करने पर फसल की पैदावार में 68 से 161 प्रतिशत तक वृद्धि हुई।"
वैज्ञानिकों ने पाया कि तीन पेड़ों में से शीशम की पत्तिया मिट्टी में सूक्ष्मतत्वों में वृद्धि और नाइट्रोजन को बढ़ाने के लिए सबसे सही है। लेकिन इन पत्तियों के पोषक तत्व छोटे समय के फसलों के लिए ही प्रभावी होते हैं। साभार- इंडिया साइंस वायर