कम लागत और कम पूंजी से शुरू करें मधुमक्खी पालन, इस तरह शुरू करें ये व्यवसाय
Diti Bajpai | Apr 10, 2018, 19:15 IST
मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो खेती किसानी से जुड़े लोग या फिर बेरोजगार लोग इस व्यवसाय को अपनाकर एक साल में लाखों की कमाई कर सकते है। इस व्यवसाय में कम लागत और कम पूंजी लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।
लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गोसाईंगंज ब्लाक के मदारपुर गाँव के निवासी ब्रजेश कुमार पिछले 27 वर्षों से मधुमक्खी पालन कर रहे उससे अच्छा लाभ कमा रहे है। ब्रजेश के पास 650 मौनगृह है। एक डिब्बे से ब्रजेश करीब 40-50 किलो तक का शहद उत्पादन करते है। ब्रजेश बताते हैं, "शुरू में एक डिब्बे से इस व्यवसाय को शुरू किया था और 650 डिब्बों में पालन कर रहा हूं। इसके साथ-साथ मैं यूपी और बिहार के करीब 5500 लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे चुका हूं।'' 10-12 डिब्बो से भी मौन पालन की शुरुआत कर सकते है।
भारत शहद उत्पादन के मामले में अभी पांचवें स्थान पर है। किसानों की आय बढ़ाने करने के लिए और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए देश के कई संस्थान इस व्यवसाय की ओर ध्यान दे रहे है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त से संस्थान से प्रशिक्षण लें।
मौन पालन के लिए एक समूह बनाना होता है जिससे पालन किया जाता है। तीन तरह की मधुमक्खी की जरुरत होती है। पहली रानी मधुमक्खी जो 24 घंटे में लगभग 800-1500 अंडे देती है। इसको मधुमक्खी को एक ही से शुरू किया जा सकता है। दूसरी वरकर(कमेरी) ये मधुमक्खी अंडे से निकले बच्चों को खाना खिलाती है। एक डब्बे में इनकी संख्या 25-30 हज़ार होनी चाहिए। तीसरी ड्रॉन(नर)इस मधुमक्खी का काम रानी को गर्भ धारण करना होता है। इनकी संख्या 300-400 तक होनी चाहिए।
मधुमक्खी पालन। मौन पालन के लिए लाही,सरसो, बरसीम, सूरजमुखी, तिल, अरहर, मक्का, साग सब्जी फसले, नीम, जामुन, यूकेलिप्टस आदि से मधुमक्खियों से अच्छा शहद उत्पादन किया जा सकता है।
मौन पालन व्यवसाय हेतु उपयुक्त प्रजातियां
लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गोसाईंगंज ब्लाक के मदारपुर गाँव के निवासी ब्रजेश कुमार पिछले 27 वर्षों से मधुमक्खी पालन कर रहे उससे अच्छा लाभ कमा रहे है। ब्रजेश के पास 650 मौनगृह है। एक डिब्बे से ब्रजेश करीब 40-50 किलो तक का शहद उत्पादन करते है। ब्रजेश बताते हैं, "शुरू में एक डिब्बे से इस व्यवसाय को शुरू किया था और 650 डिब्बों में पालन कर रहा हूं। इसके साथ-साथ मैं यूपी और बिहार के करीब 5500 लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे चुका हूं।'' 10-12 डिब्बो से भी मौन पालन की शुरुआत कर सकते है।
भारत शहद उत्पादन के मामले में अभी पांचवें स्थान पर है। किसानों की आय बढ़ाने करने के लिए और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए देश के कई संस्थान इस व्यवसाय की ओर ध्यान दे रहे है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त से संस्थान से प्रशिक्षण लें।
मौन पालन के लिए एक समूह बनाना होता है जिससे पालन किया जाता है। तीन तरह की मधुमक्खी की जरुरत होती है। पहली रानी मधुमक्खी जो 24 घंटे में लगभग 800-1500 अंडे देती है। इसको मधुमक्खी को एक ही से शुरू किया जा सकता है। दूसरी वरकर(कमेरी) ये मधुमक्खी अंडे से निकले बच्चों को खाना खिलाती है। एक डब्बे में इनकी संख्या 25-30 हज़ार होनी चाहिए। तीसरी ड्रॉन(नर)इस मधुमक्खी का काम रानी को गर्भ धारण करना होता है। इनकी संख्या 300-400 तक होनी चाहिए।
मधुमक्खी पालन। मौन पालन के लिए लाही,सरसो, बरसीम, सूरजमुखी, तिल, अरहर, मक्का, साग सब्जी फसले, नीम, जामुन, यूकेलिप्टस आदि से मधुमक्खियों से अच्छा शहद उत्पादन किया जा सकता है।
मौन पालन व्यवसाय हेतु उपयुक्त प्रजातियां
- एपिस सिराना इंडिका-- इसे भारतीय मौन के नाम से जाना जाता है।
- एपिस मैली फेरा--- इसे इटैलियन मधुमक्खी के नाम से जाना जाता है। शांत स्वभाव, अधिक उत्पादन क्षमता, वंश वृद्धि क्षमता। यह सबसे ज्यादा पाली जाती है।
- मौन गृह मोटी और गन्ध रहित लकड़ी के बने हो।
- मौन गृह में एक स्वस्थ रानी हो।
- मौन गृह में पर्याप्त मात्रा में मकरंद व पराग हो।
- मौन गृह में 5-6 फ्रेम मधुमक्खी, अंडा, लारवा व प्यूपा से भरी हो ।
- बक्सों के स्थानातरंण का कार्य रात में ही करना चाहिए।
- नर मक्खियां कम हो। क्योंकि ये पराग को कम जाती है। साथ ही ज्यादा आहार ग्रहण करती है।
- बॉक्स को छायादार स्थान पर रखे।
- बरसात के समय मौन गृह को ऊँचे और खुले स्थान में रखे।
- आस-पास की घास इत्यादि साफ़ करते रहे।
- भोजन न होने पर 50 प्रतिशत चीनी की चाशनी बना कर दे।
- मधुमक्खियों को मोमी पतंगा से बचा कर रखना चाहिए और चींटियों से बचाव के लिए मौन बॉक्स स्टैंड के नीचे कटोरियों में पानी भरकर रख सकते है।
- मौन बॉक्स के अंदर खाली मोम वाली फ्रेमो को निकाल कर अलग धुप दिखाते रहने से मोमी पतंगे को इनसे बचाया जा सकता है।
- खुली जगह की आवश्यकता होती है, जहां पर आप मधुमक्खियों के पालन के लिए पेटियां रख सके।
- लकड़ी के बने बक्से
- मुंह रक्षक जाली
- रानी मक्खी
- हाथों के लिए दस्ताने
- धुंआदानी समेत औजारों की आवश्यकता पड़ती है।
- अगर आप 200 से 300 पेटियां मधुमक्खियां पालते हैं तो आपको 4 से 5 हजार स्क्वायर फीट की जमीन लेनी पड़ती है, जो आपको 9 से 10 लाख रुपये तक मिल जाएगी।