शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

लद्दाख में 800 से ज्यादा किसानों ने अपनी जमीन पर डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च द्वारा बनाए गए सोलर ग्रीनहाउस स्थापित किए हैं। ये ग्रीन हाउस उन्हें इलाके के बर्फीले मौसम में कई तरह की सब्जियां उगाने में मदद कर रहे हैं। अब उनका परिवार न सिर्फ अच्छा खाना खा पा रहा है बल्कि सर्दियों के मौसम में किसान अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं।

Mudassir KulooMudassir Kuloo   26 Dec 2022 6:36 AM GMT

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शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

लद्दाख में बर्फीले सर्दियों की वजह से इस मौसम में खेतों में कुछ भी उगा पाना संभव नहीं, खासकर तब, जब तापमान शून्य से 20-30 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। लेकिन 50 साल के लद्दाखी किसान ने नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच अपने खेतों में पालक, फूलगोभी और धनिया की खेती की है। सभी फोटो: Dr Tsering Stobdan, Senior Scientist, DIHAR

लद्दाख के खालसी गाँव के 50 साल के रिंचा अंगचुक पेशे से किसान हैं। उनके लिए सर्दियों के महीने हमेशा से संघर्षपूर्ण हुआ करते थे। कड़ाके की ठंड से बचने के अलावा, अपनी पत्नी और दो बेटियों को खिलाने के लिए पौष्टिक सब्जियां ढूंढना हमेशा से एक चुनौती रहा था।

अंगचुक ने गाँव कनेक्शन को बताया, "सर्दियों के महीनों में टमाटर की कीमत 150 रुपये से 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है। सब्जियां दिल्ली या श्रीनगर से बर्फ से बाधित लद्दाख में लाई जाती हैं, इसलिए यहां तक आते-आते इनकी कीमतें काफी बढ़ जाती हैं। उन्हें खरीद पाना हमारे बस से बाहर की बात होती थी।"

अंगचुक के पास आमतौर पर सर्दियों के महीनों में कोई काम भी नहीं होता था. ऐसे मौसम में खेतों में कुछ भी उगा पाना संभव नहीं है, सो वह बेकार बैठे रहते थे। लेकिन चीजें तब बदल गईं जब अंगचुक ने लद्दाख ग्रीन हाउस के बारे में जाना। एक निष्क्रिय (PASSIVE) सौलर ग्रीनहाउस, जहां किसान सर्दियों के मौसम में कई तरह की सब्जियां उगा सकते हैं।

अंगचुक ने कहा, "मैंने जुलाई 2021 में सरकार के कृषि विभाग से संपर्क किया था। और फिर उनकी मदद से 18 x 32 फीट का सोलर ग्रीनहाउस स्थापित किया, जहां मैं शून्य से नीचे के तापमान में भी सब्जियां उगा सकता हूं।"


लद्दाख में बर्फीले सर्दियों की वजह से इस मौसम में खेतों में कुछ भी उगा पाना संभव नहीं है, खासकर तब, जब तापमान शून्य से 20-30 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। लेकिन 50 साल के लद्दाखी किसान ने नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच अपने खेतों में पालक, फूलगोभी और धनिया की खेती की है।

उन्होंने कहा, "मेरे परिवार अब पहले से बेहतर खाना खा रहा है। हमारे खाने में सभी तरह की ताजा सब्जी मौजूद होती है और साथ ही मैंने इन महीनों में सब्जियां बेचकर 40,00 रुपये कमाए हैं।"

लद्दाख के मुख्य कृषि अधिकारी शकील अहमद ने गाँव कनेक्शन को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पिछले दो सालों में 800 से ज्यादा किसानों ने सोलर पावर हाउस लगाए हैं। नवंबर और फरवरी के बीच की कड़ाके की ठंड में भी किसानों के पास अब खाने और बेचने के लिए ताजी सब्जियां होती हैं।

शकील अहमद ने कहा, "हमें किसानों से भारी प्रतिक्रिया मिल रही है। पॉलीकार्बोनेट शीट्स, दरवाजों और खिड़कियों का खर्च विभाग उठाता है। सरकार इन सौर ऊर्जा हाउस को 70 प्रतिशत की सब्सिडी देती है. अगले साल के अंत तक हमने 1,000 और सौर ग्रीनहाउस स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।"

