मौसम की मेहरबानी से आलू किसानों की बल्ले-बल्ले, अभी और बढ़ सकते हैं आलू के दाम

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीन साल से लगातार मंदी की मार झेल रहे किसानों के लिए यह समय अनुकूल है।

Sundar ChandelSundar Chandel   19 May 2018 1:06 PM GMT

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मौसम की मेहरबानी से आलू किसानों की बल्ले-बल्ले, अभी और बढ़ सकते हैं आलू के दाम

मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीन साल से लगातार मंदी की मार झेल रहे किसानों के लिए यह समय अनुकूल है। इस बार शुरुआत में ही आलू के दामों ने मई की गर्मी की तरह किसानों की जेब को भी गर्म किया है।

पश्चिमी यूपी में आलू के वर्तमान में दाम 1500 से 1600 रुपए प्रति कुंतल हैं। वहीं कृषि जानकार अभी आने वाले दिनों में आलू के दाम और बढ़ने की संभावना जता रहे हैं। जिससे आलू किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर साफ दिखाई दे रही है।
पश्चिमी यूपी में गन्ना, गेहूं और धान के बाद आलू की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। पिछले तीन सालों से किसान लगातार आलू की खेती में पिट रहे थे। जिसके चलते इस बार कुछ किसानों ने आलू से हाथ भी खींच लिए थे, लेकिन जिस तरह इस सीजन की शुरुआत में ही आलू किसानों को दाम अच्छे मिल रहे हैं तो किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। विगत सालों में सीजन की शुरुआत में आलू के भाव अमुमन 400 से 700 रुपए प्रति कुंतल तक रहते थे। जिससे किसान की लागत भी निकल पाना मुश्किल रहता था।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज बताते हैं, "अभी तक कोल्ड स्टोर नहीं खुले हैं । जैसे ही कोल्ड स्टोरेज खुलेंगे तो आलू के दाम और भी बढ़ने के आसार हैं।" मेरठ के केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ. मनोज कुमार बताते हैं, "पिछले साल की तुलना में इस बार आलू के दाम बहुत अच्छे रहने की उम्मीद है। आलू की फसल में लागत को देखते हुए किसानों का मोह आलू की फसल से कम हुआ है। आने वाले समय में पूरी उम्मीद है कि आलू का रेट 2000 रुपए प्रति कुंतल होने की संभावना है।"


इन कारणों से बढ़े दाम
पिछले तीन सालों में आलू के दामों में लगातार गिरावट
जिससे कम हो गया आलू का रकबा
पहले साल कीमत अच्छी न मिलने से 20 फीसदी लघु किसानों ने आलू की खेती से खींच लिए हाथ
इस बार पिछले साल की अपेक्षा कम हुआ आलू का उत्पादन
कृषि का क्षेत्रफल भी पिछले साल की तुलना में कम रहा
मौसम किसानों के अनुकूल रहा, कम उत्पादन के साथ बाजार में आवक भी कम
ये प्रजातियां ज्यादा अनुकूल

इस बार आलू अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने जो प्रजाति विकसित की थी, उसका किसानों को बहुत लाभ मिला। कुफरी बहार, कुफरी पुखराज, कुफरी मोहन, कुफरी ख्याती, चिप्सोना आदि प्रजातियों ने अच्छा उत्पादन देकर किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी।
इन जिलों में होती है खेती
मेरठ, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, शामली, बिजनौर, बागपत, हापुड़ गाजियाबाद, गौतमबुद्वनगर, बुलंदशहर, संभल, अलीगढ, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद, ऐटा, इटावा, फतेहपुर, बदायु, कौशांबी, कासगंज, पीलीभीत, सीतापुर, रामपुर।
इन जिलों में इस बार आलू का उत्पादन
जनपद क्षेत्रफल उत्पादन
मेरठ
6600 हेक्टेयर
17000 मीट्रिक टन

बागपत 500 हेक्टेयर 13000 मीट्रिक टन
गाजियाबाद 2400 हेक्टेयर23125 मीट्रिक टन
हापुड

3600 हेक्टेयर 98500 मीट्रिक टन
बुलंदशहर
8100 हेक्टेयर 22500 मीट्रिक टन
गौतमबुद्धनगर
400 हेक्टेयर

10500 मीट्रिक टन
क्या कहते हैं कृषि जानकार
इस बार मौसम अनुकूल होने के साथ किसानों ने वैज्ञानिकों की सलाह को माना है। जिसके चलते फसल पर मौसम का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ सका। इस बार आलू के दाम अच्छे हैं और अच्छे दाम होने की प्रबल संभावना है।
- अशोक चौहान, तकनीकि अधिकारी, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, मेरठ
पिछले तीन सालों में आलू किसानों ने खून के आंसू रोए हैं। कभी मौसम की मार तो कभी भाव न मिलने के कारण किसान दुदर्शा झेल रहे हैं। यह बेल्ट गन्ने के साथ आलू की भी है। इस बार अच्छे दाम होने से किसानों को ऑक्सीजन मिलेगी।

- भोपाल सिंह, जागरूक किसान, फुंडा
पिछले साल की तुलना में इस बार आलू के दाम बहुत अच्छे रहने की उम्मीद है। आलू की फसल में लागत को देखते हुए किसानों का मोह आलू की फसल से कम हुआ है। आने वाले समय में पूरी उम्मीद है कि आलू का रेट 2000 रुपए प्रति कुंतल होने की संभावना है।
- डॉ. मनोज कुमार, संयुक्त निदेशक, केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, मेरठ

     

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