उनके अनुसार, ये सौर ग्रीनहाउस स्थानीय समुदायों को साल भर ताजी सब्जियां उगाने में मदद करते हैं। इससे उनका दूसरी जगहों से सब्जियां खरीदने पर होने वाला खर्च भी बच जाता है।

डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) के वैज्ञानिकों ने 2014 में एक सौर ग्रीनहाउस पर काम करना शुरू किया था। उनका मकसद एक ऐसा संस्करण तैयार करने का था, जो सर्दियों में जमने वाले पारंपरिक ग्रीनहाउस की तुलना में अधिक कुशल हो। DIHAR लद्दाख के लेह शहर में स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की एक डिफेंस लैब है।

पहल के प्रमुख वैज्ञानिक सेरिंग स्टोबदान ने गांव कनेक्शन को बताया, "कई सालों की मेहनत के बाद हम सौलर ग्रीनहाउस विकसित करने में कामयाब रहे। इनमें अधिकतम तापमान गर्मियों में 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जाता है और चरम ठंड के महीनों में सबसे कम तापमान 5-10 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहता है. इतने तापमान में सर्दियों के महीनों में सब्जियां उगाना संभव है।"

उन्होंने आगे बताया कि जब तापमान शून्य से नीचे चला जाता है तो नियमित ग्रीनहाउस काम नहीं कर पाते हैं। सौर ग्रीनहाउस को गर्म करने की जरूरत नहीं होती है। वह दिन के उजाले के दौरान सूरज की रोशनी से मिलने वाली गर्मी को बनाए रखते हैं और अपने आपको गर्म रखते हैं।

DIHAR ने ग्रीनहाउस विकसित करने के बाद 2018 में, अपनी इस तकनीक को लद्दाख के कृषि विभाग को स्थानांतरित कर दिया था। अब कृषि विभाग लद्दाख किसानों को रियायती दरों पर ये सोलर ग्रीन हाउस उपलब्ध करा रहा है।


मुख्य कृषि अधिकारी अहमद ने कहा कि जहां नियमित पॉलीहाउस की कीमत 50,000 रुपये तक है, वहीं 18 x 32 फीट के सौर ऊर्जा हाउस को लगाने का खर्च 2.5 लाख रुपये और 60 x 24 फीट के सौर ऊर्जा हाउस की कीमत 4 लाख रुपये है।

उन्होंने कहा कि ग्रीनहाउस में इस्तेमाल की जाने वाली पॉलीकार्बोनेट शीट बाहर के तापमान में ठंड के दौरान भी लगभग 10 डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखती हैं। चादरें लाइट ट्रांसमिशन को आने देती हैं, थर्मल इन्सुलेशन प्रदान करता है और मौसम के लिए प्रतिरोधी होता है।

अहमद ने बताया, "जिन किसानों को सर्दियों के मौसम में काम नहीं मिल रहा था, वे अब ग्रीनहाउस की बदौलत अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं। इससे लद्दाख के बाहर से आने वाली सब्जियों पर निर्भरता भी कम हुई है।'

कृषि विभाग किसानों को प्रशिक्षण भी देता है. विभाग किसानों को बताता है कि वे सर्दियों के मौसम में ग्रीनहाउस में कैसे और क्या उगा सकते हैं।

लद्दाखी परिवारों के लिए बेहतर पोषण और आय

लेह जिले के थेकसे गांव के 45 वर्षीय किसान टुंडुक कुंजुंग ने गांव कनेक्शन से कहा, "अपने सोलर ग्रीनहाउस में मैंने पिछली सर्दियों में टमाटर, फूलगोभी और भिंडी उगाई थी और सब्जियां बेचकर लगभग 40,000 रुपये भी कमाए।" उन्होंने दो साल पहले ग्रीनहाउस स्थापित किया था।

कुंजुंग ने सलाह देते हुए कहा, "अगर हमें आगे के लिए सोचना है और लद्दाख को आत्मनिर्भर बनाना है तो हर किसान को इन ग्रीनहाउस को अपनाना होगा" वह सोलर ग्रीनहाउस स्थापित करने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे।

laddakh protected farming #story 

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